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हरिद्वार, मंगलौर। फर्जी पहचान पत्रों का उपयोग कर सिम कार्ड बेचना दो आरोपियों को भारी पड़ गया। मंगलौर पुलिस ने टेलीकॉम फ्रॉड मामले में फरार चल रहे मौहतसीन और तनवीर को गिरफ्तार कर लिया। ये दोनों बीते दो साल से पुलिस की नजरों से बचते फिर रहे थे।
कैसे हुआ फर्जी सिम कार्ड घोटाला?

वर्ष 2023 में आइडिया प्राइवेट लिमिटेड के नोडल अधिकारी विशाल पाठक ने कोतवाली मंगलौर में शिकायत दर्ज कराई थी कि कुछ रिटेलर्स आर्थिक लाभ के उद्देश्य से फर्जी फोटो और आधार कार्ड का इस्तेमाल कर 440 सिम कार्ड एक्टिवेट कर चुके हैं। जांच में खुलासा हुआ कि ये सिम फर्जी दस्तावेजों के आधार पर चालू किए गए थे, जिससे टेलीकॉम फ्रॉड और साइबर अपराध बढ़ने का खतरा था।
गिरफ्तार आरोपियों के नाम

1️⃣ मौहतसीन पुत्र इलियास
2️⃣ तनवीर पुत्र जब्बाद
➡️ दोनों आरोपी ग्राम टांडा बरेड़ा, मंगलौर, जिला हरिद्वार के निवासी हैं।
पुलिस की सतर्कता से मिली सफलता

🔹 पुलिस टीम लंबे समय से फर्जी सिम बेचने वाले गिरोह पर नजर रखे हुए थी।
🔹 दिनांक 09.03.2025 को पुलिस ने पुख्ता सुराग मिलने पर दोनों आरोपियों को धर दबोचा।
🔹 नियमानुसार आरोपियों के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471 आईपीसी के तहत वैधानिक कार्रवाई की जा रही है।
क्या होता है फर्जी सिम कार्ड का खतरा?

✔️ फर्जी सिम साइबर अपराधियों के हाथ लगने पर ऑनलाइन ठगी, बैंकिंग फ्रॉड और टेरर फंडिंग जैसे अपराधों को बढ़ावा दे सकता है।
✔️ अवैध सिम कार्ड का उपयोग ब्लैकमेलिंग और साइबर क्राइम के लिए किया जाता है।
✔️ टेलीकॉम कंपनियां और सरकार KYC वेरिफिकेशन को सख्त करने पर जोर दे रही हैं ताकि इस तरह की धोखाधड़ी पर लगाम लगाई जा सके।
पुलिस टीम की भूमिका
🔹 उप निरीक्षक: संजीव चौहान
🔹 हेड कांस्टेबल: श्यामबाबू
🔹 कांस्टेबल: उत्तम, विनोद
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