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हरिद्वार | 07 अगस्त 2025
हरिद्वार जनपद की पुलिस ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि गिरफ्तारी से बचने का कोई कोना अब सुरक्षित नहीं। थाना खानपुर पुलिस ने अपराधियों के खिलाफ सख्त रवैया अपनाते हुए गैर जमानती वारंटियों की तलाश में ताबड़तोड़ दबिशें दीं और चार शातिर वारंटियों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे पहुंचा दिया।
यह सब कुछ वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) हरिद्वार के निर्देश पर चलाए जा रहे वारंट तामील अभियान का हिस्सा था, जिसमें सभी थानों को आदेश दिया गया कि न्यायालय द्वारा जारी गैर-जमानती वारंटों की 100 प्रतिशत तामील सुनिश्चित की जाए।
कौन हैं ये चार गिरफ्तार वारंटी?
थाना खानपुर पुलिस की सूझबूझ और तेज़ कार्रवाई ने चार अपराधियों को कानून के शिकंजे में जकड़ लिया। ये चारों अभियुक्त न्यायालय से लंबे समय से फरार थे।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान:
- सतीश पुत्र इलम – निवासी धर्मुपुर, थाना खानपुर, हरिद्वार
- कृष्णपाल पुत्र सुखबीर सिंह – निवासी मिर्जापुर, थाना खानपुर, हरिद्वार
- बलवंत उर्फ बंटी पुत्र सोरन सिंह – निवासी ग्राम महेश्वरा, थाना खानपुर, हरिद्वार
- राकेश पुत्र रामकिशन – निवासी ग्राम टांडा जलालपुर उर्फ ब्राह्मणवाला, थाना खानपुर, हरिद्वार
इनमें से कुछ पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज थे और ये कई महीनों से पुलिस को चकमा देते फिर रहे थे।
कैसे चला गिरफ्तारी का ऑपरेशन?
इस पूरी कार्रवाई को अंजाम दिया थाना खानपुर की चुस्त और जांबाज़ पुलिस टीम ने, जिसमें शामिल थे:
- उप निरीक्षक समीप पांडेय
- कॉन्स्टेबल अरविंद रावत
- कॉन्स्टेबल बलवीर सिंह
- कॉन्स्टेबल रितिक
इस टीम ने गुप्त सूचनाओं के आधार पर प्लानिंग करते हुए रात में दबिश दी, और अलग-अलग स्थानों से चारों वांछितों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी में किसी भी तरह की ढील नहीं बरती गई, और टीम ने सावधानीपूर्वक अभियुक्तों को हिरासत में लिया।
SSP का सख्त संदेश: कानून से भागना अब असंभव
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरिद्वार ने इस पूरी कार्रवाई को “प्रशंसनीय और प्रेरणादायक” बताया और कहा:
“जनपद में कानून का राज स्थापित करने हेतु न्यायालय के आदेशों का पालन सर्वोच्च प्राथमिकता है। जो भी व्यक्ति न्याय की प्रक्रिया से भागता है, उसे अब कानून का सामना करना ही होगा।”
इस निर्देश के तहत सभी थानों को अलर्ट पर रखा गया है, और आने वाले दिनों में जिला स्तर पर और भी अधिक संख्या में वारंटियों की धरपकड़ की जाएगी।
क्या है गैर-जमानती वारंट और क्यों है ये गंभीर?
गैर-जमानती वारंट उस स्थिति में जारी किया जाता है जब कोई अभियुक्त न्यायालय के बार-बार समन के बावजूद पेश नहीं होता। इसका मतलब है कि अदालत ने सीधे तौर पर पुलिस को आदेश दिया है कि वह आरोपी को किसी भी हालत में गिरफ्तार करे और अदालत में प्रस्तुत करे। इस वारंट की अनदेखी करना न केवल कानून की अवमानना है, बल्कि यह आरोपी की मंशा को भी स्पष्ट करता है कि वह न्याय से भाग रहा है।
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