"देहरादून रेलवे स्टेशन पर जीआरपी पुलिस द्वारा यात्रियों को नशा मुक्ति अभियान के तहत जागरूक करते अधिकारी""देहरादून रेलवे स्टेशन पर जीआरपी पुलिस द्वारा यात्रियों को नशा मुक्ति अभियान के तहत जागरूक करते अधिकारी"

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देहरादून रेलवे स्टेशन पर जीआरपी थाना और रेलवे कर्मचारियों ने संयुक्त रूप से एक व्यापक नशा मुक्ति अभियान चलाया। अभियान का उद्देश्य यात्रियों, कर्मचारियों और स्थानीय लोगों को नशे के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक करना था। अधिकारियों ने सभी वर्गों से नशे से दूर रहने और समाज को जागरूक करने की अपील की।

उत्तराखंड सहित देशभर में युवाओं में नशे की बढ़ती लत एक गंभीर चुनौती बनती जा रही है। रेलवे स्टेशन जैसे भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर नशीले पदार्थों की उपलब्धता और इनका दुरुपयोग कई बार सुरक्षा को भी प्रभावित करता है। ऐसे में जीआरपी और रेलवे विभाग समय-समय पर नशा मुक्ति जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करते रहे हैं। इसी क्रम में 19 नवंबर 2025 को एसपी जीआरपी तृप्ति भट्ट के नेतृत्व में देहरादून रेलवे स्टेशन पर अभियान चलाया गया।

19 नवंबर 2025 को देहरादून रेलवे स्टेशन परिसर में सुबह से ही जीआरपी पुलिस टीम सक्रिय दिखाई दी। पुलिसकर्मियों ने रेलवे कर्मचारियों, कुलियों, वेंडरों, वाहन चालकों, सफाईकर्मियों और यात्रियों से बातचीत कर उन्हें नशे से होने वाले मानसिक, शारीरिक और सामाजिक दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी दी।

अभियान पूरे स्टेशन परिसर में फैला रहा—

  • प्लेटफॉर्म नंबर 1 से 5
  • आरक्षण काउंटर
  • स्टेशन पार्किंग
  • फुट-ओवर ब्रिज
  • वेंडर जोन
  • नशा न करने की शपथ दिलाई गई
  • पर्चे और पोस्टर वितरित किए गए
  • मौखिक जागरूकता संदेश दिए गए
  • कर्मचारियों को ड्रग्स की पहचान और रिपोर्टिंग के तरीके बताए गए
  • यात्रियों को अपने बच्चों को नशे से बचाने के उपाय बताये गए

स्थानीय लोगों पर प्रभाव

नशा मुक्ति अभियान का सकारात्मक असर यात्रियों और कर्मचारियों पर दिखाई दिया। कई लोगों ने पुलिस अधिकारियों को बताया कि ऐसे अभियान नियमित रूप से होने चाहिए, ताकि समाज में जागरूकता बढ़े।

  • कुलियों ने कहा कि वे अक्सर नशे की वजह से यात्रियों को परेशान होते देखते हैं।
  • वेंडरों ने बताया कि नशे में धुत्त व्यक्ति प्लेटफॉर्म पर विवाद भी करते हैं।
  • कई यात्रियों ने अभियान का स्वागत करते हुए कहा कि इससे स्टेशन पर सुरक्षा और शांति बनी रहेगी।

स्कूल-कॉलेज जाने वाले युवा भी बड़ी संख्या में स्टेशन से गुजरते हैं, ऐसे में उन्हें नशे के दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी देना बेहद जरूरी है।

नशे की समस्या कितनी गंभीर

भारत में नशे की समस्या तेजी से बढ़ रही है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के उपलब्ध आँकड़ों के अनुसार—

  • पिछले छह सालों में ड्रग्स से संबंधित मामलों में लगातार वृद्धि हुई है।
  • रेलवे स्टेशन और बस अड्डे ऐसे स्थान हैं जहाँ नशे का सेवन और व्यापार दोनों की संभावना बढ़ जाती है।
  • उत्तराखंड में विशेषकर युवाओं के बीच नशे का दुष्प्रभाव चिंताजनक स्तर पर बढ़ रहा है।

जीआरपी के अनुसार, रेलवे सुरक्षा बल की टीमें लगातार निगरानी कर रही हैं ताकि नशीले पदार्थों की तस्करी और सेवन को रोका जा सके।

देहरादून रेलवे स्टेशन पर चलाया गया नशा मुक्ति अभियान समाज में जागरूकता फैलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। नशे की समस्या केवल एक व्यक्ति को नहीं, बल्कि पूरे परिवार और समाज को प्रभावित करती है। ऐसे में पुलिस और प्रशासन की यह पहल सराहनीय है।
अधिकारियों ने लोगों से अपील की कि वे खुद भी नशे से दूर रहें और अपने आसपास के युवाओं को भी इस बुराई से बचाने में सहयोग करें।

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By ATHAR

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