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देहरादून: उत्तराखण्ड में आपदा प्रबंधन और अग्निशमन सेवाओं को और अधिक मजबूत करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को अग्निशमन सेवा सप्ताह के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। इस मौके पर उन्होंने बताया कि प्रदेश के पांच नए स्थानों – भीमताल, द्वाराहाट, गौचर, पुरोला और सहस्त्रधारा में जल्द ही नए फायर स्टेशन खोले जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में जल्द ही फायर सर्विस का एक विश्वस्तरीय प्रशिक्षण केंद्र भी स्थापित किया जाएगा, जिससे अग्निशमन कर्मियों को आधुनिक तकनीकों और उपकरणों के साथ प्रशिक्षित किया जा सकेगा।

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने ऑल इंडिया फायर सर्विस गेम्स में पदक विजेता 7 अग्निशमन कर्मियों और गृह मंत्रालय के डीजीएफएस डिस्क मेडल प्राप्त करने वाले 2 कर्मियों को सम्मानित किया।
उन्होंने 20 नए फायर टेंडर व अग्निशमन वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया, जो जन-जागरूकता के लिए विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत रहेंगे। साथ ही अग्निशमन कर्मियों द्वारा प्रस्तुत किए गए शानदार करतबों का अवलोकन भी किया।
मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि प्रयागराज महाकुंभ
ड्यूटी में उत्कृष्ट कार्य करने वाले उत्तराखण्ड फायर सर्विस के सभी कर्मियों को 10-10 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।

धामी ने जानकारी दी कि उत्तराखण्ड बनने के बाद से अब तक 53 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति, 27 हजार से अधिक मानव जीवन और करीब 7 हजार पशुओं को अग्निशमन सेवा ने बचाया है। उन्होंने गर्व से कहा कि अब महिलाएं भी अग्निशमन सेवा में योगदान दे रही हैं, जो प्रदेश के लिए गर्व की बात है।
धामी ने कहा कि केंद्र सरकार की मदद से राज्य को 71 करोड़ रुपये की धनराशि अग्निशमन सेवा के आधुनिकीकरण और इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने हेतु प्राप्त हुई है। इसके तहत 18 फायर स्टेशनों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। साथ ही विश्वस्तरीय उपकरण व फायर सूट की खरीदारी भी की जा रही है।

दूरस्थ क्षेत्रों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सरकार फायर स्टेशन मैपिंग भी कर रही है, जिससे भविष्य में और अधिक क्षेत्रों में फायर स्टेशनों की स्थापना की जा सके।मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि गैरसैण में फायर स्टेशन भवन और 78 आवास इकाइयों का निर्माण किया जा रहा है। साथ ही हरिद्वार के बहादराबाद में भी एक नया फायर स्टेशन स्वीकृत किया गया है।
प्राकृतिक आपदाओं के दौरान अग्निशमन कर्मियों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि केदारनाथ, टनकपुर, खटीमा, अराकोट और रैणी जैसी घटनाओं में इन कर्मियों ने साहस व समर्पण का परिचय दिया।मुख्यमंत्री ने वनाग्नियों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि वन विभाग के साथ मिलकर अग्निशमन विभाग को सतर्कता और तेजी से कार्रवाई करनी होगी ताकि भविष्य में ऐसी आपदाएं न हों।
चारधाम यात्रा के दृष्टिकोण से भी मुख्यमंत्री ने फायर सर्विस की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि लाखों श्रद्धालुओं की सुरक्षा में फायर फाइटर्स को मुस्तैदी से तैनात रहना होगा।इस कार्यक्रम में मेयर सौरभ थपलियाल, सचिव गृह शैलेश बगौली, डीजीपी दीपम सेठ, उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग अध्यक्ष डॉ. रवि दत्त गोदियाल, बाल संरक्षण आयोग अध्यक्ष डॉ. गीता खन्ना सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
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