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अटल बिहारी वाजपेयी की भव्य प्रतिमा का अनावरण: एक श्रद्धांजलि लेखक गांव में आयोजित हुआ विशेष कार्यक्रमगांव में आयोजित हुआ विशेष कार्यक्रम

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देहरादून न्यूज़

पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म शताब्दी के अवसर पर देहरादून के थानो स्थित लेखक गांव में उनकी भव्य मूर्ति का अनावरण किया गया। इस अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल उपस्थित रहे। कार्यक्रम में नालंदा पुस्तकालय और अनुसंधान केंद्र का उद्घाटन किया गया, साथ ही 72 फीट ऊंचे राष्ट्रीय ध्वज स्तंभ का अनावरण भी हुआ।

अटल जी की स्मृति को समर्पित व्याख्यानमाला

राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने अपने संबोधन में कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी का जीवन और उनके कार्य राष्ट्र के प्रति उनकी गहरी प्रतिबद्धता का प्रतीक हैं। संयुक्त राष्ट्र में हिंदी में भाषण देने वाले पहले प्रधानमंत्री के रूप में उनका योगदान देश के लिए ऐतिहासिक है। उन्होंने कहा कि लेखक गांव में अटल जी की मूर्ति और उनके जीवन पर आधारित व्याख्यानमाला का आयोजन उनकी स्मृति को संजोने और आने वाली पीढ़ियों को उनके विचारों से प्रेरित करने का एक सराहनीय प्रयास है।

मुख्यमंत्री धामी का उद्बोधन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अटल जी को याद करते हुए कहा कि उनका व्यक्तित्व केवल राजनीति तक सीमित नहीं था, बल्कि एक कवि, वक्ता और दूरदर्शी नेता के रूप में उन्होंने देश को एक नई दिशा दी। उन्होंने कहा कि अटल जी के नेतृत्व में उत्तराखंड राज्य का गठन हुआ, जो यहां के लोगों के लिए गर्व की बात है। उन्होंने लेखक गांव को साहित्य और कला के साधकों के लिए प्रेरणास्रोत बताया और इस पहल के लिए पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ का आभार व्यक्त किया।

लेखक गांव की भूमिका और महत्व

मुख्यमंत्री ने कहा कि “लेखक गांव” देशप्रेम, साहित्य सृजन और शिक्षा के प्रति स्वर्गीय अटल जी की प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाने का एक गंभीर प्रयास है। शांत वातावरण और प्राकृतिक सौंदर्य के कारण यह स्थान साहित्य और कला के साधकों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया है। यहां आयोजित अटल स्मृति व्याख्यानमाला संवाद और चिंतन के आदान-प्रदान का एक महत्वपूर्ण मंच बन रही है।

पूर्व मुख्यमंत्री निशंक का योगदान

पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि लेखक गांव की संकल्पना के प्रेरणा स्रोत अटल बिहारी वाजपेयी हैं। उन्होंने कहा कि अटल जी का साहित्य और साहित्यकारों के प्रति विशेष लगाव था और उनकी सोच साहित्य के क्षेत्र से जुड़े लोगों के हित में कार्य करने की रही है।

अन्य मुख्य अतिथियों का योगदान

इस अवसर पर पद्म भूषण रजत शर्मा ने व्याख्यानमाला में अटल जी के जीवन से जुड़े संस्मरण साझा किए। मुख्य कार्याधिकारी फ्लैग फाउंडेशन ऑफ इंडिया मे.ज. अशीम कोहली (से.नि.), स्पर्श हिमालय फाउंडेशन की निदेशक विदुषी निशंक, साहित्यकार डॉ. अरुण शर्मा, डॉ. सविता मोहन और अन्य साहित्यकारों की उपस्थिति ने कार्यक्रम को विशेष बना दिया।

कार्यक्रम का निष्कर्ष

लेखक गांव, अतीत की गूंज, वर्तमान की ऊर्जा और भविष्य की संभावनाओं को एक मंच पर लाने का माध्यम बनकर उभर रहा है। अटल बिहारी वाजपेयी स्मृति व्याख्यानमाला ने उनके विचारों और कार्यों को जीवंत रखने का एक मजबूत आधार तैयार किया है। यह आयोजन साहित्य, शिक्षा और राष्ट्रीय एकता के प्रति उनके योगदान को समर्पित था।

By Aman

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