“टनकपुर सशक्त बहना उत्सव में महिलाओं के साथ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सहभागिता का दृश्य”“टनकपुर सशक्त बहना उत्सव में महिलाओं के साथ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सहभागिता का दृश्य”

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रिपोर्ट जतिन

टनकपुर के छीनीगोठ में गुरुवार को आयोजित “मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव” में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने महिलाओं की आत्मनिर्भरता, उद्यमशीलता और पारंपरिक कौशल को सम्मानित किया। कार्यक्रम में सीएम ने विभिन्न स्टालों पर जाकर महिलाओं के कार्यों में सहभागिता की और कहा कि “महिलाएँ बनें आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड की अग्रदूत।”उत्तराखण्ड सरकार राज्य में महिलाओं को आर्थिक, सामाजिक और तकनीकी रूप से सशक्त बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। “सशक्त बहना उत्सव” इसी दिशा में एक बड़ा कदम है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण और शहरी महिलाओं के पारंपरिक कौशल को बाजार से जोड़ना और उन्हें स्वरोजगार से जोड़ना है।

मुख्यमंत्री ने स्वयं किया सहभागिता

टनकपुर के छीनीगोठ में आयोजित इस उत्सव में मुख्यमंत्री धामी ने महिलाओं द्वारा लगाए गए स्टालों का निरीक्षण किया। उन्होंने मट्ठा निर्माण, ऐपण कला, दीपावली की लाइट सोल्डरिंग, धान कूटने और लौह उत्पाद निर्माण जैसी गतिविधियों में भाग लेकर मातृशक्ति को प्रोत्साहित किया।

मुख्यमंत्री ने कहा —

“महिलाएँ अब केवल उपभोक्ता नहीं, बल्कि उत्पादक और उद्यमी बन रही हैं। यही आत्मनिर्भर भारत की असली तस्वीर है।” [QUOTE_REQUIRED]


सीएम धामी ने कहा कि राज्य सरकार महिलाओं को केवल सहयोग नहीं दे रही, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए ठोस कदम उठा रही है। उन्होंने “लोकल फॉर वोकल” के मंत्र को आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड के लिए जनआंदोलन बनाने का आह्वान किया।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा —

“नारी तू शक्ति है, नारी तू सृष्टि की मुस्कान है; जब नारी सशक्त होगी, तभी उत्तराखण्ड समृद्ध होगा।”

इस कार्यक्रम ने स्थानीय महिला समूहों और स्वयं सहायता समूहों को एक नया आत्मविश्वास दिया है। सीएम के निर्देशानुसार महिला उत्पादों को मार्केट लिंक दिलाने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।
महिला समूहों द्वारा बनाए गए पारंपरिक उत्पादों को दीपावली से पहले स्थानीय बाजारों में उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा।

प्रदेश में 70,000 से अधिक स्वयं सहायता समूह सक्रिय हैं, जिनमें 5 लाख से अधिक महिलाएँ स्वरोजगार से जुड़ी हैं। इनमें से 1.65 लाख महिलाएँ “लखपति दीदी” बन चुकी हैं।
राज्य सरकार ने महिलाओं को सरकारी सेवाओं में 30% आरक्षण भी प्रदान किया है, जिससे उनका प्रशासनिक क्षेत्र में भी प्रतिनिधित्व बढ़ा है।

“सशक्त बहना उत्सव” उत्तराखण्ड की महिलाओं के लिए केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता का प्रतीक बनकर उभरा है। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य सरकार मातृशक्ति के सम्मान, सुरक्षा और स्वावलंबन के लिए पूरी तरह समर्पित है।
उन्होंने महिलाओं से आह्वान किया कि वे “लोकल फॉर वोकल” को अपनाकर आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड की दिशा में कदम बढ़ाएँ।

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By ATHAR

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