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देहरादून में आयोजित अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के राज्य स्तरीय कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वरिष्ठ नागरिकों को सम्मानित किया। इस अवसर पर उन्होंने पौधारोपण किया, निशुल्क एंबुलेंस वैन सेवा की शुरुआत की और वॉकथन रैली को हरी झंडी दिखाई।
क्यों मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस
हर साल 1 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य समाज में वरिष्ठ नागरिकों के योगदान को सम्मान देना और उनकी देखभाल, सुरक्षा एवं अधिकारों पर ध्यान केंद्रित करना है। संयुक्त राष्ट्र ने 1990 में इस दिवस की शुरुआत की थी। भारत में भी केंद्र और राज्य सरकारें इस दिन को जागरूकता और सम्मान कार्यक्रमों के रूप में मनाती हैं।
कार्यक्रम का आयोजन और मुख्य आकर्षण
राजधानी देहरादून स्थित हिमालयन सांस्कृतिक केंद्र, नींबूवाला में बुधवार को राज्य स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया गया। मुख्यमंत्री धामी ने यहाँ पहुँचकर वरिष्ठ नागरिकों को सम्मानित किया और उन्हें “वरिष्ठ नागरिक सम्मान संकल्प” दिलवाया। एक पेड़ “मां के नाम” पर लगाया।
वृद्धजनों की सेवा के लिए निशुल्क एंबुलेंस वैन को रवाना किया। वॉकथन रैली को हरी झंडी दिखाई, जिसमें बड़ी संख्या में बुजुर्ग शामिल हुए।

सरकार की योजनाएँ और सुविधाएँ
सीएम धामी ने अपने संबोधन में विभिन्न योजनाओं और व्यवस्थाओं की जानकारी दी:
- अटल वयोअभ्युदय योजना, प्रधानमंत्री वय वंदना योजना, राष्ट्रीय वयोश्री योजना, वृद्धावस्था पेंशन योजना समेत कई योजनाओं से वरिष्ठ नागरिक लाभान्वित हो रहे हैं।
- राज्य में बागेश्वर, चमोली और उत्तरकाशी में वृद्धाश्रम संचालित हो रहे हैं।
- देहरादून, अल्मोड़ा और चंपावत में नए वृद्धाश्रम भवन निर्माणाधीन हैं।
- रुद्रपुर (उधम सिंह नगर) में केंद्र सरकार के सहयोग से एक मॉडल वृद्धाश्रम का निर्माण किया जा रहा है।
- रुद्रप्रयाग, टिहरी, पौड़ी और पिथौरागढ़ जिलों में भी वृद्धाश्रमों की स्थापना की प्रक्रिया जारी है।
जेरियाट्रिक केयर गिवर और स्वास्थ्य सेवाएँ
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि जेरियाट्रिक केयर गिवर प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत विशेषज्ञ तैयार किए जा रहे हैं। इस वर्ष 150 मास्टर ट्रेनर और केयर गिवर बनाने का लक्ष्य है।
इसके साथ ही:
- राष्ट्रीय वयोश्री योजना के अंतर्गत सहायक उपकरण वितरित किए जा रहे हैं।
- इस वर्ष 1,300 वरिष्ठ नागरिकों की निशुल्क मोतियाबिंद सर्जरी का लक्ष्य रखा गया है।
- माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिक भरण-पोषण अधिनियम राज्य में लागू है ताकि बुजुर्गों के अधिकार सुरक्षित रह सकें।

स्थानीय प्रभाव और जनता की प्रतिक्रिया
इस कार्यक्रम से प्रदेश के वरिष्ठ नागरिकों में आत्मविश्वास और सम्मान की भावना बढ़ी है। वॉकथन रैली में शामिल बुजुर्गों ने समाज को संदेश दिया कि उम्र चाहे कोई भी हो, सक्रिय रहना जरूरी है।
वहीं, निशुल्क एंबुलेंस सेवा शुरू होने से स्वास्थ्य सेवाओं तक बुजुर्गों की पहुँच और आसान होगी।
तुलना और आँकड़े
पिछले कुछ वर्षों में उत्तराखंड सरकार ने बुजुर्गों के लिए योजनाओं पर ध्यान बढ़ाया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि डिजिटल भुगतान और डीबीटी जैसी व्यवस्थाएँ पेंशन वितरण की पारदर्शिता और गति को और मजबूत बना रही हैं। अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस पर मुख्यमंत्री धामी का यह संदेश स्पष्ट है कि वरिष्ठ नागरिक केवल परिवार ही नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए मूल्यवान धरोहर हैं। सरकार की ओर से चल रही योजनाएँ उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाने की दिशा में अहम कदम हैं। समाज को भी यह सुनिश्चित करना चाहिए कि बुजुर्गों को सम्मान, सुरक्षा और सहयोग मिलता रहे।
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