हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में बस पर गिरे भूस्खलन के मलबे के बाद चल रहा रेस्क्यू ऑपरेशन”हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में बस पर गिरे भूस्खलन के मलबे के बाद चल रहा रेस्क्यू ऑपरेशन”

सबसे सटीक ज्वालापुर टाइम्स न्यूज़…

हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर ज़िले में मंगलवार को एक भीषण हादसे ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया। मरोतन से घुमारवीं जा रही एक बस झंडूता के बरठीं क्षेत्र में भूस्खलन की चपेट में आ गई। पहाड़ से गिरा मलबा सीधे बस की छत पर गिरा, जिससे अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई यात्री अभी भी अंदर फंसे बताए जा रहे हैं।

पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही बारिश और बढ़ते हादसे

हिमाचल प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से हो रही लगातार बारिश के कारण कई जगहों पर भूस्खलन की घटनाएँ तेज़ी से बढ़ी हैं। खासकर बिलासपुर, मंडी, कुल्लू और चंबा ज़िलों में सड़कें कई बार बंद हो चुकी हैं।
इसी दौरान मंगलवार सुबह मरोतन से घुमारवीं की ओर जा रही बस झंडूता के पास बरठीं क्षेत्र से गुजर रही थी कि अचानक ऊपर से भारी मलबा बस पर आ गिरा। इस हादसे ने पल भर में पूरे क्षेत्र में अफरा-तफरी मचा दी।

कैसे हुआ यह हादसा

सूत्रों के अनुसार, बस में करीब 30 यात्री सवार थे। हादसा झंडूता-बरठीं मार्ग पर सुबह के समय हुआ। बताया जा रहा है कि बारिश के चलते पहाड़ की मिट्टी पहले से ही कमजोर थी और अचानक बड़ा हिस्सा ढह गया।
मलबा इतनी तेज़ी से गिरा कि बस चालक को संभलने का मौका तक नहीं मिला।
स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस और प्रशासन को सूचना दी, जिसके बाद एसडीआरएफ और फायर ब्रिगेड टीमों ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया।
अब तक मलबे से 15 शव निकाले जा चुके हैं, जबकि कई लोग घायल हैं और कुछ के फंसे होने की आशंका है।
रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है और बचाव दल के सदस्य बस को काटकर अंदर फंसे लोगों को निकालने की कोशिश कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का बयान

हादसे पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा,

यह एक अत्यंत दुखद और हृदय विदारक हादसा है। मैं मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूँ। राज्य सरकार इस कठिन घड़ी में उनके साथ खड़ी है और हरसंभव सहायता दी जाएगी।”

उन्होंने जिला प्रशासन को राहत एवं बचाव कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही घायलों को तुरंत अस्पताल पहुँचाने और उनके निःशुल्क इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा है।
मुख्यमंत्री शिमला से खुद हालात की निगरानी कर रहे हैं और राहत कार्यों की लगातार समीक्षा कर रहे हैं।

पूरे क्षेत्र में शोक और दहशत का माहौल

हादसे की खबर फैलते ही बिलासपुर ज़िले के साथ-साथ आसपास के इलाकों में भी शोक की लहर दौड़ गई।
कई स्कूलों में मौन रखा गया, वहीं स्थानीय लोग अस्पतालों और दुर्घटनास्थल के आसपास जमा हैं।
सड़क मार्ग बाधित होने से ट्रैफिक प्रभावित हुआ है और कई वाहनों को दूसरे रास्तों से डायवर्ट किया गया है।
स्थानीय व्यापार और सार्वजनिक परिवहन पर भी अस्थायी असर पड़ा है।

हिमाचल में बढ़ते भूस्खलन हादसे

पिछले दो महीनों में ही हिमाचल प्रदेश में 40 से अधिक भूस्खलन की घटनाएँ दर्ज की जा चुकी हैं।
मंडी और किन्नौर के बाद अब बिलासपुर ज़िला भी इस आपदा की चपेट में है।
विशेषज्ञों के अनुसार, लगातार बारिश, पहाड़ों की ढलान पर निर्माण कार्य और जंगलों की कटाई से भूस्खलन का जोखिम कई गुना बढ़ गया है।

प्रकृति के आगे सबक और सतर्कता की ज़रूरत

यह हादसा एक बार फिर इस बात की याद दिलाता है कि प्रकृति के साथ छेड़छाड़ का परिणाम कितना भयावह हो सकता है। सरकार और प्रशासन भले राहत कार्यों में जुटे हों, लेकिन पहाड़ी इलाकों में यात्रा करते समय नागरिकों को भी अधिक सतर्कता बरतनी होगी। बिलासपुर की यह त्रासदी पूरे प्रदेश के लिए चेतावनी है कि सुरक्षा उपायों और समय पर अलर्ट सिस्टम की मज़बूती अब ज़रूरी है।

यह भी पढ़ें चमोली: नंदानगर आपदा प्रभावित क्षेत्र में रेस्क्यू अभियान पूरा, सभी लापता लोगों की खोज सफल..

उत्तराखंड की सभी ताज़ा और महत्वपूर्ण ख़बरों के लिए ज्वालापुर टाइम्स न्यूज़ WHATSAPP GROUP से जुड़ें और अपडेट सबसे पहले पाएं

 यहां क्लिक करें एक और हर अपडेट आपकी उंगलियों पर!

यदि आप किसी विज्ञापन या अपने क्षेत्र/इलाके की खबर को हमारे न्यूज़ प्लेटफ़ॉर्म पर प्रकाशित कराना चाहते हैं, तो कृपया 7060131584 पर संपर्क करें। आपकी जानकारी को पूरी जिम्मेदारी और भरोसे के साथ प्रसारित किया जाएगा।”

By ATHAR

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *