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देश की राजनीति आज एक अहम मोड़ पर है क्योंकि देश को नया उपराष्ट्रपति मिलने जा रहा है। यह चुनाव न केवल राजनीतिक संतुलन तय करेगा बल्कि आने वाले वर्षों में संसद की कार्यवाही और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं पर भी गहरा असर डालेगा। 15वें उपराष्ट्रपति पद के लिए दो प्रमुख उम्मीदवार आमने-सामने हैं—एनडीए की ओर से 68 वर्षीय सीपी राधाकृष्णन और विपक्षी गठबंधन इंडिया की ओर से 79 वर्षीय बी सुदर्शन रेड्डी।
आज सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक संसद के 781 सांसद इस चुनाव में अपने वोट डालेंगे। वोटों की गिनती शाम 6 बजे शुरू होगी और उसके तुरंत बाद परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भी सबसे पहले वोट डालने की संभावना जताई जा रही है। इस चुनाव को लेकर पूरे देश की निगाहें संसद भवन पर टिकी हुई हैं क्योंकि इसका नतीजा भारतीय राजनीति की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण साबित होगा।
इस उपराष्ट्रपति चुनाव में कुछ दलों ने खुद को मतदान से दूर रखने का फैसला लिया है। तेलंगाना की भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) और ओडिशा की बीजू जनता दल (बीजेडी) ने किसी भी गठबंधन के पक्ष में मतदान न करने का निर्णय किया है। राज्यसभा में बीआरएस के 4 और बीजेडी के 7 सांसद हैं। इसके अलावा शिरोमणि अकाली दल, जिसके लोकसभा में एकमात्र सांसद हैं, ने पंजाब में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए मतदान में भाग न लेने का एलान किया है। इन दलों के दूर रहने से मुकाबले का समीकरण कुछ हद तक प्रभावित हो सकता है।
उधर, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने घोषणा की है कि वे विपक्षी गठबंधन इंडिया के प्रत्याशी बी सुदर्शन रेड्डी का समर्थन करेंगे। वहीं, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के 11 सांसदों ने साफ कर दिया है कि वे एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन के पक्ष में मतदान करेंगे। इससे एनडीए की स्थिति और मजबूत मानी जा रही है।
यह चुनाव ऐसे समय पर हो रहा है जब मौजूदा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों से 21 जुलाई को अचानक इस्तीफा दे दिया था। उनका कार्यकाल 10 अगस्त 2027 तक निर्धारित था, लेकिन अस्वस्थता के चलते उन्हें पद छोड़ना पड़ा। उपराष्ट्रपति का चुनाव विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह पद केवल उच्च सदन (राज्यसभा) की कार्यवाही की अध्यक्षता तक सीमित नहीं रहता, बल्कि संवैधानिक दृष्टि से राष्ट्रपति के बाद देश का दूसरा सबसे बड़ा पद है।
चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य ही वोट डालते हैं। इसमें पार्टी व्हिप जारी नहीं किया जा सकता, यानी सांसद स्वतंत्र रूप से वोट देने के लिए पूरी तरह से आज़ाद होते हैं। यही कारण है कि इस चुनाव में गुप्त मतदान के चलते क्रॉस वोटिंग की संभावना हमेशा बनी रहती है। राजनीतिक समीक्षक मानते हैं कि यदि सभी सांसद अपनी-अपनी पार्टी की लाइन पर वोट करते हैं तो एनडीए उम्मीदवार राधाकृष्णन को अनुमानित 422 वोट मिलने की संभावना है, जबकि विपक्षी प्रत्याशी रेड्डी को लगभग 319 वोट मिल सकते हैं। इस आधार पर राधाकृष्णन की जीत लगभग तय मानी जा रही है। हालांकि, गुप्त मतदान और विपक्ष की रणनीति के कारण समीकरण बदल भी सकते हैं।
एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन लंबे समय से भाजपा से जुड़े रहे हैं और संगठनात्मक स्तर पर उनका अनुभव काफी समृद्ध है। उनकी छवि एक सुलझे हुए और अनुभवी नेता की रही है। तमिलनाडु से ताल्लुक रखने वाले राधाकृष्णन पार्टी के पुराने और भरोसेमंद चेहरों में से एक हैं। उनका नाम सामने आने के बाद से ही यह कयास लगाया जा रहा था कि एनडीए ने इस पद के लिए एक मजबूत उम्मीदवार चुना है।
दूसरी ओर, विपक्षी गठबंधन इंडिया के प्रत्याशी बी सुदर्शन रेड्डी न्यायपालिका से जुड़े रहे हैं। उनका राजनीतिक और सामाजिक अनुभव विपक्ष के लिए एक मजबूत दांव साबित हो सकता है। हालांकि, संसद में संख्याबल के लिहाज से एनडीए विपक्ष पर भारी पड़ता दिखाई दे रहा है।
यह चुनाव केवल आंकड़ों का खेल नहीं बल्कि देश की राजनीति की भावी दिशा का भी संकेत है। उपराष्ट्रपति के रूप में चुने गए व्यक्ति को संसद की कार्यवाही सुचारू ढंग से चलाने, विभिन्न दलों के बीच संवाद कायम रखने और संवैधानिक गरिमा बनाए रखने जैसी बड़ी जिम्मेदारियों का निर्वहन करना होता है। इसलिए यह चुनाव पूरे देश की नज़र में है।
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि यदि विपक्ष के उम्मीदवार को पर्याप्त समर्थन नहीं मिला तो यह विपक्षी गठबंधन इंडिया के लिए एक बड़ा झटका होगा। वहीं, एनडीए की जीत से उसकी राजनीतिक साख और मजबूत होगी। खासकर उस समय जब कई राज्यों में आगामी विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और 2029 के लोकसभा चुनावों की तैयारी भी धीरे-धीरे शुरू हो चुकी है।
चुनाव के नतीजे चाहे जो हों, यह स्पष्ट है कि देश आज अपना 15वां उपराष्ट्रपति चुनने जा रहा है। यह पद देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था का अहम स्तंभ है। आने वाले वर्षों में नया उपराष्ट्रपति किस तरह से अपनी भूमिका निभाएंगे, यह देखना दिलचस्प होगा।
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