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देहरादून । वक्फ संशोधन एक्ट के विरोध में बुधवार रात देहरादून समेत पूरे उत्तराखंड में मुस्लिम समुदाय के लोग अपने घरों और दुकानों की बत्तियाँ बंद रखेंगे। यह सांकेतिक विरोध ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के आह्वान पर किया जा रहा है, जो पूरे देश में एक साथ चलाया जाएगा।

प्रमुख मांग: इस विरोध का उद्देश्य केंद्र सरकार द्वारा पारित वक्फ संशोधन एक्ट 2023 को वापस लेने की मांग करना है। मुस्लिम समुदाय का मानना है कि इस कानून के जरिए वक्फ की संपत्तियों पर सरकार का नियंत्रण बढ़ाने और धार्मिक स्थलों जैसे मस्जिदें, दरगाहें, खानकाहों और चैरिटेबल ट्रस्टों को खत्म करने की साजिश की जा रही है।
मुफ्ती सलीम कासमी का बयान:
उत्तराखंड में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मुफ्ती सलीम कासमी ने बताया कि “यह काला कानून गरीबों के अधिकारों पर हमला है। वक्फ संपत्तियों को वर्षों से समुदाय की सेवा के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है और अब उन्हें सरकारी नियंत्रण में लाने की कोशिश हो रही है, जो स्वीकार्य नहीं है।”
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कैसे होगा विरोध:

सांकेतिक विरोध के तहत बुधवार रात 9:00 बजे से 9:15 बजे तक लोग अपने घरों, दुकानों, प्रतिष्ठानों की बिजली बंद रखेंगे। यह शांतिपूर्ण विरोध होगा, जिसका उद्देश्य सरकार तक अपनी आवाज पहुँचाना है। देहरादून के मुस्लिम बहुल क्षेत्रों जैसे सहारनपुर चौक, कर्बला, लक्खीबाग, कौलागढ़, मेहुवाला आदि में पूरी तैयारी की गई है।
देशव्यापी असर: यह विरोध सिर्फ उत्तराखंड तक सीमित नहीं है, बल्कि इसे देश के विभिन्न राज्यों में भी लागू किया जा रहा है।

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने सभी धर्मनिरपेक्ष नागरिकों से अपील की है कि वे इस मुहिम का समर्थन करें और वक्फ की सम्पत्तियों को सुरक्षित रखने में सहयोग दें।
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