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बागेश्वर : उत्तराखंड को 38वें राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी मिलने के बाद प्रदेशभर में राष्ट्रीय खेलों का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। इसी कड़ी में मंगलवार को बागेश्वर जिला मुख्यालय में राष्ट्रीय खेलों की मशाल तेजस्विनी के आगमन पर भव्य स्वागत किया गया। जिलाधिकारी आशीष भटगांई और पुलिस अधीक्षक चन्द्रशेखर आर. घोड़के ने मशाल का स्वागत कर इस ऐतिहासिक पल को और भी खास बना दिया।
राष्ट्रीय खेलों के प्रति उत्साह
जिला मुख्यालय में तेजस्विनी के पहुंचने पर स्थानीय जनता में भारी उत्साह देखने को मिला। तहसील परिसर से जिलाधिकारी ने विशाल रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस दौरान राष्ट्रीय खेलों के शुभंकर मौली और मशाल तेजस्विनी के साथ लोगों ने खूब तस्वीरें और सेल्फियां खींची। पूरे शहर में “देवभूमि बनेगी खेलभूमि” के नारों से माहौल गूंजायमान हो उठा।
राष्ट्रीय खेलों से उत्तराखंड को लाभ
जिलाधिकारी आशीष भटगांई ने कहा कि उत्तराखंड को 38वें राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी मिलना प्रदेश के लिए गर्व की बात है। यह आयोजन न केवल प्रदेश के खिलाड़ियों के लिए एक बड़ा मंच प्रदान करेगा, बल्कि देवभूमि को खेलभूमि के रूप में पहचान दिलाने का भी काम करेगा। उन्होंने कहा कि यह आयोजन प्रदेश की खेल संस्कृति को प्रोत्साहित करेगा और नई प्रतिभाओं को उभरने का अवसर देगा।
दूरस्थ क्षेत्रों में प्रचार-प्रसार
राष्ट्रीय खेलों के प्रचार-प्रसार के लिए शुभंकर मौली और प्रचार वाहन जिले के सभी ब्लॉकों के दूरस्थ गांवों और शहरों में घूमकर लोगों को राष्ट्रीय खेलों से जुड़ने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। जिलाधिकारी ने बताया कि प्रचार वाहन का उद्देश्य खेलों के प्रति जागरूकता फैलाना और जन-भागीदारी को बढ़ावा देना है।
मशाल यात्रा में शामिल प्रमुख हस्तियां
इस अवसर पर एसडीएम मोनिका, पुलिस उपाधीक्षक अंकित कंडारी, मुख्य शिक्षा अधिकारी जीएस सौन, प्रभारी खेल अधिकारी किरन नेगी, अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी गजेंद्र सिंह परिहार और महेंद्र सिंह परिहार समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
जनता में उत्साह और प्रेरणा
राष्ट्रीय खेलों की मशाल यात्रा ने बागेश्वर की जनता को खेलों के प्रति जागरूक करने और उनमें उत्साह भरने का काम किया। यह आयोजन देवभूमि को खेलों की दिशा में एक नई पहचान देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।