गुरु नानक देव के प्रकाश पर्व पर लखनऊ में मत्था टेकते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ”गुरु नानक देव के प्रकाश पर्व पर लखनऊ में मत्था टेकते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ”

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लखनऊ में आयोजित श्री गुरु नानक देव जी महाराज के 556वें प्रकाश पर्व समारोह में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरु नानक देव के दिखाए मार्ग को मानवता और राष्ट्र की सेवा का सर्वोत्तम संकल्प बताया। उन्होंने कहा कि गुरुओं के उपदेशों को जीवन में अपनाना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है।

गुरु नानक देव का प्रकाश पर्व

गुरुद्वारों में हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी पूरे उत्साह और श्रद्धा के साथ गुरु नानक देव जी का प्रकाशोत्सव मनाया जा रहा है।
श्री गुरु नानक देव जी का जन्म 1469 में तलवंडी (अब ननकाना साहिब, पाकिस्तान) में हुआ था। उन्होंने समाज को समानता, भाईचारा, सत्संग, कीर्तन, सेवा और सत्य का रास्ता दिखाया। भारत ही नहीं, पूरी दुनिया में सिख समाज इस दिन को दीप, प्रभात फेरी, नगर कीर्तन और कीर्तन-सेवा के रूप में मनाता है।

5 नवंबर को लखनऊ स्थित डीएवी कॉलेज प्रांगण में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिरकत की।
उन्होंने श्री गुरु ग्रंथ साहिब के समक्ष मत्था टेका और प्रदेशवासियों को प्रकाश पर्व की शुभकामनाएँ दीं। कार्यक्रम में सीएम योगी का सरोपा और स्मृति चिन्ह भेंट कर स्वागत किया गया
इस दौरान प्रबंधक मंडल, सिख समाज के प्रतिनिधि, धर्माचार्य और बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।
किसी आयोजक/धार्मिक प्रतिनिधि का आधिकारिक कथन]

गुरु नानक देव के उपदेश आज भी प्रासंगिक

मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरु नानक देव जी भारत के महान आध्यात्मिक गुरु थे जिन्होंने पांच से अधिक शताब्दी पहले समाज को संगठन, समरसता और सेवा का संदेश दिया।
उन्होंने कहा कि—

गुरु नानक देव के दिखाए मार्ग पर चलना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है।”

योगी आदित्यनाथ के अनुसार, गुरु नानक देव ने “मिल बैठकर खाने, सेवा, अन्नदान, और मानवता की एकता” को जीवन का धर्म माना। उन्होंने कहा कि उनकी शिक्षाएँ आज भी देशभर के गुरुद्वारों में जीवंत हैं।

मुख्यमंत्री ने बताया कि कठिन समय में भी गुरु नानक देव ने अत्याचार के विरुद्ध आवाज उठाई और समाज को सही दिशा दी।
उन्होंने कहा कि जब विदेशी आक्रांताओं द्वारा मंदिरों को नुकसान पहुँचाया जा रहा था और समाज भयभीत था, तब गुरु नानक देव ने निर्भीक होकर समाज का मार्गदर्शन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सिख पंथ की नींव गुरु नानक देव ने रखी, जिसे आगे गुरु गोबिंद सिंह महाराज ने और मजबूत किया।

मुख्यमंत्री ने पंजाब के कुछ क्षेत्रों में धर्मांतरण के मामलों पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने सिख समाज से अपील की कि वह अपनी परंपरा, पंथ और सिद्धांतों से जुड़े रहने के लिए जागरूकता बढ़ाए।

उन्होंने कहा कि—

जब समाज मजबूत और संगठित रहता है, तभी उसकी परंपराओं और आस्था का सम्मान सुनिश्चित होता है।”

यूपी में सिख समाज की सक्रिय भागीदारी

मुख्यमंत्री ने यूपी में सिख समाज के योगदान की सराहना करते हुए लखीमपुर खीरी, पीलीभीत, रामपुर, शाहजहांपुर और उधम सिंह नगर जैसे क्षेत्रों में सिख समुदाय की सामाजिक भूमिका को मजबूत बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि संस्थाओं और संगठनों को सशक्त बनाकर ही गुरु परंपरा के संदेश को व्यापक रूप से आगे बढ़ाया जा सकता है।

ऐसे समारोह समाज में भाईचारा, सांस्कृतिक एकता और धार्मिक सौहार्द को बढ़ावा देते हैं।
धार्मिक कार्यक्रमों से व्यापार, फूल बाजार, श्रद्धालुओं की आवाजाही और सामुदायिक आयोजन भी प्रभावित होते हैं। विशेष रूप से प्रकाश पर्व के दौरान लंगर सेवा, दान और सेवा-परंपरा का विस्तार देखा जाता है, जिससे सामाजिक एकजुटता मजबूत होती है।

श्री गुरु नानक देव का प्रकाश पर्व केवल धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि मानवता, समानता और सेवा का संदेश देता है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह संदेश कि “गुरु नानक देव के मार्ग पर चलना ही सच्ची श्रद्धांजलि है” समाज को उनके आदर्शों पर चलने की प्रेरणा देता है।

समाज, सेवा और सत्संग की भावना बनाए रखना ही आने वाली पीढ़ियों के लिए सबसे बड़ी सीख है।

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By ATHAR

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