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देहरादून मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को भराड़ीसैंण स्थित विधानसभा परिसर से राज्य की पहली योग नीति 2025 का औपचारिक शुभारंभ करते हुए कहा कि आने वाले वर्षों में उत्तराखंड को योग, आयुर्वेद और आध्यात्मिक पर्यटन का वैश्विक केंद्र बनाया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आयोजित विशेष कार्यक्रम में विभिन्न देशों से आए प्रतिनिधियों और योग गुरु पद्मश्री स्वामी भारत भूषण के साथ योगाभ्यास किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड न केवल देवभूमि है, बल्कि यह योग और अध्यात्म की भी भूमि है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से प्रदेश सरकार ने देश की पहली समर्पित योग नीति तैयार की है, जिसे अब औपचारिक रूप से लागू किया गया है।
योग नीति 2025 के प्रमुख प्रावधान
राज्य सरकार द्वारा घोषित योग नीति में कई महत्वपूर्ण बिंदु शामिल हैं। नीति के अनुसार राज्य में योग केंद्रों, ध्यान केंद्रों और प्राकृतिक चिकित्सा संस्थानों के निर्माण के लिए अधिकतम बीस लाख रुपये तक की सब्सिडी दी जाएगी। साथ ही, योग और प्राकृतिक चिकित्सा के क्षेत्र में शोध करने वालों को दस लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता दी जाएगी।

राज्य सरकार ने 2030 तक प्रदेश में पांच प्रमुख योग हब स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके अतिरिक्त मार्च 2026 तक सभी आयुष हेल्थ और वेलनेस सेंटरों में योग सेवाएं उपलब्ध कराने की योजना है।
गढ़वाल और कुमाऊं में स्पिरिचुअल इकोनॉमिक ज़ोन

मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि राज्य सरकार गढ़वाल और कुमाऊं मंडलों में एक-एक स्पिरिचुअल इकोनॉमिक ज़ोन की स्थापना करेगी। इन ज़ोन में अंतरराष्ट्रीय स्तर की योग, आयुर्वेद और आध्यात्मिक सुविधाएं विकसित की जाएंगी, जो न केवल स्थानीय लोगों को लाभ पहुंचाएंगी, बल्कि देश-विदेश के पर्यटकों को भी आकर्षित करेंगी। उन्होंने यह भी कहा कि दो नए नगर बसाए जाएंगे, जो योग और वेलनेस के विशेष केंद्र होंगे।
अंतरराष्ट्रीय सहभागिता से कार्यक्रम को मिली वैश्विक पहचान
भराड़ीसैंण में आयोजित योग दिवस कार्यक्रम में आठ देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इन देशों में मैक्सिको, नेपाल, फिजी, सूरिनाम, मंगोलिया, लातविया, श्रीलंका और रूस शामिल हैं। इन सभी अतिथियों ने मुख्यमंत्री के साथ सामूहिक योग किया और उत्तराखंड की पहल की सराहना की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भराड़ीसैंण केवल राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी नहीं है, बल्कि यह एक सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और प्राकृतिक धरोहर का केंद्र है। यहां से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के आयोजन ने प्रदेश को वैश्विक मंच पर नई पहचान दी है।
योग से संपूर्ण जीवन संतुलित होता है
मुख्यमंत्री धामी ने अपने संबोधन में कहा कि योग न केवल शरीर को स्वस्थ रखता है, बल्कि यह मानसिक और आत्मिक संतुलन भी प्रदान करता है। योग के माध्यम से तनाव, चिंता और नकारात्मक विचारों से मुक्ति मिलती है। यह जीवन में स्थिरता और सकारात्मक ऊर्जा लाता है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शिता और प्रेरणा से आज योग को वैश्विक मान्यता प्राप्त हुई है। आज योग जाति, धर्म, भाषा और सीमाओं से परे जाकर पूरे मानव समाज को जोड़ने का कार्य कर रहा है। यह एक वैश्विक एकता और समरसता का प्रतीक बन चुका है।
पलायन रोकने और रोजगार बढ़ाने की दिशा में भी प्रयास
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में पलायन की समस्या को रोकने और युवाओं को स्वरोजगार उपलब्ध कराने के लिए लगातार प्रयासरत है। इसके लिए एक स्ट्रैटेजिक एडवाइजरी कमेटी का गठन किया गया है, जो स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार के नए अवसर तलाशने और लागू करने का कार्य करेगी। उन्होंने बताया कि योग, वेलनेस और आध्यात्मिक पर्यटन को रोजगार का नया आधार बनाया जा रहा है।
विद्यार्थियों से संवाद मुख्यमंत्री योग दिवस कार्यक्रम में शामिल होने से पहले विद्यार्थियों और स्थानीय लोगों से भी मिले। उन्होंने योग के महत्व पर चर्चा की और छात्रों से आग्रह किया कि वे अपने जीवन में नियमित योग को शामिल करें। छात्रों ने भी मुख्यमंत्री से मिलकर उत्साह और उमंग के साथ योग कार्यक्रम में भाग लिया।
उपस्थित प्रमुख अतिथि इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत, विभिन्न देशों के राजदूत और दूतावासों के प्रतिनिधि, स्थानीय विधायक अनिल नौटियाल, गढ़वाल कमिश्नर, चमोली जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक सहित बड़ी संख्या में अधिकारी और आमजन मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री द्वारा शुरू की गई योग नीति उत्तराखंड के लिए न केवल स्वास्थ्य की दृष्टि से, बल्कि आर्थिक, पर्यटन और रोजगार के क्षेत्र में भी एक महत्वपूर्ण पहल है। यदि इसे प्रभावी रूप से लागू किया जाए, तो यह राज्य को न केवल देश में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर योग और वेलनेस की राजधानी के रूप में स्थापित कर सकती है।
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