हरिद्वार पुलिस साइबर क्राइम सेल द्वारा गुरुकुल विश्वविद्यालय में आयोजित साइबर जागरूकता कार्यक्रम।हरिद्वार पुलिस साइबर क्राइम सेल द्वारा गुरुकुल विश्वविद्यालय में आयोजित साइबर जागरूकता कार्यक्रम।

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रिपोर्टर (सचिन शर्मा)

हरिद्वार पुलिस ने साइबर अपराधों पर रोक लगाने के लिए जन-जागरूकता की दिशा में एक और कदम बढ़ाया है। शनिवार को गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय में आयोजित विशेष कार्यक्रम में पुलिस की साइबर क्राइम सेल टीम ने 300 से अधिक एनसीसी कैडेट्स को डिजिटल सुरक्षा के उपाय बताए।

हरिद्वार पुलिस की साइबर अपराध के खिलाफ मुहिम

देशभर में तेजी से बढ़ते ऑनलाइन फ्रॉड, फिशिंग और फेक कॉल्स के मामलों को देखते हुए हरिद्वार पुलिस ने साइबर अपराध रोकथाम के लिए जागरूकता को प्राथमिक हथियार बनाया है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) हरिद्वार ने सभी थाना प्रभारियों और विशेष शाखाओं को निर्देशित किया है कि वे स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय स्तर पर नियमित साइबर अवेयरनेस कैंपेन चलाएँ।
इस अभियान का मकसद युवाओं, खासकर छात्रों को यह सिखाना है कि वे इंटरनेट पर कैसे सुरक्षित रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत रिपोर्ट करें।

गुरुकुल विश्वविद्यालय में साइबर क्राइम सेल की पहल

गुरुकुल विश्वविद्यालय के सभागार में साइबर क्राइम सेल टीम कैडेट्स को प्रस्तुति देते हुए।

दिनांक 11 अक्टूबर 2025 को साइबर क्राइम सेल, हरिद्वार ने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय परिसर में साइबर जन-जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया।
इस कार्यक्रम में 31 UK Battalion NCC Haridwar के लगभग 300 अधिकारी और कैडेट्स शामिल हुए।
कार्यक्रम में साइबर टीम ने प्रतिभागियों को विस्तार से बताया कि आज के समय में साइबर अपराधी किस तरह लोगों को ठगते हैं और कैसे वे बैंकिंग, सोशल मीडिया और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग करते हैं।

ठगी से बचने के 5 अहम उपाय

साइबर क्राइम टीम ने एनसीसी कैडेट्स को निम्नलिखित सावधानियों के बारे में बताया:

  1. अजनबी लिंक या QR कोड पर क्लिक न करें।
  2. OTP, बैंक विवरण या पासवर्ड किसी से साझा न करें।
  3. फर्जी नौकरी, लॉटरी या निवेश के ऑफर से सावधान रहें।
  4. संदिग्ध कॉल या ईमेल की तुरंत रिपोर्ट करें।
  5. साइबर अपराध की स्थिति में हेल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क करें या www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें।
  6. टीम ने यह भी बताया कि साइबर अपराधी नए-नए Modus Operandi अपनाते हैं — जैसे “फिशिंग”, “स्मिशिंग”, “रिमोट एक्सेस ऐप फ्रॉड” और “सोशल मीडिया हैकिंग” — इसलिए इंटरनेट का उपयोग करते समय हर व्यक्ति को सतर्क रहना चाहिए।

साइबर क्राइम सेल के एक अधिकारी ने बताया,

हमारा उद्देश्य युवाओं को डिजिटल दुनिया में सुरक्षित बनाना है। यदि लोग जागरूक रहेंगे तो 90% साइबर अपराधों को रोका जा सकता है। हर नागरिक को साइबर हेल्पलाइन 1930 की जानकारी होनी चाहिए।”

कार्यक्रम के दौरान कैडेट्स को साइबर सुरक्षा पंपलेट्स वितरित किए गए जिनमें आम ठगी के तरीकों और उनके समाधान की जानकारी थी।
टीम ने बताया कि किसी भी साइबर अपराध की स्थिति में देरी न करें, बल्कि तुरंत हेल्पलाइन नंबर 1930 या वेबसाइट cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट दर्ज करें।
साथ ही, प्रतिभागियों को यह भी बताया गया कि कैसे वे अपने परिवार और मित्रों को इस विषय में शिक्षित कर सकते हैं।

डिजिटल सतर्कता की दिशा में हरिद्वार एक कदम आगे

इस जागरूकता कार्यक्रम का असर स्थानीय स्तर पर भी देखा जा रहा है।
एनसीसी कैडेट्स ने कार्यक्रम के बाद कहा कि वे अब अपने स्कूल, कॉलेज और परिवार में साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूकता फैलाएँगे। इस तरह की कार्यशालाएँ युवाओं को न केवल सुरक्षित इंटरनेट उपयोग की जानकारी देती हैं, बल्कि उन्हें डिजिटल जिम्मेदारी का भी एहसास कराती हैं।

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में साइबर अपराधों में पिछले वर्ष की वृद्धि दर्ज की गई।
केवल उत्तराखंड में ही साल 2024 के दौरान महिला अपराध और साइबर यौन अपराधों में उत्तराखंड में करीब 13 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट यह खुलासा हुआ है। चोरी के मामलों में रिकवरी दर 52 फीसदी है जो राष्ट्रीय औसत से दोगुनी है। इसके अलावा साइबर ठगी में भी रिकवरी के मामले में उत्तराखंड पुलिस का प्रदर्शन बेहतर रहा है। उत्तराखंड पुलिस इस मामले में देश में छठे नंबर पर रही। सालभर में साइबर पुलिस पीड़ितों के कुल 47.2 करोड़ रुपये वापस कराने में सफल रही।

साइबर ठगी के मामले सामने आए।
ऐसे में हरिद्वार पुलिस का यह जागरूकता अभियान डिजिटल सुरक्षा की दिशा में एक सराहनीय पहल है। साइबर अपराध अब हर घर तक पहुँच चुके हैं — ऐसे में पुलिस की यह पहल समय की जरूरत है।
हर नागरिक को चाहिए कि किसी भी संदिग्ध कॉल, लिंक या संदेश पर भरोसा न करें और किसी भी ठगी की तुरंत शिकायत करें।
जैसा कि पुलिस का संदेश है —

सतर्क रहें, सुरक्षित रहें — आपकी सजगता ही आपकी सुरक्षा है।

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By ATHAR

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