सबसे सटीक ज्वालापुर टाइम्स न्यूज़…👍
माणा, उत्तराखंड। सीमावर्ती क्षेत्र माणा में ग्लेशियर टूटने से भारी हिमस्खलन हुआ, जिससे बड़ा हादसा हो गया। इस दुर्घटना में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के कैंप को नुकसान पहुंचा है और करीब 57 मजदूरों के फंसे होने की सूचना है। सेना और आईटीबीपी की टीमें मौके पर पहुंच चुकी हैं और रेस्क्यू ऑपरेशन तेज कर दिया गया है।
अब तक 16 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला गया, जिनमें से तीन की हालत गंभीर बताई जा रही है। उन्हें सेना के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। ये सभी मजदूर माणा से माणा पास तक 50 किमी क्षेत्र में हाईवे चौड़ीकरण और डामरीकरण के कार्य में लगे थे। बीआरओ इस सड़क का निर्माण ईपीसी कंपनी के माध्यम से करा रहा है।
रेस्क्यू ऑपरेशन में चुनौतियां
हनुमान चट्टी से आगे हाइवे पूरी तरह बंद हो चुका है, जिससे राहत और बचाव कार्यों में बाधा आ रही है। एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें भी रवाना हो चुकी हैं, लेकिन रास्ते में बर्फबारी के कारण फंस गई हैं।

चमोली जिले के जिलाधिकारी डॉ. संदीप तिवारी ने हालात की समीक्षा की है और आईआरएस से जुड़े सभी अधिकारियों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सड़कों को जल्द से जल्द साफ करवाने और विद्युत आपूर्ति बहाल करने के आदेश दिए हैं।
बर्फबारी से बढ़ी ठंड, पर्यटन स्थल चमके
इस हिमस्खलन के साथ ही चमोली जिले के औली, बदरीनाथ, हेमकुंड साहिब, नीति और मंडल घाटी की ऊंची पहाड़ियों में बर्फबारी हुई है, जिससे ठंड और अधिक बढ़ गई है।
हालांकि, बर्फबारी का एक सकारात्मक पहलू यह भी है कि औली में पर्यटन को बढ़ावा मिल रहा है। स्नोफॉल देखने के लिए पर्यटकों का तांता लग गया है, जिससे स्थानीय व्यवसायियों को राहत मिली है। साथ ही, आगामी नेशनल विंटर गेम्स के लिए यह बर्फबारी फायदेमंद मानी जा रही है।
फिलहाल, प्रशासन हालात पर पूरी तरह नजर बनाए हुए है और मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं।
यह भी पढ़ें 👉 मोबाइल चोरी कर UPI से उड़ाए 80 हजार, लक्सर पुलिस ने शातिर चोर को किया गिरफ्तार…