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मंडी । हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में सोमवार रात से जारी मूसलाधार बारिश ने तबाही का मंजर खड़ा कर दिया। करसोग, धर्मपुर, गोहर और सदर उपमंडलों में बादल फटने, फ्लैश फ्लड और भूस्खलन की घटनाओं ने जान-माल का भारी नुकसान किया है।

सबसे ज्यादा नुकसान करसोग और गोहर क्षेत्रों में सामने आया है जहां एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है और सात लोग लापता बताए जा रहे हैं।
करसोग में फ्लैश फ्लड से जान-माल की क्षति, एक की मौत
करसोग उपमंडल के पुराना बाजार (पंजराट), कुट्टी, बरल, ममेल और भ्याल इलाकों में भारी बारिश के कारण अचानक आई बाढ़ ने कई वाहनों और घरों को नुकसान पहुंचाया। प्रशासन ने बताया कि फ्लैश फ्लड के चलते एक व्यक्ति की जान चली गई है। डीएसपी करसोग तरनजीत सिंह के अनुसार, राहत और बचाव अभियान लगातार जारी है, और अब तक 25 से अधिक लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया है।
गोहर उपमंडल में मकान बहा, सात लोग लापता
गोहर क्षेत्र में स्थिति और भी गंभीर रही, जहां एक मकान पूरी तरह बह गया। हादसे में मां-बेटी को तो बचा लिया गया, लेकिन मकान में मौजूद 7 अन्य लोग लापता हैं। लापता लोगों की पहचान इस प्रकार हुई है

पदम सिंह (75) देवकू देवी (70) झाबे राम (50) पार्वती देवी (47) सुरमि देवी (70)इंद्र देव (29) उमावती (27) कनिका (9) गौतम (7)
स्थानीय प्रशासन और पुलिस की टीमें लगातार खोजबीन में लगी हैं और लापता लोगों की तलाश की जा रही है।
धर्मपुर और अन्य क्षेत्रों में जलभराव और भूस्खलन की घटनाएं

धर्मपुर के मंडप तहसील में स्थित सुंदल गांव के पास काफल भवानी माता मंदिर से जुड़ा नाला उफान पर आ गया, हालांकि यहां किसी मानव हानि की सूचना नहीं है।वहीं, लौंगनी पंचायत के सयाठी गांव में भूस्खलन से एक मकान और कई गौशालाएं जमींदोज हो गईं। इससे मवेशियों और खच्चरों के हताहत होने की आशंका जताई जा रही है।
ब्यास नदी उफान पर, पंडोह डैम से पानी छोड़ा गया
लगातार बारिश के चलते पंडोह डैम का जलस्तर 2922 फीट तक पहुंच गया है, जो खतरे के निशान 2941 फीट के काफी करीब है। ब्यास नदी में 1.5 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने के कारण नदी पूरे उफान पर है। पानी का स्तर इतना बढ़ गया कि मंडी शहर के पंचवक्त्र मंदिर तक पानी पहुंच गया, और शहर में कई स्थानों पर जलभराव की स्थिति बन गई।

रातभर चला रेस्क्यू अभियान, कई परिवारों को सुरक्षित निकाला गयामंडी शहर के पंडोह बाजार, पैलेस कॉलोनी, जेल रोड, और रघुनाथ का पधर जैसे क्षेत्रों में भारी बारिश के चलते जलभराव हो गया। प्रशासन द्वारा रात में 12 से अधिक लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।मंडी-कोटली रोड, बाड़ी गुमाणू रोड, और कई अन्य संपर्क मार्गों पर भारी लैंडस्लाइड हुआ जिससे सड़कें बंद हो गईं और वाहनों तथा घरों को नुकसान पहुंचा।
पटीकरी पावर प्रोजेक्ट, बाखली और कुकलाह पुल को भी गंभीर नुकसान हुआ है, जिससे कई गांवों का संपर्क पूरी तरह टूट गया है।
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चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे बंद, शैक्षणिक संस्थान भी हुए बंदचंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे पर यातायात पूरी तरह बंद कर दिया गया है। साथ ही, जिले के सभी स्कूल और कॉलेज एहतियातन बंद कर दिए गए हैं।प्रशासन ने जनता को अलर्ट जारी करते हुए, नदी-नालों के पास न जाने और ऊंचे सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की है।
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