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रिपोर्टर फरमान खान
लक्सर 19 फरवरी 2025 । स्वरोजगार की राह हुई आसान उत्तराखंड सरकार के उच्च शिक्षा विभाग और भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान (ईडीआईआई), अहमदाबाद द्वारा संचालित देवभूमि उद्यमिता योजना के अंतर्गत आयोजित 12 दिवसीय उद्यमिता विकास कार्यक्रम का समापन राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, लक्सर में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य नवोदित उद्यमियों को आवश्यक कौशल और संसाधनों से सशक्त बनाकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना था, ताकि वे अपने व्यवसाय को प्रभावी ढंग से संचालित कर सकें।

कार्यक्रम के दौरान विभिन्न उद्योगों के विशेषज्ञों, अनुभवी उद्यमियों और विषय विशेषज्ञों ने प्रतिभागियों को उद्यमिता के विभिन्न पहलुओं पर मार्गदर्शन दिया। प्रमुख प्रशिक्षकों में परियोजना अधिकारी अभिषेक नंदन और शैलेश रावत के साथ-साथ उद्यमिता के क्षेत्र में अनुभवी अनु सिंह, सुमित मिश्रा, आशुतोष रावत और आर.आर. जोशी शामिल रहे। इन विशेषज्ञों ने व्यवसाय प्रबंधन, विपणन रणनीतियाँ, वित्तीय नियोजन, डिजिटल मार्केटिंग, नवाचार और स्टार्टअप फंडिंग जैसे विषयों पर गहन प्रशिक्षण दिया, जिससे प्रतिभागियों को अपने विचारों को वास्तविकता में बदलने की प्रेरणा मिली।

समापन समारोह के दौरान मुख्य अतिथि शशि भूषण
बहुगुणा (एनआईटी श्रीनगर) और देवभूमि उद्यमिता योजना के औद्योगिक सलाहकार ने कहा कि उद्यमिता केवल व्यवसाय शुरू करने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह नवाचार, समर्पण और सतत प्रयासों का संगम है। इस कार्यक्रम ने युवाओं को नए व्यावसायिक अवसरों की पहचान करने और उनके विकास की दिशा में ठोस कदम उठाने के लिए प्रेरित किया।

महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ. मनोज कुमार ने सभी प्रशिक्षुओं को बधाई देते हुए कहा कि यह कार्यक्रम उनके उद्यमशीलता सफर में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि भविष्य में भी इस तरह के प्रशिक्षण आयोजित किए जाएंगे, ताकि अधिक से अधिक युवा स्वरोजगार और स्टार्टअप के लिए प्रेरित हो सकें। इस कार्यक्रम में महाविद्यालय की नोडल अधिकारी डॉ. कनुप्रिया ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिन्होंने प्रतिभागियों को व्यवसाय से जुड़ी संभावनाओं और आवश्यक संसाधनों के बारे में जागरूक किया। उन्होंने युवाओं को नवाचार आधारित व्यवसाय शुरू करने के लिए प्रेरित किया और उन्हें हरसंभव सहायता देने का भरोसा दिलाया।
प्रशिक्षण में शामिल प्रतिभागियों ने अपने अनुभव साझा करते हुए इसे अत्यंत उपयोगी बताया।
उन्होंने सीखा कि व्यवसाय स्थापित करने के लिए किस तरह की रणनीतियाँ अपनाई जानी चाहिए और एक सफल उद्यमी बनने के लिए कौन-कौन से कारक महत्वपूर्ण होते हैं। कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। इस अवसर पर डॉ. सीमा चौधरी, डॉ. सुशील भाटी, डॉ. स्नेह लता, डॉ. गजेंद्र सिंह, डॉ. मीनाक्षी कश्यप और डॉ. दीक्षित कुमार सहित कई अन्य शिक्षाविद् उपस्थित रहे।
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