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हरिद्वार जिले की कोतवाली मंगलौर पुलिस ने सर्द मौसम की आहट से पहले एक सराहनीय कदम उठाया है। अपराध नियंत्रण में पुलिस के सहयोगी बने ग्राम प्रहरियों को गर्म जर्सियां वितरित की गईं ताकि वे ठंड के मौसम में भी पूरी तत्परता के साथ अपनी ड्यूटी निभा सकें।
ग्राम प्रहरी
ग्राम प्रहरी यानी चौकीदार, ग्रामीण इलाकों में पुलिस का अहम सहायक तंत्र माने जाते हैं। ये न केवल गांवों में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर नजर रखते हैं, बल्कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि या घटना की सूचना तत्काल पुलिस को देते हैं।
पुलिस और ग्राम प्रहरी के बीच यह तालमेल अपराधों की रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
उत्तराखंड में कुल ग्राम प्रहरियों की संख्या / अपराध नियंत्रण में उनके योगदान का आँकड़ा]
दिनांक 16 अक्टूबर 2025 को कोतवाली मंगलौर परिसर में क्षेत्राधिकारी (CO) विवेक कुमार की अध्यक्षता में ग्राम चौकीदारों की गोष्ठी आयोजित की गई।
इस दौरान उन्होंने सभी ग्राम प्रहरियों से संवाद किया और उन्हें सर्द मौसम के दौरान ड्यूटी के प्रति सजग रहने के निर्देश दिए। इसके साथ ही प्रत्येक ग्राम प्रहरी को एक-एक गर्म जर्सी प्रदान की गई, ताकि वे ठंड में भी बिना किसी असुविधा के अपनी जिम्मेदारियां पूरी कर सकें।

CO विवेक कुमार ने इस अवसर पर कहा
“ग्राम प्रहरी पुलिस की आँख और कान हैं। गांवों में छोटी से छोटी सूचना का संकलन और थाने तक उसकी पहुंच अपराध नियंत्रण की नींव है।”
विवेक कुमार, क्षेत्राधिकारी मंगलौर
अपराध नियंत्रण में ग्राम प्रहरियों की भूमिका
ग्राम प्रहरियों का मुख्य कार्य गांवों में सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखना, संदिग्ध व्यक्तियों पर नजर रखना और पुलिस को समय पर सूचना देना होता है।
कई मामलों में इन्हीं की सूचनाओं के आधार पर चोरी, मारपीट या अवैध गतिविधियों के मामलों का खुलासा हुआ है।

सुरक्षा और विश्वास दोनों में वृद्धि
इस पहल से न केवल ग्राम प्रहरियों का मनोबल बढ़ा है बल्कि ग्रामीणों में भी पुलिस के प्रति विश्वास मजबूत हुआ है।
सर्द मौसम में सुरक्षा ड्यूटी चुनौतीपूर्ण होती है, ऐसे में यह मानवीय पहल उनके लिए प्रोत्साहन का कार्य करेगी।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि अब ग्राम प्रहरी रात में गश्त के दौरान और अधिक सक्रिय रह सकेंगे, जिससे चोरी व अपराध की घटनाओं में कमी आएगी।
पिछले कुछ वर्षों में उत्तराखंड पुलिस ने सामुदायिक पुलिसिंग पर विशेष ध्यान दिया है।
जैसे—
- “मिशन हौसला” के तहत जरूरतमंदों की मदद,
- “ऑपरेशन स्माइल” के माध्यम से लापता बच्चों की खोज,
- और अब ग्राम प्रहरी सहयोग के जरिए ग्रामीण सुरक्षा नेटवर्क को मजबूत करना।
- ऐसी पहलों से पुलिस-जनता के बीच भरोसे की डोर और मजबूत होती जा रही है।
मंगलौर पुलिस का यह कदम न केवल सामाजिक संवेदना का उदाहरण है, बल्कि यह अपराध नियंत्रण की दिशा में एक व्यावहारिक सोच भी दर्शाता है।
सर्दी के मौसम में ग्राम प्रहरियों को गर्म जर्सियां देकर पुलिस ने यह साबित किया है कि सुरक्षा व्यवस्था तभी मजबूत हो सकती है जब टीमवर्क और संवेदना दोनों साथ चलें।
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