“हरिद्वार नगर निगम टीम स्ट्रीट लाइट पोल से अवैध केबल हटाते हुए”“हरिद्वार नगर निगम टीम स्ट्रीट लाइट पोल से अवैध केबल हटाते हुए”

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हरिद्वार नगर निगम द्वारा शहर की साफ-सफाई और सुव्यवस्थित व्यवस्था को बनाए रखने के लिए अवैध रूप से लगाए गए केबल और तारों को हटाने का अभियान तेज कर दिया गया है। यह अभियान विशेष रूप से उन स्ट्रीट लाइट पोलों पर केंद्रित है, जिनका उपयोग निजी कंपनियों द्वारा बिना किसी अनुमति के डिश टीवी, इंटरनेट फाइबर और अन्य केबल्स के लिए किया जा रहा था। नगर निगम ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सार्वजनिक संपत्ति का इस प्रकार निजी उपयोग कानून का उल्लंघन है और अब ऐसी किसी भी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

हाल ही में नगर निगम की टीम ने हरिद्वार रेलवे स्टेशन से लेकर सहगल पेट्रोल पंप तक फैले स्ट्रीट लाइट पोलों पर लगे अवैध केबल और तारों को हटाया। इससे पूर्व 4 सितंबर को भी नगर निगम द्वारा शिवमूर्ति चौक से रेलवे स्टेशन तक ऐसे ही अवैध तारों को हटाने की कार्रवाई की गई थी। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान निगम की टीम ने विशेष उपकरणों की मदद से बेतरतीब लटके तारों को काटकर हटाया, जिससे ना केवल क्षेत्र की दृश्यता बेहतर हुई, बल्कि स्थानीय लोगों में सुरक्षा की भावना भी जगी।

नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि इस तरह की बेतरतीब वायरिंग से स्ट्रीट लाइट पोलों की कार्यक्षमता पर असर पड़ता है, जिससे रात में अंधेरे की समस्या खड़ी हो जाती है। इसके अलावा यह तार कभी-कभी टूटकर गिर भी सकते हैं, जिससे करंट लगने या राहगीरों के गिरने जैसी दुर्घटनाएं हो सकती हैं। ऐसी घटनाएं पहले भी शहर के कुछ हिस्सों में हो चुकी हैं, जिसके चलते निगम अब और सख्ती के मूड में है।

नगर निगम ने यह भी बताया कि शहर के अन्य क्षेत्रों जैसे मध्य हरिद्वार, ज्वालापुर, कनखल, खड़खड़ी और भीमगोड़ा में भी जल्द ही इसी प्रकार की कार्रवाई की जाएगी। यह अभियान अब केवल एक क्षेत्र तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पूरे हरिद्वार में उन सभी स्थानों पर लागू किया जाएगा, जहां स्ट्रीट लाइट पोल या सार्वजनिक ढांचों का इस्तेमाल निजी कंपनियों द्वारा अनधिकृत रूप से किया गया है। यह अभियान चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ेगा और हर क्षेत्र की पूरी तरह से निगरानी की जाएगी।

नगर निगम ने सभी नागरिकों और सेवा प्रदाता कंपनियों को स्पष्ट निर्देश जारी करते हुए यह अपील की है कि भविष्य में कोई भी व्यक्ति या कंपनी नगर निगम की पूर्व अनुमति के बिना सार्वजनिक स्थानों या स्ट्रीट लाइट पोलों पर कोई भी उपकरण, वायर या केबल न लगाए। यदि कहीं इस तरह की अनियमितता पाई जाती है तो नगर निगम उन केबलों और तारों को बिना किसी पूर्व सूचना के हटा देगा। साथ ही यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि तारों को हटाने की प्रक्रिया में होने वाले किसी भी नुकसान या खर्च की जिम्मेदारी संबंधित सेवा प्रदाता की होगी।

शहर के कई नागरिकों ने नगर निगम की इस पहल का स्वागत किया है। उनका कहना है कि वर्षों से तारों का यह जंजाल न केवल शहर की सुंदरता को प्रभावित कर रहा था, बल्कि सुरक्षा के लिहाज से भी गंभीर खतरा बना हुआ था। जगह-जगह तारों का लटकना बच्चों, बुजुर्गों और राहगीरों के लिए खतरा बन चुका था। कई बार बारिश या तेज हवा के दौरान तार टूटकर गिर जाते थे जिससे बिजली संबंधी दुर्घटनाएं होती थीं। नगर निगम की इस कार्रवाई से अब लोगों को राहत मिलेगी।

नगर निगम ने यह भी जानकारी दी कि इस अभियान के अंतर्गत केवल तार और केबल ही नहीं, बल्कि उन उपकरणों और बॉक्सों को भी हटाया जाएगा जो पोल पर अवैध रूप से लगाए गए हैं। कई बार कंपनियां पोल पर छोटे बॉक्स, मॉड्यूल या कनेक्शन यूनिट लगाकर नेटवर्क सुविधा देने लगती हैं जो न केवल नियमों के खिलाफ है बल्कि पोल की संरचना को भी कमजोर कर देती है। इस तरह की सभी गतिविधियों पर अब नजर रखी जाएगी और कोई भी कंपनी अगर नियमों का उल्लंघन करती पाई गई तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

नगर निगम अब एक निगरानी प्रणाली भी विकसित कर रहा है जिसमें शहर के प्रत्येक वार्ड से शिकायतें ली जा सकेंगी। नागरिक यदि अपने क्षेत्र में किसी भी प्रकार की अनधिकृत वायरिंग या पोल पर लगे उपकरणों को देखें तो वे इसकी सूचना नगर निगम कार्यालय को दे सकते हैं। इसके लिए नगर निगम जल्द ही एक टोल फ्री नंबर और ऑनलाइन शिकायत पोर्टल लॉन्च करेगा जिससे शिकायत दर्ज कराना और भी आसान हो जाएगा।

नगर निगम अधिकारियों का यह भी कहना है कि सेवा प्रदाता कंपनियों को चाहिए कि वे सार्वजनिक सुविधाओं का उपयोग करने से पहले नगर निगम से अनुमति लें और एक निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार ही कार्य करें। निगम ने भविष्य में इन कंपनियों के साथ बैठकें कर एक नया गाइडलाइन जारी करने की योजना भी बनाई है, ताकि कोई भ्रम न रहे और शहर का सौंदर्य और सुरक्षा दोनों बनाए रखा जा सके।

हरिद्वार नगर निगम का यह कदम शहर को तारों के मकड़जाल से मुक्त कराने की दिशा में एक बड़ा और निर्णायक प्रयास है। यह केवल एक प्रशासनिक कार्यवाही नहीं बल्कि एक जिम्मेदार नागरिक समाज के निर्माण की ओर उठाया गया कदम है। यदि शहर के नागरिक और सभी संबंधित संस्थाएं मिलकर नगर निगम का साथ दें तो हरिद्वार को एक साफ-सुथरा, व्यवस्थित और सुरक्षित शहर बनाया जा सकता है।

नगर निगम ने दोहराया है कि यह अभियान किसी विशेष कंपनी या व्यक्ति के खिलाफ नहीं बल्कि शहर की भलाई और सुरक्षा के लिए है। इसलिए हर नागरिक को चाहिए कि वह नियमों का पालन करे और शहर को स्वच्छ, सुरक्षित और सुंदर बनाने में अपनी भूमिका निभाए।

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By ATHAR

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