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रुड़की। Big feat of Roorkee’s daughter Khushnaseeb रुड़की की बेटी खुशनसीब का बड़ा कारनामा ! सफलता सिर्फ संसाधनों की मोहताज नहीं होती, बल्कि कड़ी मेहनत और जज्बे से भी मुकाम हासिल किए जा सकते हैं। यह साबित किया है पाडली गुर्जर की बेटी खुशनसीब ने, जिन्होंने अपनी प्रतिभा से पूरे क्षेत्र और प्रदेश का नाम रोशन कर दिया। बेहद साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाली खुशनसीब ने अपनी मेहनत के दम पर तीन गोल्ड और दो सिल्वर मेडल जीतकर खुद को साबित किया है।

उनकी इस शानदार उपलब्धि के बाद अब उनका चयन जर्मनी में होने वाली अंतरराष्ट्रीय ड्रैगन बोट प्रतियोगिता के लिए हुआ है, जिससे उनके परिवार और क्षेत्र में खुशी की लहर है।
गरीबी को बनाया ताकत, पिता का सपना किया पूरा

खुशनसीब के पिता इकराम सलमानी एक साधारण श्रमिक हैं, लेकिन उन्होंने अपनी बेटी को आगे बढ़ाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी। छह बच्चों में सबसे छोटी खुशनसीब ने अपनी लगन और मेहनत से यह साबित कर दिया कि सपनों को पूरा करने के लिए सिर्फ हौसला चाहिए, संसाधन नहीं। उनकी सफलता उन माता-पिता के लिए प्रेरणा है, जो सीमित साधनों में भी अपने बच्चों के सपनों को पंख देने का हौसला रखते हैं।
परिवार और क्षेत्र में जश्न का माहौल
खुशनसीब की मां रिहाना अपनी बेटी की इस उपलब्धि पर गर्व से अभिभूत हैं। जब उन्होंने अपनी बेटी को मेडल जीतते देखा, तो उनकी आंखों में खुशी के आंसू छलक पड़े। उन्होंने कहा, “यह सिर्फ हमारी नहीं, पूरे क्षेत्र की खुशी है। हमें भरोसा था कि हमारी बेटी कुछ बड़ा करेगी, लेकिन उसने हमारी उम्मीदों से भी बढ़कर दिखाया।”

खुशनसीब की इस सफलता से पूरा पाडली गुर्जर क्षेत्र गर्व महसूस कर रहा है। स्थानीय लोग और शुभचिंतक उनके घर पहुंचकर उन्हें बधाई दे रहे हैं। क्षेत्र के गणमान्य व्यक्तियों ने भी इस उपलब्धि पर खुशनसीब को शुभकामनाएं दीं और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
खुशनसीब की मेहनत और संघर्ष की यह कहानी हर युवा के लिए प्रेरणा है कि अगर इरादे मजबूत हों और मेहनत सच्ची हो, तो कोई भी मंजिल दूर नहीं होती।
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