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जनपद हरिद्वार में अवैध खनन की शिकायतों पर प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। जिलाधिकारी के आदेश पर बनी संयुक्त टीम ने लक्सर और भगवानपुर क्षेत्र में दो स्टोन क्रेशर सीज किए और ई-रवन्ना पोर्टल को बंद कर दिया।
उत्तराखंड में अवैध खनन लंबे समय से एक गंभीर समस्या रहा है। नदियों से अवैध रूप से खनन न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुँचाता है बल्कि सड़क, पुल और बांध जैसी संरचनाओं की मजबूती पर भी खतरा खड़ा करता है। सरकार और प्रशासन लगातार इस दिशा में सख्ती बरतते आ रहे हैं। हरिद्वार जिला, गंगा और उसकी सहायक नदियों के किनारे बसा होने के कारण खनन माफियाओं की निगाह में रहता है। ऐसे में प्रशासन द्वारा समय-समय पर छापेमारी और क्रेशरों की जांच करना आवश्यक हो जाता है।

घटना
3 अक्टूबर 2025 को जिलाधिकारी हरिद्वार मयूर दीक्षित के निर्देश पर लक्सर और भगवानपुर क्षेत्र में कार्रवाई की गई।
- लक्सर तहसील – ग्राम नेहन्दपुर
यहाँ अवैध खनन की शिकायत पर उप जिलाधिकारी लक्सर और जिला खान अधिकारी के नेतृत्व में खनन तथा राजस्व विभाग की टीम ने मैसर्स लिमरा स्टोन क्रेशर को सीज कर दिया। साथ ही उसका ई-रवन्ना पोर्टल बंद कर दिया गया। - भगवानपुर तहसील – ग्राम दौलतपुर (उर्फ बुधवा शहीद)
यहाँ मैसर्स राज स्टोन क्रेशर को बिना नवीनीकरण के अवैध रूप से संचालित किया जा रहा था। तहसीलदार भगवानपुर और जिला खान अधिकारी ने मौके पर पहुँचकर क्रेशर को सीज किया और उसका मुख्य गेट सील कर दिया।
स्थानीय प्रभाव
इस कार्रवाई का असर सीधे तौर पर स्थानीय जनता और पर्यावरण पर पड़ेगा।
- जनता पर असर: अवैध खनन से उत्पन्न धूल, प्रदूषण और ट्रकों की आवाजाही ग्रामीणों की सेहत और जीवन पर असर डालती थी। कार्रवाई से लोगों में राहत की भावना है।
- व्यापार पर असर: वैध खनन करने वाले कारोबारी अब बिना प्रतिस्पर्धा के अपना काम कर सकेंगे।
- यातायात पर असर: ओवरलोडेड ट्रकों से सड़कों की हालत बिगड़ती थी। क्रेशर सीज होने से सड़क यातायात पर सकारात्मक असर पड़ेगा।
- शिक्षा और बच्चों पर असर: अवैध खनन के चलते कई बार गाँवों में शांति भंग होती थी। अब स्कूल जाने वाले बच्चों और परिवारों को राहत मिलेगी।
आँकड़े और तुलना
- वर्ष 2024 में हरिद्वार जिले में वर्ष 2024 में गंगा नदी के किनारे अवैध रूप से चल रहे 48 स्टोन क्रशरों पर नैनीताल हाईकोर्ट के आदेशों के बाद कार्रवाई की गई थी और कुल 60 से अधिक क्रशरों को सील किया गया था, जो कि अवैध खनन के खिलाफ अभी तक की सबसे बड़ी कार्रवाई थी। हाईकोर्ट ने बिजली-पानी के कनेक्शन काटने और प्लांट सील करने के साथ-साथ प्रशासन को एक सप्ताह के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट कोर्ट में जमा करने के निर्देश दिए थे। से अधिक स्टोन क्रेशरों पर कार्रवाई की गई थी।
- पूरे उत्तराखंड में अवैध खनन के उत्तराखंड के विभिन्न जिलों में अवैध खनन के कई मामले दर्ज किए गए हैं, जो राज्य के लिए एक गंभीर चुनौती बना हुआ है. हाल ही में, लोकसभा सांसद ने इसे एक गंभीर मुद्दा बताते हुए सदन में उठाया था, जिसके बाद विभिन्न जिलों के अधिकारी अवैध खनन रोकने के लिए कार्रवाई कर रहे हैं, जिसमें वाहन सीज करना और एफआईआर दर्ज करना शामिल है. मामले दर्ज किए गए।
- विशेषज्ञों का मानना है कि यदि समय पर कार्रवाई न की जाए तो नदियों का प्राकृतिक संतुलन बिगड़ सकता है।
प्रशासन की टीम
इस कार्रवाई में उप जिलाधिकारी लक्सर, तहसीलदार भगवानपुर, जिला खान अधिकारी, खनन विभाग और राजस्व विभाग की संयुक्त टीम शामिल रही।
हरिद्वार प्रशासन की यह कार्रवाई अवैध खनन करने वालों के लिए चेतावनी है कि अब किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जनता से भी अपील की गई है कि वे अवैध खनन की सूचना तुरंत संबंधित विभाग को दें। इससे न केवल पर्यावरण सुरक्षित रहेगा बल्कि भविष्य की पीढ़ियों को भी स्वच्छ वातावरण मिलेगा।
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