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हरिद्वार, 26 दिसम्बर, 2024
जिलाधिकारी कर्मेन्द्र सिंह ने जानकारी दी है कि राज्य निर्वाचन आयोग, उत्तराखण्ड द्वारा “अधिकतम निर्वाचन व्यय और उसकी लेखा प्रस्तुति आदेश, 2024” के निर्देशों के तहत नगर निकाय सामान्य निर्वाचन-2024 के दौरान निर्वाचन अभ्यर्थियों के व्यय की निगरानी और लेखा प्रस्तुतिकरण में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सख्त कदम उठाए गए हैं।
निर्वाचन व्यय में गड़बड़ियों पर सख्त कार्रवाई:
निर्वाचन के दौरान यह पाया गया कि कई अभ्यर्थियों ने अपने व्यय का सही प्रकार से लेखा प्रस्तुत नहीं किया, कुछ व्ययों को उपेक्षित रखा, दैनिक व्यय का लेखा तैयार नहीं किया, और व्यय प्रेक्षक के समक्ष निर्धारित तिथि को निरीक्षण हेतु लेखा प्रस्तुत नहीं किया। ऐसे मामलों में, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 77(1) के अंतर्गत रिटर्निंग अधिकारी द्वारा नोटिस जारी किया जाएगा।
जिला व्यय अनुवीक्षण समिति का गठन:निर्वाचन प्रक्रिया की निष्पक्षता बनाए रखने के लिए जिला व्यय अनुवीक्षण समिति का गठन किया गया है। यह समिति निर्वाचन व्यय से जुड़े विवादों और गड़बड़ियों की जाँच करेगी तथा अभ्यर्थियों द्वारा प्रस्तुत जवाबों का विश्लेषण करके उचित निर्णय लेगी।
समिति के सदस्य:



इस समिति में निम्नलिखित अधिकारी शामिल होंगे:
1. निर्वाचन क्षेत्र के प्रभारी व्यय प्रेक्षक।
2. जिला निर्वाचन अधिकारी।
3. व्यय अनुवीक्षण के प्रभारी अधिकारी।
समिति की कार्यप्रणाली:
समिति निम्नलिखित कार्य करेगी:
नोटिस में उल्लिखित साक्ष्यों और अभ्यर्थी द्वारा प्रस्तुत जवाबों की गहन जाँच।
उत्तर प्राप्त होने के 72 घंटे के भीतर व्यय संबंधी विवाद का निर्णय।
सुनिश्चित करेगी कि सभी अभ्यर्थी निर्वाचन व्यय के निर्देशों का पूरी तरह पालन करें।
जिलाधिकारी ने सभी अभ्यर्थियों से अपील की है कि वे निर्वाचन आयोग द्वारा जारी नियमों का कड़ाई से पालन करें और समय पर सही जानकारी प्रस्तुत करें। यह प्रक्रिया निर्वाचन प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।