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रिपोर्टर: जतिन
हरिद्वार में 29 अगस्त 2025 को हुई भारी वर्षा ने जनजीवन को प्रभावित कर दिया। लगातार बारिश के कारण शहर के कई क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई। सबसे गंभीर हालात भगत सिंह चौक और चंद्राचार्य चौक पर बने, जहां पानी भर जाने से वाहनों और पैदल यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए तुरंत अधिकारियों को अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए और जलभराव की समस्या को खत्म करने के लिए पंपिंग मशीनों के जरिए पानी की निकासी का कार्य शुरू कराया। प्रशासन की तत्परता से स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हुई और सड़कों पर आवागमन शुरू हो गया।

जनपद में भारी वर्षा के चलते जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिए कि किसी भी क्षेत्र में जलभराव की समस्या से आमजन को असुविधा न हो। इसी के चलते जल निगम और नगर निगम की संयुक्त टीमों ने तुरंत कार्रवाई की। अधिशासी अभियंता जल निगम ने बताया कि भगत सिंह चौक, चंद्राचार्य चौक, सीसीआर, अलकनंदा होटल और भागीरथी होटल के आसपास पंपों की मदद से पानी निकाला जा रहा है। प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया कि कहीं पर भी लंबे समय तक पानी जमा न रहे क्योंकि इससे संक्रामक बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।
उप जिलाधिकारी हरिद्वार जितेंद्र कुमार ने जानकारी दी कि कनखल संदेश नगर कॉलोनी में भी पानी भर गया था। वहां भी पंपिंग मशीनें लगाकर जल निकासी की जा रही है। लगातार बारिश से नगर क्षेत्र के कई निचले इलाकों में जलभराव हो गया था जिससे लोगों के घरों और दुकानों में भी पानी घुसने लगा। नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. गंभीर तेलियान ने बताया कि विष्णुघाट सब्जी मंडी और मनसा देवी चौक (ब्रह्मपुरी) के पास भारी वर्षा के कारण मलबा सड़क पर आ गया था। नगर निगम की टीम ने तुरंत सफाई कार्य शुरू किया ताकि रास्ता खुल सके और बाजार में आमजन को परेशानी न हो।

भारी वर्षा से उत्पन्न परिस्थितियों को देखते हुए जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में सतर्क रहने और लगातार निरीक्षण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यदि किसी भी स्थान पर बारिश से क्षति होती है तो उसका आंकलन तुरंत कर जिला प्रशासन को रिपोर्ट दी जाए। इसके अलावा उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि जलभराव की समस्या से निपटने के लिए ड्रेनेज सिस्टम की विशेष मॉनिटरिंग की जाए और भविष्य में नालों की सफाई नियमित रूप से की जाए ताकि इस प्रकार की समस्या दोबारा न उत्पन्न हो।
शहर के कई हिस्सों में बारिश से बने हालात ने लोगों को कठिनाइयों में डाल दिया। मकानों के आसपास पानी भरने से सीलन और बदबू फैलने लगी। दुकानदारों को भी नुकसान झेलना पड़ा क्योंकि दुकानों में रखा सामान भीग गया। हालांकि प्रशासन की सक्रियता से राहत कार्य तेजी से हुए और कई इलाकों में स्थिति सामान्य हो गई। लगातार बारिश के कारण जनजीवन प्रभावित रहा लेकिन प्रशासन ने समय रहते कदम उठाकर हालात पर नियंत्रण पाया। नगर निगम, जल निगम और राजस्व विभाग की संयुक्त टीमें लगातार काम करती रहीं। जहां-जहां जलभराव की समस्या थी, वहां तुरंत पंपिंग मशीनें लगाई गईं और पानी बाहर निकाला गया।

भविष्य की योजना को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने नालों की सफाई और ड्रेनेज सिस्टम को और बेहतर बनाने पर जोर दिया है। बारिश के मौसम में जलभराव को रोकने के लिए नए कदम उठाए जाएंगे। इसके अलावा आमजन से भी अपील की गई है कि वे नालों और सड़कों पर कचरा न डालें ताकि पानी की निकासी सुचारू रूप से हो सके। हरिद्वार में हुई इस बारिश ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि समय रहते यदि प्रशासन अलर्ट हो जाए और टीमवर्क के साथ कार्य करे तो किसी भी आपदा से निपटा जा सकता है। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित की ओर से दिए गए त्वरित निर्देश और अधिकारियों की सक्रियता ने जलभराव की समस्या को काफी हद तक नियंत्रित किया।
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