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छठ पूजा के दौरान हरिद्वार में एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया। मां गंगा को पार करने की कोशिश में एक युवक गहरे पानी में डूबने लगा, लेकिन मौके पर मौजूद PAC तैराक दल ने अपनी सतर्कता और फुर्ती से उसकी जान बचा ली। इस मानवीय कार्य की सराहना श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों ने जोरदार तरीके से की।
छठ पूजा उत्तर भारत के सबसे प्रमुख और आस्था से जुड़े पर्वों में से एक है, जिसमें श्रद्धालु उगते और डूबते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं। इस दौरान हरिद्वार, रुड़की और अन्य घाटों पर लाखों श्रद्धालु मां गंगा के दर्शन और पूजा के लिए आते हैं।
हर साल भीड़ के कारण सुरक्षा व्यवस्था एक बड़ी चुनौती बन जाती है। इसी को ध्यान में रखते हुए हरिद्वार पुलिस ने छठ पर्व पर घाटों पर विशेष सुरक्षा और PAC तैराक दस्तों की तैनाती की थी ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत राहत दी जा सके।
सुबह आरती के दौरान युवक डूबने लगा
मंगलवार सुबह लगभग 6:30 बजे, रुड़की घाट पर छठ आरती के समय बिहार के गोपालगंज जिले के धनु सिंह (उम्र 25 वर्ष, पुत्र श्री हरिमोहन) ने मां गंगा को तैरकर पार करने का प्रयास किया।
लेकिन तेज़ बहाव और गहराई के कारण वह पानी में डूबने लगा। आसपास के श्रद्धालु घबरा गए और शोर मचाने लगे।
इसी दौरान घाट पर तैनात PAC की 40वीं वाहिनी के ई दल ने त्वरित कार्रवाई की। दल के सदस्यों ने बिना देरी किए नदी में छलांग लगाई और कुछ ही मिनटों में युवक को सुरक्षित बाहर निकाल लिया।
इस साहसिक कार्य में शामिल टीम के सदस्य थे:
- एस.आई. इखलाक मलिक
- एच.सी. मनोज कुमार
- एच.सी. निर्दोष कुमार
- कांस्टेबल अंकुर
- कांस्टेबल आशुतोष शर्मा
- इन सभी ने अनुशासन, फुर्ती और पेशेवर दक्षता का परिचय देते हुए संकट की घड़ी में एक अनमोल जीवन बचाया।
हरिद्वार पुलिस प्रवक्ता ने कहा —
छठ पर्व को देखते हुए जिले के सभी प्रमुख घाटों पर PAC और SDRF के तैराक दस्ते तैनात किए गए हैं। रुड़की घाट पर तैनात टीम ने तत्परता दिखाते हुए युवक को सुरक्षित बाहर निकाला। इस तरह की सतर्कता से हादसे टाले जा सकते हैं।”
मौके पर मौजूद श्रद्धालुओं ने टीम की सराहना करते हुए कहा कि अगर कुछ मिनट की देरी होती, तो बड़ा हादसा हो सकता था।
इस घटना के बाद घाट पर मौजूद श्रद्धालुओं में पहले कुछ समय के लिए दहशत का माहौल रहा, लेकिन जब युवक सुरक्षित निकला, तो सभी ने ताली बजाकर PAC दल की प्रशंसा की।
लोगों ने हरिद्वार पुलिस की सतर्कता और तैनाती व्यवस्था की तारीफ की।
यह घटना इस बात का उदाहरण बन गई कि सुरक्षा प्रबंधन और रियल-टाइम रिस्पॉन्स कितने आवश्यक हैं, खासकर धार्मिक पर्वों के दौरान जब लाखों लोग एकत्र होते हैं।
हरिद्वार में बढ़ रहे घाट हादसे और रेस्क्यू ऑपरेशन
पिछले कुछ वर्षों में गंगा घाटों पर रेस्क्यू ऑपरेशन की संख्या बढ़ी है। मानसून और धार्मिक आयोजनों के दौरान PAC और SDRF की टीमें हरिद्वार, कनखल और रुड़की जैसे इलाकों में सक्रिय रहती हैं।
पिछले वर्ष छठ पर्व के दौरान लोगों को डूबने से बचाया गया था, जबकि मामलों में लोगों की लापरवाही हादसों की वजह बनी।
विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसे पर्वों के दौरान घाटों पर प्रशिक्षित गोताखोरों, बचाव नौकाओं और फर्स्ट एड यूनिट्स की मौजूदगी हर स्थिति में जीवनरक्षक साबित होती है।
छठ जैसे विशाल धार्मिक आयोजनों में एक पल की असावधानी जानलेवा साबित हो सकती है। हरिद्वार पुलिस और PAC दल का यह साहसिक कदम सभी के लिए प्रेरणादायक है।
जनता से अपील है कि वे किसी भी स्थिति में नदी या घाट पर जोखिम भरे कदम न उठाएँ और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। यह घटना याद दिलाती है — “सतर्कता ही सबसे बड़ी जीवनरक्षक है।”
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