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हरिद्वार, :उत्तराखंड ग्राम्य विकास समिति (UGVS – REAP) की वार्षिक कार्ययोजना 2024-25 की प्रगति की समीक्षा के लिए एक ऑनलाइन बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता परियोजना निदेशक और अपर सचिव ग्राम्य विकास मनुज गोयल ने की। इस बैठक में डेप्युटी कमिश्नर ग्राम्य विकास, डेप्युटी डायरेक्टर (HR&M)-UGVS, मुख्य विकास अधिकारी, परियोजना निदेशक (डीआरडीए), सभी जिला परियोजना प्रबंधक (ग्रामोत्थान परियोजना), और अन्य जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक के मुख्य बिंदु:
1. अल्ट्रा पुअर पैकेज की प्रगति:अत्यंत गरीब परिवारों को आय सृजन के लिए ₹35,000 ब्याज मुक्त ऋण प्रदान किए जा रहे हैं। योजना के लक्ष्यों की समीक्षा की गई और इसे प्रभावी ढंग से लागू करने पर जोर दिया गया।
2. शेयर कैपिटल की समीक्षा:प्रथम और द्वितीय वर्ष के तहत कई क्लस्टर लेवल फेडरेशन (सीएलएफ) ने अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर लिया है। लंबित कार्यों को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए गए।
3. सीएलएफ के बिजनेस प्लान:सीएलएफ के व्यावसायिक योजनाओं की समीक्षा की गई। निर्देश दिए गए कि बिजनेस प्लान व्यावहारिक और दीर्घकालिक हों।
4. फार्म और नॉन-फार्म एंटरप्राइजेज:किसानों और ग्रामीण उद्यमियों को सहायता प्रदान कर छोटे उद्योग और व्यवसायों को बढ़ावा देने की प्रगति पर चर्चा हुई।5. संग्रहण केंद्रों की प्रगति:संग्रहण केंद्रों के उपयोग और निर्माण कार्य की समीक्षा की गई। धीमी प्रगति वाले क्षेत्रों में तेजी लाने के निर्देश दिए गए।
6. वे साइट अमेनिटीज:वे साइट सुविधाओं की गुणवत्ता और समय पर उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।
7. जलवायु अनुकूल कृषि प्रशिक्षण:किसानों को जलवायु स्मार्ट कृषि तकनीकों का प्रशिक्षण देने की प्रगति पर चर्चा हुई। इसे व्यापक बनाने पर जोर दिया गया।
8. सीएलएफ स्टाफ की समीक्षा:सीएलएफ स्टाफ के कार्यों की समीक्षा की गई। कुछ क्षेत्रों में सुधार की आवश्यकता पर बल दिया गया।
परियोजना निदेशक द्वारा दिए गए निर्देश:
सभी लंबित कार्यों को समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाए।सीएलएफ को उद्यम स्थापित करने में निरंतर सहयोग प्रदान किया जाए।सामुदायिक संस्थानों को सशक्त बनाने के लिए सीएलएफ और उनके स्टाफ की नियमित समीक्षा की जाए।
उद्देश्य और परिणाम:
इस बैठक का उद्देश्य 2024-25 की वार्षिक कार्ययोजना के तहत निर्धारित लक्ष्यों को समय पर प्राप्त करना और ग्रामोत्थान परियोजना के तहत सामुदायिक संस्थानों को सशक्त बनाना है। परियोजना निदेशक के नेतृत्व में किए गए दिशा-निर्देश ग्रामीण आजीविका को बढ़ावा देने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने में सहायक होंगे।