NDRF ने सिखाए आपदाओं से निपटने के तरीकेआपदाओं से निपटने के तरीके
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हरिद्वार जिले के विकासखंड लक्सर स्थित राजकीय माध्यमिक विद्यालय कबुलपुर रायघटी में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की 15वीं वाहिनी के तत्वाधान में एक दिवसीय आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का संचालन इंस्पेक्टर कपिल अहलावत और उनकी दस सदस्यीय टीम द्वारा किया गया। प्रशिक्षण का आयोजन कमांडेंट श्री सुरेश कुमार दराल के मार्गदर्शन में किया गया, जिसमें कक्षा 6 से 10 तक की छात्राओं के साथ-साथ विद्यालय के शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों ने भी भाग लिया।

प्रशिक्षण के दौरान एनडीआरएफ की भूमिका और जिम्मेदारियों को विस्तार से समझाया गया। आपदाओं के समय उचित कदम उठाने के लिए कई महत्वपूर्ण विषयों पर व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया। इसमें हृदयघात की स्थिति में सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) तकनीक, गले में कुछ फंस जाने पर एफबीएओ (फॉरेन बॉडी एयरवे ऑब्स्ट्रक्शन) उपचार, रक्तस्राव को नियंत्रित करने के उपाय और आपातकालीन एवं गैर-आपातकालीन परिस्थितियों में घायलों को सुरक्षित स्थान तक पहुंचाने के तरीके शामिल थे।

इसके अलावा, आपदा के दौरान उपलब्ध साधनों का उपयोग कर इंप्रोवाइज्ड स्ट्रेचर बनाने और अग्नि, बाढ़ एवं भूकंप जैसी आपदाओं से बचाव के लिए आवश्यक सावधानियों पर भी प्रशिक्षण दिया गया। इस कार्यक्रम में इंप्रोवाइज्ड फ्लोटिंग डिवाइस और रोप रेस्क्यू तकनीक का प्रदर्शन भी किया गया, जिसे छात्राओं ने बड़े उत्साह के साथ सीखा और अभ्यास किया।

विद्यालय की प्रधानाचार्य श्री जदुनाथ सिंह ने एनडीआरएफ टीम द्वारा किए गए इस उत्कृष्ट प्रशिक्षण की सराहना की। उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रम छात्रों को आपदा प्रबंधन के प्रति जागरूक करने के साथ-साथ उन्हें किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए सक्षम बनाते हैं। विद्यालय की वरिष्ठ शिक्षिका एल.टी. श्रीमती मोनिका भटनागर, श्रीमती मंजु पंवार, श्रीमती रश्मि गुप्ता, श्री अशोक कुमार और सोनी नेगी सहित अन्य शिक्षक एवं कर्मचारी इस प्रशिक्षण सत्र में सक्रिय रूप से शामिल रहे।

छात्राओं ने इस अवसर का भरपूर लाभ उठाया और भविष्य में किसी भी आपातकालीन स्थिति का सामना करने के लिए खुद को तैयार करने का संकल्प लिया। विद्यालय प्रशासन ने भी इस प्रकार के जागरूकता कार्यक्रमों को नियमित रूप से आयोजित करने की इच्छा जताई, ताकि छात्र-छात्राएं और शिक्षक किसी भी आपदा के समय बेहतर प्रतिक्रिया दे सकें।

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By Aman

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