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मुख्यमंत्री ने की ऐतिहासिक घोषणा
देहरादून : उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने की औपचारिक घोषणा करते हुए इसे भारत के लिए ऐतिहासिक क्षण बताया। मुख्यमंत्री ने यूसीसी अधिसूचना का अनावरण किया और साथ ही ucc.uk.gov.in पोर्टल का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने इस पोर्टल पर अपने विवाह का पहला पंजीकरण कराकर इसे ऐतिहासिक क्षण बना दिया। इस अवसर पर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने मुख्यमंत्री को विवाह पंजीकरण प्रमाणपत्र सौंपा।
पहले पांच आवेदकों को मिला प्रमाणपत्र
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने यूसीसी के तहत सबसे पहले पंजीकरण कराने वाले पांच आवेदकों को प्रमाणपत्र प्रदान किए। उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता लागू करना उत्तराखंड सरकार द्वारा संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. बी.आर. अंबेडकर और संविधान सभा के सदस्यों को सच्ची श्रद्धांजलि है।
समान नागरिक संहिता: उद्देश्य और प्रभाव
मुख्यमंत्री ने बताया कि यूसीसी लागू होने से राज्य में विवाह, तलाक और उत्तराधिकार के नियम समान हो जाएंगे।
विवाह की न्यूनतम आयु:लड़कों के लिए 21 वर्ष।लड़कियों के लिए 18 वर्ष।
दूसरे विवाह पर प्रतिबंध: पति/पत्नी के जीवित रहते दूसरा विवाह मान्य नहीं होगा।
संपत्ति में समान अधिकार:
मृतक की संपत्ति में पत्नी, बच्चे और माता-पिता को समान अधिकार।बेटियों को भी संपत्ति में समान अधिकार।महिला सुरक्षा एवं सशक्तिकरण:हलाला, तीन तलाक, और इद्दत जैसी प्रथाओं पर रोक।
लिव इन रिलेशनशिप पंजीकरण अनिवार्यपहले से स्थापित लिव इन:संहिता लागू होने की तारीख से एक महीने के भीतर पंजीकरण अनिवार्य।
नई लिव इन रिलेशनशिप:
प्रवेश की तिथि से एक महीने के भीतर पंजीकरण अनिवार्य।लिव इन समाप्ति:एक या दोनों साथी ऑनलाइन/ऑफलाइन लिव इन समाप्त कर सकते हैं।यदि एक साथी आवेदन करता है, तो दूसरे की पुष्टि अनिवार्य होगी।गर्भधारण सूचना:महिला के गर्भवती होने पर रजिस्ट्रार को अनिवार्य सूचना देनी होगी। बच्चे के जन्म के 30 दिन के भीतर जानकारी अपडेट करनी होगी।
यूसीसी पोर्टल और शुल्क राहत
मुख्यमंत्री ने बताया कि ucc.uk.gov.in पोर्टल पर पंजीकरण प्रक्रिया को सरल बनाया गया है।पहले छह महीने:यूसीसी लागू होने से पहले पंजीकृत विवाह या तलाक के मामलों में कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।
अनुसूचित जनजातियों को विशेष प्रावधान
यूसीसी नियमावली: जिम्मेदारियां और अधिकार
1. सब रजिस्ट्रार के कर्तव्य:सामान्य आवेदन 15 दिनों में और तत्काल मामले 3 दिनों में निपटाना।विवाह की जानकारी सत्यापित न होने पर अभिभावकों को सूचना देना। 2. रजिस्ट्रार के कर्तव्य:सब रजिस्ट्रार के आदेशों पर 60 दिन में निर्णय लेना।लिव इन और विवाह कानूनों के उल्लंघन की सूचना पुलिस को देना।3. रजिस्ट्रार जनरल के कर्तव्य:अपीलों का 60 दिन के भीतर निपटारा।ऑटो-फॉरवर्ड मामलों का समाधान।
महत्वपूर्ण तिथियां
27 मई 2022: यूसीसी पर विशेषज्ञ समिति का गठन।08 फरवरी 2024: राज्य विधानसभा द्वारा यूसीसी अधिनियम अनुमोदित। 27 जनवरी 2025: उत्तराखंड में यूसीसी लागू।यूसीसी दिवस की घोषणामुख्यमंत्री ने घोषणा की कि 27 जनवरी को हर वर्ष “समान नागरिक संहिता दिवस” के रूप में मनाया जाएगा।कार्यक्रम के मुख्य अतिथिइस ऐतिहासिक अवसर पर राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट, कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, गणेश जोशी, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
उत्तराखंड ने समान नागरिक संहिता लागू करके देश के लिए एक नई मिसाल पेश की है।
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