कलियर मेले में गंगनहर से डूबते युवक को आपदा राहत दल ने बचाया।कलियर मेले में गंगनहर से डूबते युवक को आपदा राहत दल ने बचाया।

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उत्तराखंड के हरिद्वार जिले में आयोजित कलियर मेला हर साल लाखों जायरीनों की आस्था का केंद्र रहा है। इस बार भी हजारों श्रद्धालु और पर्यटक इस मेले में शामिल हुए। मंगलवार, 27 अगस्त 2025 को मेले में एक बड़ा हादसा टल गया, जब मेरठ से आए एक युवक की जान आपदा राहत दल के जवानों ने बचाई। घटना दोपहर लगभग 12:10 बजे की है, जब मेरठ निवासी रिहान पुत्र नसीम उम्र 22 वर्ष अपने दोस्तों के साथ कलियर मेला घूमने और गंगनहर में स्नान करने पहुंचे। श्रद्धालु रिहान स्नान करते समय गंगनहर की गहराई में चले गए और अचानक पानी के तेज बहाव में फंसकर डूबने लगे।

यह घटना वहां मौजूद लोगों के बीच अफरा-तफरी का कारण बन गई। लेकिन मौके पर तैनात आपदा राहत दल 40 पीएसी की टीम ने तुरंत सतर्कता दिखाई और बिना समय गंवाए युवक को बचाने के लिए गंगनहर में उतर गए। सब इंस्पेक्टर इखलाक मलिक, कॉन्स्टेबल महावीर केंतुरा और कॉन्स्टेबल विनय कुमार ने साहस और मुस्तैदी का परिचय देते हुए रिहान को डूबने से सुरक्षित बाहर निकाला।

इस पूरे रेस्क्यू अभियान में जवानों ने न केवल अपनी जान जोखिम में डाली बल्कि तेजी से निर्णय लेकर मानवता का बड़ा उदाहरण प्रस्तुत किया। गंगनहर की गहराई और तेज बहाव के बावजूद उन्होंने स्थिति पर नियंत्रण पाया और युवक की जान बचाई। रिहान को बाहर निकालने के बाद प्राथमिक स्वास्थ्य जांच की गई, जिसमें वह पूरी तरह सुरक्षित पाए गए।

कलियर मेला उत्तराखंड का प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है, जिसमें देश-विदेश से लाखों जायरीन आते हैं। श्रद्धालु अक्सर गंगनहर में स्नान करते हैं, जिसे पवित्र और शुभ माना जाता है। लेकिन कई बार श्रद्धालुओं की लापरवाही या पानी की गहराई के अंदाजे में गलती बड़ी दुर्घटना का कारण बन जाती है। इसीलिए मेले के दौरान सुरक्षा व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जाता है।

आपदा राहत दल और पुलिस प्रशासन लगातार मेला क्षेत्र में निगरानी करते हैं ताकि किसी भी प्रकार की अनहोनी को रोका जा सके। इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि यदि सुरक्षा दल सक्रिय और सतर्क रहें तो बड़े हादसों को रोका जा सकता है। सब इंस्पेक्टर इखलाक मलिक और उनकी टीम की तत्परता की हर ओर सराहना हो रही है। जायरीन और स्थानीय लोग इस बात से बेहद खुश हैं कि उत्तराखंड पुलिस और आपदा राहत दल समय-समय पर अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित कर रहे हैं। कई जायरीन ने जवानों के साहस को प्रणाम करते हुए कहा कि इस प्रकार की मुस्तैदी ही मेले में विश्वास और सुरक्षा का माहौल बनाती है।

प्रदेश सरकार ने भी हमेशा से यह सुनिश्चित किया है कि धार्मिक आयोजनों में सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता हो। हरिद्वार और कलियर जैसे धार्मिक स्थलों पर मेले के दौरान भीड़ बढ़ जाती है, ऐसे में जवानों की मौजूदगी लोगों को भरोसा दिलाती है कि वे सुरक्षित हैं। यह घटना आने वाले समय में सुरक्षा मानकों को और सुदृढ़ करने का प्रेरणास्रोत बनेगी। मेला आयोजकों का कहना है कि गंगनहर के किनारे पर सुरक्षा चेतावनी बोर्ड लगाए गए हैं और स्नान करने वाले श्रद्धालुओं को लगातार सतर्क किया जाता है। फिर भी कई बार युवा और श्रद्धालु लापरवाही कर बैठते हैं। ऐसे में आपदा राहत दल का काम और भी कठिन हो जाता है। लेकिन जवानों ने दिखाया कि यदि समय पर एक्शन लिया जाए तो किसी की भी जान बचाई जा सकती है।

इस घटना के बाद स्थानीय प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि गंगनहर या किसी भी गहरे जलस्त्रोत में स्नान करते समय सतर्कता बरतें। प्रशासन ने यह भी कहा है कि स्नान करने से पहले सुरक्षा नियमों का पालन करना आवश्यक है। यदि कोई खतरा हो तो तुरंत पास मौजूद सुरक्षा जवानों को सूचित करें।

यह घटना इस बात का प्रमाण है कि उत्तराखंड के धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था कितनी मजबूत है। साथ ही यह भी दर्शाती है कि जवान न केवल अनुशासित हैं बल्कि संकट की घड़ी में तुरंत कार्यवाही कर जीवन बचाने के लिए सदैव तैयार रहते हैं। रिहान और उनके परिवार ने जवानों के प्रति आभार जताते हुए कहा कि यदि सुरक्षा दल समय पर मदद के लिए न आता तो बड़ा हादसा हो सकता था। कलियर मेला सिर्फ धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं बल्कि सामाजिक समरसता का भी उदाहरण है। इस मेले में हर धर्म, जाति और वर्ग के लोग बड़ी संख्या में शामिल होते हैं। यह मेला भाईचारे और शांति का संदेश देता है। लेकिन भीड़भाड़ वाले आयोजनों में सुरक्षा की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है। इस घटना ने सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक महत्व दिया है।

आजकल जब सोशल मीडिया पर ऐसी घटनाओं की चर्चा होती है तो लोग सुरक्षा कर्मियों की बहादुरी की खूब तारीफ करते हैं। यह घटना भी सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी हुई है और लोग इसे एक सकारात्मक खबर मान रहे हैं। युवाओं और बच्चों को भी इससे प्रेरणा मिलेगी कि हमेशा सतर्क रहें और सुरक्षा नियमों का पालन करें। प्रदेश सरकार और पुलिस विभाग का यह कहना है कि आने वाले आयोजनों में भी इसी प्रकार की सक्रियता और सतर्कता बनाए रखी जाएगी। श्रद्धालुओं को भी जिम्मेदारी निभानी होगी और प्रशासन के सहयोग से ही मेले जैसे बड़े आयोजनों को सुरक्षित बनाया जा सकता है।

हरिद्वार और कलियर जैसे धार्मिक स्थलों की शांति, आध्यात्मिकता और सुरक्षा का संतुलन बनाए रखना जरूरी है। जब श्रद्धालु सुरक्षित महसूस करते हैं तो उनकी आस्था और मजबूत होती है। यह घटना निश्चित रूप से आने वाले समय में प्रशासन और जनता दोनों को सतर्क रहने का संदेश देती है।

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By ATHAR

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