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उत्तरकाशी: उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में वन्य जीवों का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। ताजा मामला उत्तरकाशी जनपद की मोरी तहसील से सामने आया है, जहां जखोल गांव में रविवार सुबह एक भालू ने चौकीदारी कर रहे व्यक्ति पर हमला कर दिया। यह क्षेत्र गोविंद वन्य जीव विहार राष्ट्रीय पार्क के अंतर्गत आता है, जहां हाल के दिनों में भालुओं की सक्रियता से ग्रामीणों में भय का माहौल है।
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सेब के बाग में काम कर रहे व्यक्ति पर अचानक हमला
घटना रविवार सुबह की है जब कमल थापा, जो कि स्थानीय निवासी सूरज रावत के सेब के बगीचे में चौकीदार के रूप में कार्यरत है, अपने रोजाना के काम में व्यस्त था। अचानक एक जंगली भालू ने उस पर हमला कर दिया, जिससे उसके सिर और हाथों पर गंभीर चोटें आईं। कमल की चीखें सुनकर आसपास मौजूद लोगों ने शोर मचाया, जिससे भालू मौके से भाग गया।
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स्थानीय लोगों की मदद से पहुंचाया गया अस्पताल
हमले के तुरंत बाद स्थानीय ग्रामीणों ने घायल को प्राथमिक सहायता देकर सीएचसी मोरी पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने स्थिति गंभीर होने पर देहरादून स्थित हायर सेंटर रेफर कर दिया।सीएचसी मोरी के प्रभारी डॉ. रितेश रावत ने जानकारी दी कि घायल के सिर और हाथ में गहरी चोटें हैं, जिनका प्राथमिक उपचार कर दिया गया है, लेकिन बेहतर इलाज के लिए उसे रेफर किया गया है।
गोविंद वन्य जीव विहार क्षेत्र में बढ़ रहा भालुओं का आतंक
उत्तरकाशी जिले के गोविंद वन्य जीव विहार क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले 42 गांवों में इन दिनों भालुओं की बढ़ती संख्या ने ग्रामीणों को चिंता में डाल दिया है। लोगों का अपने खेतों में काम करना, बच्चों का स्कूल जाना और महिलाओं का घर से बाहर निकलना तक मुश्किल हो गया है। गांववालों के अनुसार, वन विभाग को कई बार शिकायत दी जा चुकी है, लेकिन भालुओं की चहल-पहल पर अब तक कोई ठोस नियंत्रण नहीं हो सका है।
वन विभाग की ओर से मौके पर की गई कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और स्थिति का जायजा लिया। विभाग के अधिकारियों ने कहा कि घायल व्यक्ति को जरूरी सहायता दी जा रही है और क्षेत्र में निगरानी बढ़ा दी गई है।
वन विभाग ने इस घटना को “वन्य जीव मानव संघर्ष” की श्रेणी में लेते हुए आर्थिक सहायता की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
ग्रामीणों की मांग: तत्काल सुरक्षा व्यवस्था हो सुनिश्चित
जखोल और आसपास के गांवों के लोगों ने प्रशासन और वन विभाग से मांग की है कि:भालुओं की गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखी जाएप्र भावित क्षेत्रों में वन विभाग की गश्त बढ़ाई जाएघनी बस्तियों के आसपास भालुओं के आने पर रोक लगाने के लिए उचित उपाय किए जाएंपीड़ित व्यक्ति को आर्थिक सहायता दी जाए और इलाज की पूरी व्यवस्था की जाए
पहाड़ी क्षेत्रों में मानव-वन्य जीव संघर्ष बढ़ता खतरा
उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में वन्य जीवों और इंसानों के बीच टकराव की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। जंगलों में भोजन और जगह की कमी के चलते भालू जैसे खतरनाक जानवर अब इंसानी बस्तियों की ओर रुख कर रहे हैं।विशेषज्ञों का मानना है कि यदि समय रहते ठोस रणनीति नहीं अपनाई गई तो इस तरह की घटनाएं और बढ़ सकती हैं।
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