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हरिद्वार। जिलाधिकारी हरिद्वार कर्मेंद्र सिंह के निर्देश पर ज्वालापुर स्थित राजकीय अनाज गोदाम का औचक निरीक्षण किया गया। यह निरीक्षण आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए खाद्यान्न की उपलब्धता और वितरण में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से किया गया था। निरीक्षण दल में डिप्टी कलेक्टर मनीष कुमार सिंह, सिटी मजिस्ट्रेट श्रीमती कुसुम चौहान, जिला पूर्ति अधिकारी तेजबल सिंह, खाद्यान्न निरीक्षक बिंदु नेगी, राजस्व उप निरीक्षक रविकांत, आशीष मामगाईं, और सुंदर तोमर सहित अन्य अधिकारी शामिल थे।
भारी अनियमितताएं पाई गईं
निरीक्षण के दौरान गोदाम में स्टॉक पंजिका और भौतिक स्टॉक के बीच भारी विसंगतियां पाई गईं। जांच में 197 कट्टे गेहूं कम और 3736 कट्टे चावल अधिक पाए गए। इस गड़बड़ी ने गोदाम प्रबंधन की गंभीर लापरवाही और खाद्यान्न वितरण प्रक्रिया में संभावित भ्रष्टाचार को उजागर किया है।
प्रश्नों का संतोषजनक उत्तर नहीं मिला
निरीक्षण के दौरान मौके पर मौजूद वरिष्ठ विपणन निरीक्षक प्रशांत मैथानी और राहुल भट्ट से पूछताछ की गई। लेकिन वे इस गंभीर अनियमितता का कोई स्पष्ट और संतोषजनक उत्तर देने में असफल रहे। अधिकारियों के रवैये ने जांच दल को और भी चिंतित कर दिया, जिससे यह मामला और गंभीर हो गया।
रिपोर्ट जिलाधिकारी को प्रेषित
निरीक्षण दल ने गोदाम में पाए गए स्टॉक की विसंगतियों और अन्य अनियमितताओं का विस्तृत विवरण तैयार कर इसकी रिपोर्ट जिलाधिकारी हरिद्वार को सौंप दी है। जिलाधिकारी ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई के संकेत दिए हैं। यह कदम खाद्यान्न वितरण में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
खाद्यान्न वितरण में सुधार की उम्मीद
ज्वालापुर के राजकीय अनाज गोदाम में पाई गई अनियमितताओं ने खाद्यान्न वितरण प्रणाली की खामियों को उजागर किया है। जिलाधिकारी ने इस दिशा में सुधार और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी कदम उठाने के संकेत दिए हैं। इस घटना के बाद जिले में अन्य गोदामों के निरीक्षण की भी संभावना जताई जा रही है।