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टोल प्लाजा डिप्टी मैनेजर की हत्या ने जिले में सनसनी फैला दी थी, लेकिन छपार पुलिस ने कम समय में आरोपियों को पकड़कर पीड़ित परिवार को न्याय की ओर एक कदम बढ़ाया है। मुठभेड़ में घायल हुए बदमाशों का इलाज जारी है और उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जा रही है। मुजफ्फरनगर पुलिस की यह कार्रवाई एक बार फिर साबित करती है कि उत्तर प्रदेश पुलिस अपराधियों को किसी भी हालत में खुला नहीं छोड़ती।
विवाद से शुरू हुआ मामला, हत्या तक पहुंचा घटनाक्रम
जानकारी के अनुसार छपार थाना क्षेत्र के टोल प्लाजा पर 18/19 सितंबर की रात को विवाद की शुरुआत हुई। ड्यूटी के दौरान टोल प्लाजा डिप्टी मैनेजर अरविन्द पांडेय और कुछ टोलकर्मियों के बीच कहासुनी हो गई थी। आरोप है कि उसी रात लगभग 1.30 बजे कुछ टोल कर्मचारी उनके कमरे पर पहुंचे और मारपीट करने के बाद उन्हें जबरन कार में बैठाकर ले गए। टोल प्लाजा मैनेजर मुकेश चौहान के साथ भी मारपीट की गई। इस संबंध में उनकी तहरीर पर थाना छपार पुलिस ने मामला दर्ज किया। लेकिन अगले दिन शाम को मेरठ के थाना जानी क्षेत्र में एक अज्ञात शव मिलने की सूचना मिली। जांच में पता चला कि शव अरविन्द पांडेय का है। इसके बाद मामले में हत्या की धाराएं जोड़ दी गईं।

हत्या के बाद मुठभेड़ में सफलता,
मुजफ्फरनगर जिले में पुलिस ने एक सराहनीय कार्रवाई करते हुए टोल प्लाजा डिप्टी मैनेजर की हत्या में वांछित तीन बदमाशों को मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार कर लिया। इस मुठभेड़ में दो बदमाश गोली लगने से घायल हो गए, जबकि तीसरे को पुलिस ने कॉम्बिंग अभियान चलाकर पकड़ लिया। पुलिस ने आरोपियों के पास से अवैध तमंचे, मोबाइल फोन, एक डंडा और घटना में प्रयुक्त अर्टिगा कार बरामद की है। यह कार्रवाई थाना छपार पुलिस ने उच्चाधिकारियों के निर्देशन में की। मेरठ जोन के अपर पुलिस महानिदेशक, सहारनपुर परिक्षेत्र के पुलिस उपमहानिरीक्षक और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजय कुमार वर्मा के मार्गदर्शन में गठित टीम ने आरोपियों को दबोच लिया।
इस पूरे अभियान में थाना छपार पुलिस टीम की सक्रियता और साहस की सराहना की जा रही है। टीम में थानाध्यक्ष गजेन्द्र सिंह समेत उपनिरीक्षक दीपक कुमार, राहुल कुमार, शुभम त्यागी, रजत कुमार, सत्यप्रकाश यादव, राहुल कुमार वर्मा और सिपाही कैलाश कुमार व सोहनवीर शामिल रहे। वरिष्ठ अधिकारियों ने पूरी टीम की इस सफलता की प्रशंसा की और कहा कि अपराधियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान और बरामद सामान
पुलिस ने गिरफ्तार किए गए बदमाशों की पहचान इस प्रकार की है:
- शुभम उर्फ मनी पुत्र उपेन्द्र, निवासी मोहम्मदपुर राय सिंह थाना भोराकलां, मुजफ्फरनगर (घायल)
- शेखर पुत्र अशोक, निवासी मोहल्ला सिरौही थाना गुलावठी जिला बुलन्दशहर (घायल)
- प्रदीप कुमार पुत्र मनवीर, निवासी आदर्श नगर कालौनी थाना गुलावठी, जिला बुलन्दशहर
पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से यह सामान बरामद किया:
- दो तमंचे, तीन जिंदा और दो खोखा कारतूस (315 बोर)
- दो मोबाइल फोन
- घटना में प्रयुक्त एक डंडा
- अर्टिगा कार (नम्बर UP-14 LT 2234)
अपराध पर नकेल कसने में पुलिस की तत्परता
मुजफ्फरनगर पुलिस की इस त्वरित कार्रवाई ने न सिर्फ एक सनसनीखेज हत्या मामले का पर्दाफाश किया बल्कि यह संदेश भी दिया कि कानून व्यवस्था से खिलवाड़ करने वालों को कड़ी सजा मिलेगी। बदमाशों के पास से बरामद हथियार और गाड़ी यह साबित करते हैं कि घटना पूर्व नियोजित थी। पुलिस के मुताबिक फरार अन्य आरोपियों की तलाश भी जारी है और जल्द ही उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने कबूल किया कि टोल प्लाजा पर देरी से पहुंचने के कारण मैनेजर और असिस्टेंट मैनेजर ने उनके साथ अभद्रता की थी। इसी रंजिश में उन्होंने अपने साथियों के साथ मिलकर पहले दोनों अधिकारियों के साथ मारपीट की और फिर असिस्टेंट मैनेजर अरविन्द पांडेय का अपहरण करके हत्या कर दी। शव को मेरठ के थाना जानी क्षेत्र में फेंक दिया गया था।
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