“हरिद्वार में नो हेलमेट नो पेट्रोल अभियान के दौरान पेट्रोल पंप पर हेलमेट की जांच करते परिवहन विभाग के अधिकारी”“हरिद्वार में नो हेलमेट नो पेट्रोल अभियान के दौरान पेट्रोल पंप पर हेलमेट की जांच करते परिवहन विभाग के अधिकारी”

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हरिद्वार जिले में सड़क सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए परिवहन विभाग ने एक सराहनीय पहल की शुरुआत की है। 22 सितंबर 2025 को हरिद्वार के SIDCUL क्षेत्र में “नो हेलमेट – नो पेट्रोल” अभियान का शुभारम्भ किया गया। इस अनोखे अभियान का लक्ष्य आमजन को सड़क पर चलते समय हेलमेट पहनने के लिए जागरूक करना और सड़क दुर्घटनाओं को कम करना है। सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी निखिल शर्मा ने बताया कि अभियान की योजना और क्रियान्वयन को प्रभावी बनाने के लिए परिवहन विभाग की टीमों को विशेष जिम्मेदारी दी गई है।

अभियान के पहले चरण में चार प्रमुख पेट्रोल पंपों को चिन्हित किया गया है जहां इस नियम को सख्ती से लागू किया जाएगा। ये पेट्रोल पंप हैं: AR पेट्रोल पंप, Rao Filling Station, Ish Kripa Petrol Pump और Mannat Petrol Pump। इन पंपों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि बिना हेलमेट पहने किसी भी दोपहिया वाहन चालक को पेट्रोल न दिया जाए। यह निर्देश सिर्फ कागज़ों तक सीमित नहीं है, बल्कि पेट्रोल पंप संचालकों की निगरानी के लिए परिवहन विभाग ने विशेष स्क्वाड की तैनाती भी की है।

परिवहन विभाग की बाइक स्क्वाड्स इस अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। ये स्क्वाड चिन्हित पेट्रोल पंपों पर तैनात रहकर बिना हेलमेट आने वाले बाइक और स्कूटी चालकों की तुरंत जांच करेंगी। नियम तोड़ने वालों के चालान किए जाएंगे और मौके पर ही काउंसलिंग दी जाएगी ताकि लोग हेलमेट पहनने के महत्व को समझें और सड़क सुरक्षा के प्रति सजग हों। अधिकारी निखिल शर्मा ने कहा कि यह पहल सिर्फ चालान तक सीमित नहीं है बल्कि लोगों की सोच बदलने का प्रयास है। उनका मानना है कि हेलमेट पहनना सिर्फ कानून का पालन नहीं बल्कि जीवन की रक्षा के लिए आवश्यक आदत होनी चाहिए।

हर साल देशभर में लाखों लोग सड़क दुर्घटनाओं का शिकार होते हैं और इनमें सबसे अधिक मौतें सिर पर चोट लगने के कारण होती हैं। दोपहिया वाहन चालकों में हेलमेट न पहनने की प्रवृत्ति इन हादसों का बड़ा कारण है। हरिद्वार जैसे धार्मिक और औद्योगिक क्षेत्रों में वाहनों की बढ़ती संख्या के कारण सड़क सुरक्षा एक बड़ी चुनौती बनती जा रही है। इसी को ध्यान में रखते हुए “नो हेलमेट – नो पेट्रोल” अभियान को शुरू किया गया है। यह न केवल एक नियम है बल्कि एक सामाजिक संदेश भी है जो हर नागरिक को अपनी और दूसरों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने की प्रेरणा देता है।

इस अभियान के तहत न सिर्फ पेट्रोल पंपों को जिम्मेदारी दी गई है बल्कि आम नागरिकों से भी सहयोग की अपेक्षा की जा रही है। अभियान को सफल बनाने के लिए परिवहन विभाग ने स्थानीय प्रशासन, पुलिस और समाजसेवी संगठनों से मिलकर काम करने की योजना बनाई है। पंप संचालकों को निर्देश दिया गया है कि वे हेलमेट न पहनने वाले ग्राहकों को स्पष्ट रूप से पेट्रोल देने से इनकार करें और उन्हें नियमों का महत्व समझाएँ।

पेट्रोल पंप संचालकों ने भी इस पहल को सराहा है। उनका कहना है कि शुरुआत में थोड़ी परेशानी हो सकती है लेकिन लंबे समय में यह लोगों की आदत बदलने में मदद करेगा। पंप मालिकों का मानना है कि सड़क पर होने वाले हादसों को रोकने के लिए यह कदम बेहद प्रभावी साबित होगा।

अभियान का एक और महत्वपूर्ण पहलू है जनता को शिक्षित करना। परिवहन विभाग ने निर्णय लिया है कि पेट्रोल पंपों पर सड़क सुरक्षा संबंधी पोस्टर और बैनर लगाए जाएंगे। इन पर हेलमेट पहनने के फायदे और दुर्घटनाओं के आंकड़े दर्शाए जाएंगे ताकि लोग नियम तोड़ने से पहले दो बार सोचें। इसके अलावा सोशल मीडिया और स्थानीय समाचार पत्रों के माध्यम से भी अभियान का संदेश फैलाया जाएगा।

इस कदम का कानूनी आधार भी मजबूत है। मोटर व्हीकल एक्ट के अनुसार दोपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट पहनना अनिवार्य है। नियम का उल्लंघन करने पर जुर्माना लगाया जा सकता है। अब “नो हेलमेट – नो पेट्रोल” नियम के साथ यह और सख्त हो जाएगा क्योंकि पेट्रोल न मिलने की असुविधा लोगों को हेलमेट पहनने के लिए मजबूर करेगी। यह एक ऐसा व्यावहारिक तरीका है जो सीधे लोगों के व्यवहार को प्रभावित करता है और उन्हें सुरक्षा के प्रति जागरूक करता है।

हरिद्वार परिवहन विभाग का यह कदम देश के अन्य राज्यों और शहरों के लिए भी प्रेरणादायक हो सकता है। पहले भी कई राज्यों में ऐसे अभियान चलाए गए हैं और उनका सकारात्मक प्रभाव देखने को मिला है। हरिद्वार में इस पहल से न केवल दुर्घटनाएं कम होंगी बल्कि लोगों के भीतर सड़क सुरक्षा के प्रति जिम्मेदारी की भावना भी विकसित होगी।

यह पहल युवाओं के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। अक्सर देखा जाता है कि युवा वर्ग बिना हेलमेट के तेज रफ्तार में बाइक चलाने का जोखिम उठाते हैं। यह अभियान उन्हें जागरूक करेगा कि हेलमेट पहनना सिर्फ पुलिस से बचने का तरीका नहीं बल्कि जीवन की सुरक्षा का आधार है।

आम नागरिकों से अपील है कि वे इस अभियान का समर्थन करें। हेलमेट पहनना न केवल आपकी जान बचा सकता है बल्कि आपके परिवार को भी सुरक्षित रखता है। यह सिर्फ एक आदत नहीं बल्कि जिम्मेदारी है। अगर आप स्वयं नियमों का पालन करेंगे तो समाज के अन्य लोग भी प्रेरित होंगे और सड़क पर सभी के लिए सुरक्षित माहौल बनेगा।

परिवहन विभाग का यह कदम सड़क सुरक्षा के लिए एक मील का पत्थर साबित हो सकता है। यदि हर व्यक्ति इस पहल का पालन करे तो दुर्घटनाओं में भारी कमी आएगी और शहर की सड़कों पर सुरक्षा का स्तर बढ़ेगा। यह सिर्फ एक अभियान नहीं बल्कि समाज को सुरक्षित और जागरूक बनाने की दिशा में बड़ा कदम है।

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By ATHAR

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