सबसे सटीक ज्वालापुर टाइम्स न्यूज़…👍
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लोकतंत्र सेनानियों के सम्मान और कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं और निर्देश जारी किए हैं।

सीएम धामी ने स्पष्ट कहा कि लोकतंत्र की रक्षा में अपना सर्वस्व अर्पित करने वाले सेनानियों को उनके अधिकार देने और उनकी समस्याओं के निराकरण के लिए राज्य सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। इसके अंतर्गत शासन स्तर पर नोडल अधिकारी नामित करने, प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया तेज करने और सम्मान निधि बढ़ाने की बात कही गई है।
—-
मानसून सत्र में आएगा अधिनियम, प्रक्रिया होगी आसान

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आगामी मानसून सत्र में लोकतंत्र सेनानियों के कल्याण से संबंधित अधिनियम को लाने की तैयारी की जाए। इसके साथ ही उन्होंने सम्मान निधि की प्रक्रिया को सरल बनाने, पात्र व्यक्तियों को जल्द प्रमाण पत्र देने और समस्याओं के निस्तारण के लिए नोडल अधिकारी की नियुक्ति का आदेश दिया।
सम्मान निधि में वृद्धि और हर वर्ष सम्मान समारोह का आयोजन

सीएम धामी ने कहा कि लोकतंत्र सेनानियों को प्रतिमाह दी जाने वाली सम्मान निधि में पहले भी वृद्धि की गई है और भविष्य में इसे और बढ़ाया जाएगा। साथ ही हर वर्ष लोकतंत्र सेनानियों का सार्वजनिक रूप से सम्मान किया जाएगा ताकि उनके योगदान को नई पीढ़ी तक पहुंचाया जा सके।
आपातकाल के 50 वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित किया गया ‘‘संविधान हत्या दिवस’’
25 जून 2025 को आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर मुख्यमंत्री आवास में ‘‘संविधान हत्या दिवस’’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सीएम धामी ने आपातकाल के दौरान मीसा और डीआईआर के तहत बंद रहे लोकतंत्र सेनानियों और उनके परिजनों से संवाद किया और उनका अभिनंदन किया।
उन्होंने इस ऐतिहासिक कालखंड को लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा संकट बताया और कहा कि इस दौर में लोकतंत्र की लौ बुझने नहीं दी गई, बल्कि जेलों में रहकर भी देश की आवाज को जीवित रखा गया।
नई पीढ़ी को आपातकाल के इतिहास से जोड़ने की पहल
सीएम धामी ने यह भी कहा कि आज की पीढ़ी को उस कठिन दौर की जानकारी होनी चाहिए, जिससे यह राष्ट्र गुजरा है। इसी उद्देश्य से प्रदेशभर में प्रदर्शनियों, कार्यक्रमों और संवाद सत्रों का आयोजन किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाने की शुरुआत की गई है ताकि लोकतंत्र के रक्षकों के त्याग को भुलाया न जा सके।
उत्तराखंड बना अन्य राज्यों के लिए उदाहरण
मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में यह भी उल्लेख किया कि उत्तराखंड जैसे छोटे राज्य द्वारा लिए गए निर्णय आज देशभर के लिए मार्गदर्शक बन रहे हैं। नकल विरोधी कानून, एसडीजी रैंकिंग में पहला स्थान और लोकतंत्र सेनानियों के लिए उठाए गए कदम, राज्य की दूरदृष्टि और समर्पण को दर्शाते हैं।

उत्तराखंड सरकार द्वारा लोकतंत्र सेनानियों को दिए जा रहे सम्मान, कल्याणकारी योजनाओं और पारदर्शी प्रणाली से यह स्पष्ट है कि राज्य जन आंदोलनों और लोकतंत्र के रक्षकों के योगदान को भुलाना नहीं चाहता। शासन की पहल से यह उम्मीद की जा सकती है कि भविष्य में लोकतंत्र सेनानियों को उचित मान-सम्मान के साथ सभी सुविधाएं समयबद्ध रूप से मिलेंगी।
यह भी पढ़ें 👉 उत्तराखंड के विकास को मिले केंद्र की ताकत: मुख्यमंत्री धामी ने मध्य क्षेत्रीय परिषद में रखी राज्य की प्राथमिकताएं…
उत्तराखंड की सभी ताज़ा और महत्वपूर्ण ख़बरों के लिए ✨ ज्वालापुर टाइम्स न्यूज़ ✨ के📢 WHATSAPP GROUP से जुड़ें और अपडेट सबसे पहले पाएं
👉 यहां क्लिक करें एक और हर अपडेट आपकी उंगलियों पर!