"लक्सर में राजस्व विभाग की टीम द्वारा की गई नापतौल की कार्यवाही""लक्सर में राजस्व विभाग की टीम द्वारा की गई नापतौल की कार्यवाही"

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लक्सर में लंबे समय से चल रहा एक प्रमुख भूमि विवाद अब अपने अंतिम चरण में पहुंच गया है। माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में उपजिलाधिकारी लक्सर और नगर पालिका परिषद लक्सर को 22 जुलाई 2025 को आदेश पारित किया गया था। इस आदेश में स्पष्ट निर्देश दिए गए थे कि खसरा संख्या 40 की पैमाइश कर भूमि स्वामी मोहनलाल पुत्र भिक्कन लाल और नगर पालिका परिषद लक्सर के बीच विवाद का समाधान किया जाए।

राजस्व विभाग की सात सदस्यीय टीम, जिसमें लेखपाल, कानूनगो, अधिशासी अधिकारी और स्थानीय पुलिस शामिल थे, ने मौके पर जाकर भूमि का विस्तृत निरीक्षण और नापतौल की कार्यवाही की।

नगरपालिका परिषद लक्सर की जमीन की तलाश अभी जारी

जहां मोहनलाल को राहत मिली है, वहीं नगर पालिका परिषद लक्सर के लिए नई चुनौती खड़ी हो गई है। राजस्व विभाग की टीम अब नगर पालिका परिषद लक्सर की वास्तविक भूमि की पहचान और तलाश में जुटी है। राजस्व अधिकारियों का कहना है कि नगरपालिका की जमीन की सही स्थिति का पता लगाने के लिए जल्द ही दूसरी चरण की कार्यवाही की जाएगी। इसके लिए अलग-अलग खसरा नंबरों और पुराने रिकार्ड की गहन जांच की जा रही है।

भूमि स्वामियों के लिए सीख

इस पूरे घटनाक्रम ने यह साबित कर दिया है कि यदि भूमि से संबंधित विवादों को समय पर न्यायालय के समक्ष लाया जाए तो समाधान संभव है। मोहनलाल जैसे भूमि स्वामियों के लिए यह एक मिसाल है कि अपने अधिकारों की रक्षा के लिए कानूनी रास्ता अपनाना कितना जरूरी है। भूमि विवाद विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में भूमि विवाद सबसे जटिल मुद्दों में से एक है। ऐसे मामलों में अक्सर वर्षों तक अदालतों में सुनवाई चलती रहती है। लेकिन यदि प्रशासन, न्यायपालिका और राजस्व विभाग मिलकर तत्परता से कार्रवाई करें तो इस तरह के विवाद जल्द ही सुलझाए जा सकते हैं।भूमि विवाद विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में भूमि विवाद सबसे जटिल मुद्दों में से एक है। ऐसे मामलों में अक्सर वर्षों तक अदालतों में सुनवाई चलती रहती है। लेकिन यदि प्रशासन, न्यायपालिका और राजस्व विभाग मिलकर तत्परता से कार्रवाई करें तो इस तरह के विवाद जल्द ही सुलझाए जा सकते हैं।

मोहनलाल के परिवार की प्रतिक्रिया

मोहनलाल और उनके परिवार ने प्रशासन और न्यायालय का आभार जताया। उन्होंने कहा कि लंबे समय से वे इस विवाद में परेशान थे, लेकिन अब न्यायालय और प्रशासन की सख्ती से उन्हें उनकी जमीन वापस मिल रही है।

न्यायालय के आदेश पर तेजी से हुई कार्रवाई

माननीय उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए आदेश का पालन करते हुए प्रशासन ने बिना देरी किए कार्रवाई की। प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस बल की मौजूदगी ने इस कार्यवाही को और पारदर्शी बना दिया। इस नापतौल और निरीक्षण की प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या विवाद की गुंजाइश नहीं छोड़ी गई।

यह कार्रवाई न केवल मोहनलाल जैसे भूमि स्वामियों के लिए राहत की खबर है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि न्यायपालिका और प्रशासन की संयुक्त पहल से वर्षों पुराने विवाद भी सुलझ सकते हैं।राजस्व विभाग की टीम अब नगर पालिका परिषद लक्सर की जमीन की तलाश में जुटी है। जल्द ही इस संबंध में भी रिपोर्ट तैयार कर कार्रवाई आगे बढ़ाई जाएगी। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में इस तरह की पारदर्शी कार्रवाई भूमि विवादों के समाधान की गति को और तेज करेगी।

लक्सर का यह मामला केवल एक भूमि विवाद का समाधान नहीं है, बल्कि यह न्यायपालिका और प्रशासन के संयुक्त प्रयास का प्रतीक है। भूमि स्वामी मोहनलाल को उनकी जमीन मिलने से यह साबित हो गया कि न्याय देर से ही सही, लेकिन मिलता जरूर है। नगर पालिका परिषद लक्सर की भूमि की तलाश जारी है और उम्मीद है कि यह विवाद भी जल्द ही सुलझा लिया जाएगा।

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By ATHAR

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