हरिद्वार। सड़क सुरक्षा सप्ताह के तहत क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (RTO) द्वारा स्कूल-कॉलेजों में सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस पहल का उद्देश्य युवाओं को यातायात नियमों की जानकारी देना और सुरक्षित यात्रा के प्रति सचेत करना था।
कार्यक्रम का नेतृत्व एआरटीओ रश्मि पंत ने किया, जिनकी टीम ने विद्यालयों और महाविद्यालयों में जाकर छात्र-छात्राओं को सड़क सुरक्षा नियमों की अहमियत बताई। इस दौरान हेलमेट और सीट बेल्ट की अनिवार्यता, यातायात संकेतों का पालन, ओवरस्पीडिंग के खतरे और विद्यालय वाहनों के सुरक्षित उपयोग जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर जानकारी दी गई।
छात्रों को दिए गए यह जरूरी संदेश:
हेलमेट और सीट बेल्ट का हमेशा उपयोग करें।ट्रैफिक सिग्नल और सड़क संकेतों का पालन करें।
तेज गति से वाहन न चलाएं, खासकर स्कूलों और रिहायशी इलाकों में। नशे में वाहन न चलाएं, यह न केवल अवैध है बल्कि खतरनाक भी।
पैदल चलने वाले ज़ेब्रा क्रॉसिंग का उपयोग करें और सड़क पार करने से पहले दोनों ओर देखें।
छात्र-छात्राओं में दिखा उत्साह
कार्यक्रम के दौरान विद्यार्थियों ने सवाल-जवाब सत्र में बढ़-चढ़कर भाग लिया और सड़क सुरक्षा से जुड़े कई मुद्दों पर अपनी जिज्ञासाएं जाहिर कीं। आरटीओ टीम ने सजीव प्रदर्शन (Live Demonstration) के माध्यम से सड़क सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं को समझाया, जिससे छात्र-छात्राओं को इसे वास्तविक जीवन में लागू करने की प्रेरणा मिली।
एआरटीओ रश्मि पंत ने कहा कि, “सड़क सुरक्षा नियमों का पालन न केवल कानून की जिम्मेदारी है, बल्कि यह हमारी खुद की सुरक्षा के लिए भी जरूरी है। युवा अगर अभी से इन नियमों को अपनाएंगे, तो आगे चलकर सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी।”
अभियान रहेगा जारी
आरटीओ की यह मुहिम सड़क सुरक्षा सप्ताह के अंत तक अलग-अलग शिक्षण संस्थानों और सार्वजनिक स्थलों पर चलती रहेगी। इस अभियान का लक्ष्य अधिक से अधिक लोगों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक करना और उन्हें एक सुरक्षित यातायात संस्कृति का हिस्सा बनाना है।
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