सबसे सटीक ज्वालापुर टाइम्स न्यूज़
देहरादून : न्यूज़
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को दून विश्वविद्यालय, देहरादून में आयोजित ‘गंग धारा-विचारों का अविरल प्रवाह’ कार्यक्रम में सहभागिता की। उन्होंने इस अवसर पर पहाड़ी उत्पादों पर आधारित विभिन्न स्टालों का अवलोकन किया और आयोजकों को शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह के आयोजन हमारी संस्कृति और परंपराओं को संरक्षित करते हैं और समाज में सकारात्मक बदलाव लाते हैं। उन्होंने गंगा के अविरल प्रवाह का उदाहरण देते हुए कहा कि विचारों का प्रवाह भी निरंतर गतिमान रहना चाहिए, जो हमें जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है।
मुख्यमंत्री ने विचारों के आदान-प्रदान की महत्ता पर जोर देते हुए कहा कि यह हमारी परंपरा का अभिन्न हिस्सा रहा है। प्राचीन गुरुकुलों में संवाद और चर्चा को शिक्षा का आधार माना गया था। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में भारतीय संस्कृति पर स्वामी अवधेशानंद गिरि जी महाराज का मार्गदर्शन प्राप्त होना हमारे लिए सौभाग्य की बात है। इस दो दिवसीय व्याख्यान श्रृंखला में पलायन, शिक्षा, संस्कृति, पर्यावरण और हिमालयी क्षेत्रों की धारण क्षमता जैसे विषयों पर चर्चा की जाएगी, जो न केवल राज्य बल्कि समस्त हिमालयी क्षेत्र के कल्याण के लिए महत्वपूर्ण हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत अपनी समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं के संरक्षण और संवर्धन की दिशा में आगे बढ़ रहा है। ‘लोकल फॉर वोकल’, ‘मेक इन इंडिया’, ‘मेड इन इंडिया’ और ‘स्टार्टअप इंडिया’ जैसे अभियानों के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को साकार किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि
राज्य सरकार ने दून विश्वविद्यालय में ‘सेंटर फॉर हिंदू स्टडीज’ की स्थापना का निर्णय लिया है, जहाँ हिंदू सभ्यता, दर्शन, इतिहास और सिद्धांतों पर गहन अध्ययन और शोध कार्य किया जाएगा। साथ ही, राज्य सरकार इकॉनमी और इकोलॉजी के समन्वय के साथ उत्तराखंड के समग्र विकास को बढ़ावा दे रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड देश का पहला राज्य है जिसने जीडीपी के साथ-साथ जीईपी (ग्रॉस एनवायरनमेंट प्रोडक्ट) को मापने का प्रयास किया है।
उन्होंने बताया कि

नीति आयोग द्वारा सतत विकास लक्ष्यों की सूची में उत्तराखंड देश में प्रथम स्थान पर रहा है। राज्य सरकार ने स्थानीय अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए ‘स्टेट मिलेट मिशन’, ‘एप्पल मिशन’, नई पर्यटन नीति और नई फिल्म नीति जैसी कई योजनाएं शुरू की हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड सरकार देश में समान नागरिक संहिता पर कार्य करने वाला पहला राज्य है। इसे 2025 तक लागू कर दिया जाएगा। इसके सरल प्रावधानों को समझने के लिए एक एप्लिकेशन भी तैयार किया जा रहा है।
उन्होंने राज्य में अतिक्रमण, धर्मांतरण और नकल के खिलाफ सख्त कानून लागू करने की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि इन कार्रवाइयों का उद्देश्य किसी धर्म या समुदाय विशेष के खिलाफ नहीं है, बल्कि राज्य की सांस्कृतिक एकता और सामाजिक सद्भाव को बनाए रखना है।
इस अवसर पर आचार्य महामंडलेश्वर जूना अखाड़ा स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, विधायक विनोद चमोली, दून विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. सुरेखा डंगवाल और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।