"भनैरपानी में बदरीनाथ हाईवे पर हुए भूस्खलन के बाद रास्ता बंद, जेसीबी से मलबा हटाते कर्मचारी""भनैरपानी में बदरीनाथ हाईवे पर हुए भूस्खलन के बाद रास्ता बंद, जेसीबी से मलबा हटाते कर्मचारी"

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चमोली: उत्तराखंड के चमोली जिले में लगातार हो रही बारिश अब आपदा का रूप लेने लगी है। शुक्रवार को बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-7) पर भनैरपानी के पास हुए भूस्खलन ने आवाजाही को पूरी तरह से ठप कर दिया। भारी मात्रा में मलबा और पत्थर सड़क पर आने से हाईवे घंटों तक बंद रहा। जेसीबी मशीनों की मदद से मार्ग को खोलने के प्रयास लगातार किए गए, लेकिन भारी मलबे और बारिश के चलते रेस्क्यू ऑपरेशन में बाधाएं आ रही हैं।

भूस्खलन से घंटों तक बाधित रहा बदरीनाथ हाईवे

बदरीनाथ जाने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग धार्मिक और सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। शुक्रवार को हुए भूस्खलन के कारण यात्रियों और स्थानीय निवासियों को घंटों फंसे रहना पड़ा। विशेष रूप से चारधाम यात्रा पर जा रहे श्रद्धालुओं को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

18 ग्रामीण सड़कें बंद, संपर्क मार्ग टूटे

जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी एन.के. जोशी ने बताया कि गुरुवार रात की बारिश के बाद जिले में 18 ग्रामीण सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं। यह सड़कें दूरस्थ क्षेत्रों को मुख्य मार्गों से जोड़ती थीं, जिनके बाधित होने से ग्रामीण क्षेत्रों में जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है।

ग्रामीणों को अब टूटे हुए रास्तों से पैदल सफर तय करके आवश्यक वस्तुएं खरीदनी पड़ रही हैं। खाद्य आपूर्ति, स्वास्थ्य सेवाएं और अन्य दैनिक आवश्यकताओं तक पहुंच सीमित हो गई है।

70 से अधिक गांवों में बिजली आपूर्ति ठप

भूस्खलन और बारिश के प्रभाव केवल यातायात तक सीमित नहीं रहे। जिले के कई फीडरों में खराबी आने के कारण 70 से अधिक गांवों में बिजली आपूर्ति पूरी तरह से बाधित हो गई है। आपदा प्रबंधन कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार: दशोली ब्लॉक के बछेर फीडर में ब्रेकडाउन से 7 गांव प्रभावितनन्दानगर क्षेत्र में 33 केवी विद्युत लाइन क्षतिग्रस्त, जिससे 25 गांवों में बिजली बाधित डुंगरी फीडर में खराबी से 16 गांवों प्रभावितदेवाल ब्लॉक के बूरागाढ फीडर में खराबी से 26 गांवोंमुडोली फीडर की खराबी से 25 गांवों में विद्युत आपूर्ति रुकी

प्रशासन की ओर से युद्ध स्तर पर राहत कार्य जारीजिलाधिकारी के निर्देश पर PWD, आपदा प्रबंधन टीम और विद्युत वितरण विभाग की ओर से सभी प्रभावित क्षेत्रों में राहत और मरम्मत कार्य युद्ध स्तर पर जारी हैं। जेसीबी और अन्य मशीनरी की मदद से सड़कों को खोलने का प्रयास किया जा रहा है।वहीं, विद्युत विभाग की टीमें फॉल्ट ट्रेसिंग और मरम्मत कार्य में लगी हैं ताकि जल्द से जल्द प्रभावित गांवों को बिजली आपूर्ति बहाल की जा सके।

स्थानीय जनता को हो रही भारी परेशानी लगातार बारिश और सड़कें बंद होने के कारण ग्रामीणों को बच्चों की पढ़ाई, स्वास्थ्य सेवाओं और राशन की आपूर्ति में दिक्कतें आ रही हैं। कई क्षेत्रों में मोबाइल नेटवर्क भी बाधित है, जिससे बाहरी दुनिया से संपर्क टूटने जैसा माहौल बन गया है।

प्रशासन की अपील: अनावश्यक यात्रा से बचेंजिला प्रशासन की ओर से अपील की गई है कि जब तक मौसम सामान्य नहीं होता, स्थानीय लोग और पर्यटक अनावश्यक यात्रा से बचें। हाईवे पर आवागमन सीमित किया गया है और केवल जरूरी वाहनों को ही अनुमति दी जा रही है।

राहत कार्यों में तेजी की जरूरत

चमोली जिले की मौजूदा स्थिति दर्शाती है कि उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में मानसून के दौरान भूस्खलन और बिजली आपूर्ति बाधित होना आम समस्या बन चुकी है। प्रशासन द्वारा किए जा रहे प्रयासों के बावजूद अब भी कई गांव संपर्क और बिजली विहीन हैं।लंबी अवधि के समाधान के लिए पर्वतीय क्षेत्रों में वैकल्पिक मार्ग, बेहतर ड्रेनेज सिस्टम और मजबूत बिजली आपूर्ति ढांचे की आवश्यकता है।

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By Aman

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