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हरिद्वार, 2 मई 2025 — कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह की अध्यक्षता में प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की समीक्षा बैठक आयोजित की गई।
इस बैठक में योजना के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर विस्तृत चर्चा की गई, जिसका उद्देश्य परंपरागत शिल्पकारों और कारीगरों को मुख्यधारा की अर्थव्यवस्था से जोड़ना है।
पारंपरिक कारीगरों का होगा कौशल विकास
जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि जिले में सभी पारंपरिक शिल्पकारों व कारीगरों को चिन्हित कर उनके लिए गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाए। प्रशिक्षण उनके नजदीकी क्षेत्रों में ही संचालित किए जाएं ताकि उन्हें आने-जाने में असुविधा न हो।

उन्होंने कहा कि पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत इच्छुक पात्र व्यक्तियों को आसानी से कम ब्याज पर ऋण उपलब्ध कराया जाए, जिससे वे अपना स्वरोजगार शुरू कर सकें। इसके साथ ही उन्हें टूल किट की सहायता भी जल्द उपलब्ध कराई जाए।
ई-मार्केटिंग से जोड़े जाएंगे उत्पाद

जिलाधिकारी ने जनपद के उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों को ई-मार्केटिंग प्लेटफॉर्म से जोड़ने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि डिजिटलीकरण के इस युग में परंपरागत कारीगरों को भी डिजिटल लेन-देन के प्रति जागरूक किया जाए और उन्हें प्रशिक्षित किया जाए।
कम रजिस्ट्रेशन वाले ट्रेड्स पर विशेष फोकस
बैठक में यह भी निर्देश दिया गया कि जिन ट्रेड्स में कम लोगों का रजिस्ट्रेशन हो रहा है, उन्हें चिन्हित कर प्रचार-प्रसार के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाए। सीएससी केंद्रों को यह स्पष्ट निर्देश दिए गए कि वे अपात्र व्यक्तियों के फॉर्म न भरें।
मासिक समीक्षा और तेजी से आवेदन निस्तारण के निर्देश

जिलाधिकारी ने पीएम विश्वकर्मा योजना की मासिक समीक्षा बैठक नियमित रूप से आयोजित करने को कहा। इसके साथ ही योजना पोर्टल पर आए आवेदनों का त्वरित निस्तारण करने के निर्देश दिए। महाप्रबंधक उद्योग उत्तम कुमार तिवारी को निर्देशित किया गया कि वे अधिक से अधिक लोगों को योजना के अंतर्गत प्रशिक्षण दिलाएं और पात्र लोगों को उसका पूरा लाभ दें।
2569 आवेदन प्राप्त, 2257 स्वीकृत
महाप्रबंधक उद्योग उत्तम कुमार तिवारी ने बताया कि इस वर्ष स्टेज-2 (DIC) के तहत 2569 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 2257 को स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। फिलहाल जनपद में 7 ट्रेनिंग सेंटर कार्यरत हैं, जहां योजना के अंतर्गत प्रशिक्षण जारी है।
योजना का मुख्य उद्देश्य
बैठक में बताया गया कि प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को उनके हाथ और औजारों के माध्यम से स्वरोजगार स्थापित करने में मदद देना है। यह योजना उन्हें आधुनिक तकनीक से जोड़ने, उनकी आय बढ़ाने और गुणवत्तापूर्ण उत्पाद तैयार करने में सहायक है।
उपस्थित अधिकारीगण
इस अवसर पर पूर्व राज्यमंत्री शोभाराम प्रजापति, मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोण्डे, बीडीओ सुमन कोटियाल, एलडीएम संजय संत, एसएनए नगर निगम ऋषभ उनियाल सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।
यदि आप भी परंपरागत शिल्प या कारीगरी से जुड़े हैं और इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं, तो अपने नजदीकी उद्योग कार्यालय या सीएससी सेंटर से संपर्क करें। योजना का लाभ उठाकर अपने कौशल को पहचान दिलाएं और आर्थिक रूप से सशक्त बनें।
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