Welcome to ज्वालापुर टाइम्स न्यूज़   इस खबर को सुनने के लिए यह बटन दबाए Welcome to ज्वालापुर टाइम्स न्यूज़
हरिद्वार धर्म संसद: विवाद और विरोध का दौरहरिद्वार धर्म संसद:

सबसे सटीक ज्वालापुर टाइम्स न्यूज़

Haridwar news: हरिद्वार में आयोजित धर्म संसद को लेकर एक बार फिर विवाद पैदा हो गया है। हरिद्वार प्रशासन द्वारा अनुमति नहीं मिलने के बाद भी, जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी यति नरसिंहानंद ने धर्म संसद आयोजित करने की कोशिश की।

यहां घटनाक्रम का सारांश है:

* प्रशासन द्वारा अनुमति निरस्त: हरिद्वार प्रशासन ने धर्म संसद के आयोजन की अनुमति नहीं दी और कार्यक्रम स्थल पर की गई तैयारियों को हटा दिया गया।

* सुप्रीम कोर्ट यात्रा की घोषणा: अनुमति निरस्त होने के बाद स्वामी यति नरसिंहानंद ने सुप्रीम कोर्ट तक पदयात्रा करने की घोषणा की।

* सूक्ष्म रूप में धर्म संसद का आयोजन: प्रशासन की कार्रवाई के बावजूद, जूना अखाड़े के बैठक कक्ष में एक सूक्ष्म धर्म संसद आयोजित की गई।

* विवादित बयान: इस सूक्ष्म धर्म संसद में स्वामी यति नरसिंहानंद और अन्य संतों ने कई विवादित बयान दिए। इन बयानों में एक धर्म के खिलाफ भेदभावपूर्ण बातें और हिंसा की खुली धमकी शामिल थी।

* सनातनी सोच पर सवाल: स्वामी यति नरसिंहानंद ने अपने भाषण में सनातनी सोच पर सवाल उठाए और कहा कि कई तथाकथित सनातनी साधुओं और नेताओं का व्यवहार सनातन धर्म के खिलाफ है।

राजनीतिक आरोप:

* उन्होंने राजनेताओं पर भी निशाना साधा और कहा कि वे केवल राजनीति करते हैं और हिंदू समाज के हित में कुछ नहीं करते।

यह घटनाक्रम कई गंभीर सवाल खड़े करता है:

* धार्मिक स्वतंत्रता और कानून का शासन: क्या धर्म के नाम पर हिंसा भड़काने वाले बयान देने की अनुमति दी जानी चाहिए?

* सनातन धर्म की छवि: इस तरह के बयान सनातन धर्म की छवि को नुकसान पहुंचाते हैं।

* राजनीति और धर्म: धर्म और राजनीति को अलग रखना कितना जरूरी है?

निष्कर्ष:

हरिद्वार धर्म संसद का यह मामला धर्म, राजनीति और समाज के बीच के जटिल संबंधों को उजागर करता है। यह घटनाक्रम हमें सोचने पर मजबूर करता है कि धार्मिक नेताओं की क्या जिम्मेदारी है और उन्हें किस तरह के बयान देने चाहिए।

By Aman

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

इस खबर को सुनने के लिए यह बटन दबाए