केदारनाथ यात्रा मार्ग पर आर्यन एविएशन हेलीकॉप्टर दुर्घटना स्थल – गौरीकुंड जंगल, जून 2025केदारनाथ यात्रा मार्ग पर आर्यन एविएशन हेलीकॉप्टर दुर्घटना स्थल – गौरीकुंड जंगल, जून 2025

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रिपोर्ट: ज्वालापुर टाइम्स न्यूज | 15 जून 2025

उत्तराखंड की पवित्र केदारनाथ यात्रा एक बार फिर दर्दनाक हादसे का शिकार हुई। गौरीकुंड-सोनप्रयाग मार्ग पर आज सुबह आर्यन एविएशन कंपनी का एक हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया, जिसमें प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार 5 से 7 श्रद्धालुओं की जान चली गई, जिनमें एक बच्चा और पायलट भी शामिल हैं।

यह हादसा तब हुआ जब हेलीकॉप्टर गुप्तकाशी से केदारनाथ धाम की ओर उड़ान भर रहा था। त्रिजुगीनारायण और गौरीकुंड के जंगलों के बीच यह हादसा खराब मौसम के कारण हुआ माना जा रहा है।

हादसे की मुख्य जानकारी:

स्थान: गौरीकुंड-सोनप्रयाग के बीच घना जंगल क्षेत्रहेली कॉप्टर कंपनी: आर्यन एविएशन

गंतव्य: गुप्तकाशी से केदारनाथ धाम मृत्यु संख्या: 5 से 7 (अभी पुष्टि जारी), एक बच्चा और पायलट मृतकों में शामिलसं भावित कारण: खराब मौसम बचाव कार्य: आपदा प्रबंधन, जिला प्रशासन और पुलिस ने तुरंत मोर्चा संभाला

प्रशासन और DGCA की त्वरित प्रतिक्रिया

घटना के तुरंत बाद रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी ने जांच के आदेश दिए और हेलीकॉप्टर सेवाओं की सुरक्षा को लेकर सख्त निर्देश जारी किए। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) पहले से ही केदारनाथ मार्ग पर हवाई सेवाओं की निगरानी कर रहा है। DGCA ने हाल ही में सभी ऑपरेटरों को SOP (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) का सख्ती से पालन करने और केवल OGE (Out of Ground Effect) स्थितियों में उड़ान भरने के निर्देश दिए थे। इसके बावजूद हादसे का होना व्यवस्थाओं पर सवाल खड़ा करता है।

12 सालों में 14 हादसे: क्या केदारनाथ हवाई यात्रा सुरक्षित है?

यह कोई पहली दुर्घटना नहीं है। पिछले 12 वर्षों में केदारनाथ मार्ग पर 14 से अधिक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें 33 से अधिक जानें जा चुकी हैं। 8 मई 2025 को गंगोत्री के पास एक हेलीकॉप्टर क्रैश में 6 यात्रियों की मौत हुई थी। 7 जून 2025 को क्रिस्टल एविएशन के हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग हुई थी जिसमें यात्री बाल-बाल बचे थे। और अब, 12 जून 2025 को आर्यन एविएशन का यह हादसा।

इन घटनाओं ने एक बार फिर हवाई यात्रा के रखरखाव, उड़ान मानकों के पालन, और यात्रियों की सुरक्षा पर गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं।

श्रद्धालुओं में भय और प्रशासन पर अविश्वास

हर साल लाखों श्रद्धालु चारधाम यात्रा के अंतर्गत केदारनाथ दर्शन के लिए आते हैं। हेलीकॉप्टर सेवाएं बुजुर्गों, बीमारों और सीमित समय में दर्शन करने वालों के लिए वरदान जैसी मानी जाती हैं। लेकिन बढ़ते हादसे श्रद्धालुओं में डर और असमंजस का माहौल पैदा कर रहे हैं। अब कई यात्री पैदल यात्रा को प्राथमिकता देने लगे हैं, क्योंकि उन्हें हवाई यात्रा असुरक्षित लगने लगी है।

सरकार की जिम्मेदारी और जवाबदेही

प्रशासनिक अधिकारियों और DGCA द्वारा तात्कालिक जांच की घोषणा की जाती है, लेकिन लंबी अवधि की सुधारात्मक योजना अब तक नजर नहीं आई है। यात्रियों की जान की कीमत आज भी मुनाफाखोरी के सामने गौण होती दिखाई दे रही है। सरकार और डीजीसीए से अब गंभीर, पारदर्शी और ठोस कदमों की अपेक्षा है:लाइसेंस प्राप्त ऑपरेटरों की पुनः समीक्षा मौसम के पूर्वानुमान आधारित उड़ानों पर नियंत्रणपायलटों की ट्रेनिंग की गुणवत्ता पर निगरानी हेलीकॉप्टर की तकनीकी जांच रिपोर्टों को सार्वजनिक करनालाइव ट्रैकिंग और निगरानी तंत्र लागू करना

ज्वालापुर टाइम्स न्यूज पर पढ़ते रहें उत्तराखंड की यात्रा, सुरक्षा और प्रशासनिक निर्णयों से जुड़ी निष्पक्ष रिपोर्ट। यदि आप केदारनाथ यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो सुरक्षा मानकों की जानकारी अवश्य लें और केवल अधिकृत, लाइसेंस प्राप्त ऑपरेटरों से ही सेवा लें।

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By Aman

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