पश्चिम चम्पारण बिहार के पश्चिम चम्पारण ज़िले के चूहड़ी गांव में सोमवार को एक ऐसा दृश्य देखने को मिला, जिसने पूरे गांव को हैरत में डाल दिया। यहां ग्रामीणों ने एक तालाब से पांच फीट लंबे मगरमच्छ को जाल की मदद से पकड़कर कंधे पर लादकर खेतों में घुमाया। इस अद्भुत नज़ारे को देखने के लिए गांव के सैकड़ों लोग इकट्ठा हो गए।
आठ महीने से तालाब में दिख रहा था मगरमच्छ

ग्रामीणों के अनुसार, चनपटिया प्रखंड के चूहड़ी गांव के एक तालाब में पिछले आठ महीनों से मगरमच्छ दिखाई दे रहा था। गांव के लोगों ने कई बार इसे पकड़ने की कोशिश की, लेकिन डर के कारण यह प्रयास सफल नहीं हो पाया। तालाब के पास रहने वाले ग्रामीण बाबूलाल ने बताया कि मगरमच्छ के बड़े आकार के कारण लोग उससे डरे हुए थे।
ग्रामीणों ने खुद पकड़ा मगरमच्छ
सोमवार को ग्रामीणों ने मछली पकड़ने वाले जाल का सहारा लेकर मगरमच्छ को पकड़ने का फैसला किया। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक, सभी ने इस अभियान में हिस्सा लिया। जाल में फंसाने के बाद मगरमच्छ को तालाब से बाहर निकालकर लोहे के पिंजड़े में बांध दिया गया। इसके बाद ग्रामीणों ने मगरमच्छ को कंधे पर लादकर खेतों में घुमाया।
वन विभाग को दी गई सूचना

ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने इस बारे में वन विभाग को सूचना दी थी। हालांकि, वन विभाग की टीम के पहुंचने से पहले ही ग्रामीणों ने मगरमच्छ को पकड़ लिया। जब वन विभाग की टीम वहां पहुंची, तब तक ग्रामीणों ने मगरमच्छ को पूरी तरह से काबू में कर लिया था।
बच्चों ने भी किया मगरमच्छ को उठाने में मदद
इस पूरे वाकये की सबसे हैरान करने वाली बात यह थी कि मगरमच्छ को कंधे पर उठाने वालों में छोटे बच्चे भी शामिल थे। बच्चे उत्साह से भरे हुए थे और इस घटना को बड़े रोमांचक अंदाज़ में देख रहे थे।
वन विभाग ने लिया मगरमच्छ का जिम्मा
मगरमच्छ को सुरक्षित स्थान पर ले जाने के लिए वन विभाग ने बाद में कार्रवाई की। विभाग के अधिकारियों ने ग्रामीणों की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने मगरमच्छ को बिना किसी नुकसान पहुंचाए सुरक्षित तरीके से पकड़ा।
ग्रामीणों के साहस की चर्चा
इस घटना के बाद पूरे इलाके में ग्रामीणों की साहस की चर्चा हो रही है। यह वाकया यह दर्शाता है कि जब कोई संकट सामने आता है, तो ग्रामीण सामूहिक प्रयास से उसे सुलझाने में सक्षम होते हैं।