लक्सर में वन विभाग की टीम 12 फीट लंबे अजगर को पकड़ते हुए — घायल वनकर्मी को साथियों ने बचाया।लक्सर में वन विभाग की टीम 12 फीट लंबे अजगर को पकड़ते हुए — घायल वनकर्मी को साथियों ने बचाया।

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हरिद्वार जिले के लक्सर क्षेत्र के लालपुर पोडोवाली गांव में मंगलवार को एक चौंकाने वाली घटना घटी। ग्रामीणों को बचाने पहुंचे वन विभाग के कर्मचारी पर रेस्क्यू के दौरान एक विशाल अजगर ने हमला कर दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। हमले के बावजूद वन विभाग की टीम ने साहस दिखाते हुए अजगर को सुरक्षित पकड़कर जंगल में छोड़ा।

वन्यजीव रेस्क्यू में छिपे खतरे

उत्तराखंड के ग्रामीण इलाकों में मानसून के बाद सरीसृपों की गतिविधियां तेज़ हो जाती हैं। खेतों, घरों और जलभराव वाले इलाकों में अक्सर सांप और अजगर देखे जाते हैं। इस वजह से वन विभाग की टीमें नियमित रूप से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाती हैं। हालांकि, हर रेस्क्यू में खतरा होता है — खासकर तब, जब वन्यजीव अचानक आक्रामक हो जाएं।
इससे पहले भी मामलों में वनकर्मी सरीसृपों के हमले का शिकार हो चुके हैं, जो यह दर्शाता है कि रेस्क्यू ऑपरेशन केवल अनुभव ही नहीं बल्कि उच्च सतर्कता भी मांगते हैं।

गांव में अजगर के दिखने से पहले भय का माहौल था। बच्चों और बुजुर्गों को घरों के अंदर रोक दिया गया था।
रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली और वन विभाग की त्वरित कार्रवाई की सराहना की।
स्थानीय निवासियों ने कहा कि अगर टीम समय पर नहीं आती, तो बड़ा हादसा हो सकता था।
गांव में अब भी लोग सतर्क हैं और आसपास के क्षेत्रों में सरीसृपों की गतिविधियों को लेकर सावधानी बरती जा रही है।

लालपुर पोडोवाली में अजगर का हमला

मंगलवार को लालपुर पोडोवाली गांव में ग्रामीणों ने एक विशाल अजगर को घरों के पास देखा। भय और अफरातफरी का माहौल बन गया। तुरंत इसकी सूचना वन विभाग को दी गई।
टीम मौके पर पहुंची, जिसमें वनकर्मी गुरजंट सिंह भी शामिल थे। जैसे ही टीम ने अजगर को पकड़ने की कोशिश की, उसने अचानक हमला कर दिया। अजगर ने गुरजंट के हाथ को अपने जबड़े में जकड़ लिया, जिससे उनके पंजे और बांह पर गहरे घाव हो गए। साथी कर्मचारियों ने तुरंत प्रतिक्रिया दी और किसी तरह अजगर को छुड़ाकर गुरजंट को बाहर निकाला। इसके बाद उन्हें तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी स्थिति फिलहाल स्थिर बताई जा रही है।

वन विभाग के रेंजर अधिकारी ने बताया —

अजगर लगभग 12 फीट लंबा था और काफी आक्रामक हो गया था। रेस्क्यू टीम पूरी सावधानी बरत रही थी, लेकिन उसने अचानक प्रतिक्रिया दी। घायल कर्मचारी बहादुर है और उसकी रिकवरी की उम्मीद है।”
उन्होंने आगे कहा कि विभाग घायल वनकर्मी के परिवार को हर संभव सहायता प्रदान करेगा। अजगर को पकड़कर सुरक्षित रूप से जंगल में छोड़ा गया है।

ग्रामीणों में दहशत

वन विभाग के अनुसार, मानसून के बाद अजगर और अन्य सर्पों के रेस्क्यू मामलों में लगभग की वृद्धि दर्ज की जाती है।
हरिद्वार, लक्सर और मंगलौर क्षेत्र में पिछले दो महीनों में से अधिक रेस्क्यू अभियान चलाए गए हैं।
विशेषज्ञ बताते हैं कि ऐसे हालात में वनकर्मियों को सुरक्षा उपकरण, हुक स्टिक, लेदर ग्लव्स और टीम सपोर्ट के साथ ही रेस्क्यू करने चाहिए। अक्सर देखा गया है कि बिना पर्याप्त उपकरण के रेस्क्यू करने से हादसों का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।

यह घटना न सिर्फ एक वनकर्मी की बहादुरी का उदाहरण है, बल्कि यह चेतावनी भी देती है कि वन्यजीव रेस्क्यू हमेशा जोखिम भरा होता है। ग्रामीण इलाकों के लोगों को चाहिए कि किसी भी सर्प या वन्यजीव को खुद पकड़ने की कोशिश न करें, बल्कि तुरंत वन विभाग को सूचना दें। वनकर्मियों के लिए भी यह घटना इस बात का सबक है कि हर मिशन में पूरी सुरक्षा और तैयारी आवश्यक है।

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By ATHAR

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