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अल्मोड़ा (ज्वालापुर टाइम्स न्यूज़)। उत्तराखंड के अल्मोड़ा जनपद में मंगलवार को एक ऐसी घटना घटी जिसने सुरक्षा व्यवस्था की तैयारी को परख डाला। टाटिक हेलीपैड पर आयोजित आतंकवाद विरोधी मॉक ड्रिल ने न केवल सुरक्षा एजेंसियों की तत्परता का परीक्षण किया, बल्कि यह संदेश भी दिया कि राज्य किसी भी आपात स्थिति के लिए पूरी तरह तैयार है।
यह मॉक ड्रिल वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) देवेन्द्र पींचा के निर्देशन में आयोजित की गई थी। इसका प्रमुख उद्देश्य था – किसी आतंकी हमले या बंधक जैसी परिस्थिति में विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय, रेस्पॉन्स टाइम और ऑपरेशनल दक्षता का मूल्यांकन करना।
ड्रिल की शुरुआत उस समय हुई जब हेलीपैड पर तैनात गार्ड कमांडर ने पुलिस कंट्रोल रूम को अलर्ट किया कि अराइवल कक्ष में चार संदिग्ध व्यक्तियों ने चार लोगों को बंधक बना लिया है और मामला आतंकवादी गतिविधि जैसा प्रतीत हो रहा है।
सूचना मिलते ही अल्मोड़ा पुलिस, एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (ATS), क्यूआरटी, एसडीआरएफ, फायर ब्रिगेड, आपदा प्रबंधन, चिकित्सा विभाग, जल संस्थान, विद्युत विभाग, पेयजल निगम और जिला पूर्ति विभाग की टीमें हरकत में आ गईं।
मौके पर पहुंचकर एटीएस टीम ने रणनीतिक योजना के तहत कार्यवाही की। आतंकियों को चारों तरफ से घेरकर संक्षिप्त ऑपरेशन के बाद चारों आतंकियों को ढेर कर दिया गया। इसके बाद बंधक बनाए गए लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया।
इस दौरान एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल था जिसे एंबुलेंस द्वारा त्वरित रूप से बेस अस्पताल अल्मोड़ा पहुंचाया गया। वहीं बम निरोधक दस्ते ने क्षेत्र में गहन तलाशी अभियान चलाया, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई विस्फोटक सामग्री या अन्य खतरा तो शेष नहीं है।
मॉक ड्रिल की समाप्ति के बाद, उदयशंकर नृत्य अकादमी में सभी संबंधित विभागों की एक समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इसमें विभागीय अधिकारियों ने ऑपरेशन के दौरान आई चुनौतियों, तालमेल और भविष्य में सुधार के बिंदुओं पर चर्चा की।
ड्रिल के दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आर.सी. पंत, एसडीएम सदर संजय कुमार, सीओ अल्मोड़ा गोपाल दत्त जोशी, सीओ दूरसंचार राजीव टम्टा, प्रतिसार निरीक्षक विजय विक्रम, अभिसूचना निरीक्षक मनोज भारद्वाज, प्रभारी यातायात दरबान सिंह मेहता, अग्निशमन अधिकारी महेश चंद्र, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी विनीत पाल समेत कई विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
विशेष बातें जो बनाती हैं इस मॉक ड्रिल को महत्वपूर्ण:
असली जैसी स्थिति में त्वरित रिस्पांस की परखएटीएस की ऑपरेशनल कार्यक्षमता का प्रदर्शन विभिन्न एजेंसियों के बीच तालमेल की सटीकताबचाव, चिकित्सा व बम निरोधक दस्ते की मुस्तैदीस्थानीय प्रशासन व पुलिस की तैयारियों की समीक्षा
इस तरह की मॉक ड्रिल से न केवल सुरक्षा एजेंसियों की तत्परता परखने का अवसर मिलता है, बल्कि आम जनता को भी विश्वास होता है कि वो सुरक्षित हाथों में हैं। ऐसी और सुरक्षा संबंधित अपडेट्स के लिए ज्वालापुर टाइम्स न्यूज़ से जुड़ें और हमारी वेबसाइट को बुकमार्क करें।
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