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लक्सर (हरिद्वार) – टांडा महतोली गांव में सोमवार सुबह उस समय अफरातफरी मच गई जब ग्रामीणों ने खेतों के पास एक 15 फुट लंबा विशालकाय अजगर देखा। अजगर की विशालता और अचानक उपस्थिति से स्थानीय लोगों में डर फैल गया। वन विभाग की टीम ने तत्परता दिखाते हुए अजगर को सुरक्षित रूप से रेस्क्यू किया, जिससे बड़ी राहत मिली।
कैसे हुआ अजगर का पता?
ग्रामीणों ने खेतों में एक बड़ी सी आकृति को रेंगते हुए देखा। पहले तो लोगों को भ्रम हुआ, लेकिन जब पास जाकर देखा तो पता चला कि वह एक विशाल रॉक पायथन (Indian Rock Python) था, जिसकी अनुमानित आयु लगभग 20 वर्ष बताई जा रही है।
रेस्क्यू ऑपरेशन का नेतृत्व
सूचना मिलते ही वन रेंज अधिकारी शैलेंद्र सिंह नेगी के नेतृत्व में वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। टीम में वनकर्मी गुरजंट सिंह, भोपाल सिंह, रोहित सैनी और सुमित कुमार शामिल रहे। सभी प्रशिक्षित वनकर्मियों ने विशेष उपकरणों की मदद से लगभग 30 मिनट की मेहनत के बाद अजगर को सुरक्षित रूप से पकड़ा।
जंगल में छोड़ा गया अजगररेस्क्यू के बाद, अजगर को निकटवर्ती जंगल क्षेत्र में सुरक्षित रूप से छोड़ दिया गया, ताकि वह अपने प्राकृतिक आवास में लौट सके। अधिकारियों ने पुष्टि की कि अजगर पूरी तरह स्वस्थ है और उसे किसी प्रकार की चोट नहीं आई।
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वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की जानकारी
अधिकारियों ने बताया कि यह अजगर भारतीय रॉक अजगर की प्रजाति का है, जो वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत संरक्षित है। इसका शिकार, पकड़ना या किसी भी प्रकार की हानि पहुंचाना कानूनी अपराध है। इसके लिए कठोर सजा का प्रावधान है।
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ग्रामीणों में फैली जागरूकता अजगर की रेस्क्यू प्रक्रिया को कई ग्रामीणों ने अपनी आंखों से देखा। अधिकारियों ने मौके पर ही लोगों को समझाया कि किसी भी वन्यजीव को देखकर घबराएं नहीं बल्कि तुरंत वन विभाग या प्रशासन को सूचित करें।वन विभाग ने ग्रामीणों से यह अपील भी की कि वे सोशल मीडिया पर ऐसी घटनाओं का गलत प्रचार न करें, जिससे भ्रम फैल सकता है। विभाग का उद्देश्य प्राकृतिक संतुलन और वन्यजीव संरक्षण को बनाए रखना है।
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क्या है रॉक अजगर की विशेषता?
भारतीय रॉक अजगर (Python molurus) भारत में पाई जाने वाली सबसे बड़ी अजगर प्रजातियों में से एक है।यह विषहीन होता है, लेकिन अपनी मजबूत पकड़ और आकार के कारण खतरनाक माना जाता है। इसका मुख्य आहार छोटे स्तनधारी, पक्षी और छिपकलियां होते हैं।
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वन विभाग की अपीलवन रेंज अधिकारी शैलेंद्र सिंह नेगी ने कहा: “प्राकृतिक वातावरण में वन्यजीवों की मौजूदगी सामान्य बात है। यदि कोई जानवर मानव बस्ती में आ जाए, तो घबराने की बजाय वन विभाग को सूचित करें। हमारी टीम हर परिस्थिति
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