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हरिद्वार, 09 मार्च। प्रेम नगर आश्रम में नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (इंडिया) (एनयूजे-आई) के दो दिवसीय राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें पत्रकारिता के वर्तमान परिदृश्य, मीडिया की स्वतंत्रता, पत्रकार सुरक्षा कानून और लघु समाचार पत्रों के आर्थिक सशक्तिकरण जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का वर्चुअल संबोधन

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वर्चुअल माध्यम से सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि पत्रकारिता लोकतंत्र का दर्पण है, जो जनता की आवाज को सरकार तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उन्होंने मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ बताते हुए इसके सार्थक आयोजन की सराहना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि धार्मिक नैतिकता और निष्पक्ष पत्रकारिता को बनाए रखना हम सभी की जिम्मेदारी है।
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी का संबोधन
सम्मेलन के दूसरे दिन उत्तराखंड सरकार के कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने पत्रकारिता के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि एनयूजे-आई पत्रकारों की सशक्त आवाज है, जिसने हमेशा श्रमजीवी पत्रकारों के हितों की रक्षा की है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार पत्रकारों के हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और लघु एवं मध्यम समाचार पत्रों को सशक्त बनाने की दिशा में प्रयासरत है।

उन्होंने यह भी बताया कि उत्तराखंड पहला राज्य है, जिसने समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने की दिशा में पहल की है। इसके अलावा, हाल ही में 38वें राष्ट्रीय खेलों के सफल आयोजन के लिए उत्तराखंड सरकार ने कई अहम फैसले लिए हैं।

उन्होंने यह भी बताया कि उत्तराखंड पहला राज्य है, जिसने समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने की दिशा में पहल की है। इसके अलावा, हाल ही में 38वें राष्ट्रीय खेलों के सफल आयोजन के लिए उत्तराखंड सरकार ने कई अहम फैसले लिए हैं।
पत्रकार सुरक्षा कानून और विज्ञापन नीति पर उठी मांग

एनयूजे-आई के राष्ट्रीय अध्यक्ष रास बिहारी ने उत्तराखंड सरकार से पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने, ठोस समाचारों पर प्रतिबंध हटाने और लघु एवं मध्यम समाचार पत्रों को आर्थिक सहयोग देने की मांग की। उन्होंने कहा कि छोटे अखबारों और न्यूज चैनलों के साथ भेदभाव किया जाता है और सरकार को उनकी विज्ञापन नीति में सुधार करना चाहिए।
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दीप्ति तिवारी का बयान

एनयूजे-आई की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दीप्ति तिवारी ने कहा कि बड़े मीडिया समूहों को सरकार से भारी मात्रा में विज्ञापन मिलते हैं, जबकि छोटे अखबारों और चैनलों को आर्थिक अस्थिरता का सामना करना पड़ता है। उन्होंने मांग की कि सरकार लघु समाचार पत्रों के लिए विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा करे और पत्रकारों को पेंशन व अन्य सुविधाएं प्रदान करे।
सम्मेलन में मौजूद प्रमुख हस्तियां

इस राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन में राष्ट्रीय महासचिव कैलाश चंद्र जोशी, प्रदेश अध्यक्ष सुनील दत्त पांडे, प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के सदस्य अमाचा मोहंती, प्रेस क्लब अध्यक्ष अमित शर्मा, गणेश वैद, वैभव भाटिया, नीतिन राणा, शिव कुमार शर्मा, नौशाद खान ,अनिल शर्मा, तनवीर अली, आशीष मिश्रा, विवेक शर्मा सहित कई वरिष्ठ पत्रकार, संपादक और मीडिया कर्मी उपस्थित रहे।
“क्या आप मानते हैं कि छोटे समाचार पत्रों को सरकारी सहायता मिलनी चाहिए? अपने विचार कमेंट में साझा करें!”
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