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देहरादून (ज्वालापुर टाइम्स न्यूज)। उत्तराखंड के विकास और चारधाम यात्रा को सुगम बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में सिलक्यारा टनल का ब्रेकथ्रू सफलतापूर्वक पूरा किया गया। यह सुरंग न केवल भौगोलिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि भावनात्मक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी राज्यवासियों के लिए विशेष महत्व रखती है।
1384 करोड़ की लागत से बन रही है डबल लेन सुरंग

लगभग 1384 करोड़ रुपये की लागत से बन रही 4.531 किलोमीटर लंबी सिलक्यारा सुरंग गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के बीच की दूरी को 25 किलोमीटर तक कम कर देगी। इससे चारधाम यात्रा के दौरान यात्रियों को अधिक सुगमता, सुरक्षा और समय की बचत होगी। सुरंग के निर्माण से स्थानीय लोगों को व्यापार, पर्यटन और रोजगार के नए अवसर मिलेंगे, जिससे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
2023 का साहसिक रेस्क्यू ऑपरेशन बना प्रेरणा स्रोत
गौरतलब है कि वर्ष 2023 में सुरंग निर्माण के दौरान अचानक भूस्खलन की घटना हुई थी, जिसमें 41 श्रमिक 17 दिनों तक सुरंग के भीतर फंसे रह गए थे। इस जटिल स्थिति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में चलाया गया रेस्क्यू अभियान विश्व के सबसे लंबे और जटिल अभियानों में से एक माना गया। रेस्क्यू ऑपरेशन की सफलता ने इंजीनियरिंग, टीमवर्क और मानवता की अद्भुत मिसाल पेश की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे देश की नजरें इस अभियान पर टिकी हुई थीं। जिस संयम, धैर्य और साहस का परिचय श्रमिकों और रेस्क्यू टीम ने दिया, वह प्रशंसनीय है। इस अभियान में देश-विदेश के तकनीकी विशेषज्ञों, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, रैट माइनर्स और विभिन्न सहयोगी संस्थाओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
मुख्यमंत्री ने बाबा बौखनाग मंदिर में की प्राण प्रतिष्ठा
ब्रेकथ्रू कार्यक्रम के साथ ही मुख्यमंत्री ने सिलक्यारा स्थित बाबा बौखनाग मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में भी भाग लिया। मुख्यमंत्री अपने घर से पूजा सामग्री लेकर विशेष रूप से इस कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। रेस्क्यू अभियान के दौरान मुख्यमंत्री ने बाबा बौखनाग से मन्नत मांगी थी कि यदि श्रमिक सकुशल बाहर निकाले जाते हैं, तो मंदिर का निर्माण कराएंगे। आज उस संकल्प की पूर्ति हुई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब सुरंग के मुहाने पर बाबा बौखनाग की मूर्ति स्थापित की गई थी, तब से ही परिस्थितियां अनुकूल होती गईं और सभी मजदूर सुरक्षित बाहर निकल आए। उन्होंने बाबा बौखनाग से राज्य की सुख-समृद्धि और शांति के लिए प्रार्थना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बनेगा और क्षेत्र में धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा देगा।
मुख्यमंत्री धामी की घोषणाएं

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कई महत्वपूर्ण घोषणाएं भी कीं:1. सिलक्यारा टनल का नाम बाबा बौखनाग सुरंग के रूप में रखा जाएगा। 2. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गेंवला-ब्रह्मखाल को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उन्नत किया जाएगा। 3. बौखनाग टिब्बा को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। 4. स्यालना क्षेत्र में हेलीपैड का निर्माण किया जाएगा ताकि आपात स्थितियों में तेजी से सहायता पहुंचाई जा सके।
कार्यक्रम में रही प्रमुख हस्तियों की मौजूदगी
इस ऐतिहासिक अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री अजय टम्टा, स्थानीय विधायक सुरेश चौहान, दुर्गेश्वर लाल, संजय डोभाल, एनएचआईडीसीएल के प्रबंध निदेशक डॉ. कृष्ण कुमार, जिलाधिकारी उत्तरकाशी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट, एसपी सरिता डोभाल, जनप्रतिनिधि और अधिकारीगण मौजूद रहे।
सिलक्यारा सुरंग परियोजना न केवल उत्तराखंड की भौगोलिक और धार्मिक यात्रा को सुगम बनाएगी, बल्कि इसके माध्यम से राज्य में तकनीकी दक्षता, आपदा प्रबंधन और विकास की नई मिसाल कायम हुई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में यह परियोजना न केवल सफल हुई, बल्कि भावनात्मक रूप से भी लोगों को जोड़ने में सफल रही। बाबा बौखनाग के आशीर्वाद और जनता के सहयोग से यह सुरंग भविष्य में उत्तराखंड की प्रगति का नया द्वार बनेगी।
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