हरिद्वार सिडकुल में एंकर कंपनी के पास गिरी पुरानी दीवार, मलबे में दबी कारें और टूटी हुई दोपहिया वाहनहरिद्वार सिडकुल में एंकर कंपनी के पास गिरी पुरानी दीवार, मलबे में दबी कारें और टूटी हुई दोपहिया वाहन

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संवाददाता – अंजू कमारी की रिपोर्ट

सुबहे-सुबह की दहशत: जोरदार आवाज और मलबे का ढेर बन गई दीवार

हरिद्वार के सिडकुल क्षेत्र में मंगलवार सुबह उस वक्त हड़कंप मच गया, जब एंकर कंपनी के पास स्थित एक निर्माणाधीन कंपनी की पुरानी दीवार भरभराकर गिर गई। बारिश के चलते दीवार की जर्जर हालत ने यह कहर ढाया। घटना उस समय हुई जब अधिकांश कर्मचारी ऑफिस समय से पहले ही पार्किंग में पहुंचना शुरू कर चुके थे, लेकिन सौभाग्य से घटना के वक्त वहां कोई व्यक्ति मौजूद नहीं था।

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि तेज आवाज के साथ दीवार गिरी और कुछ ही पलों में मलबे के नीचे करीब 25 से 30 गाड़ियां दब गईं। गाड़ियों के शीशे टूटे, बॉडी में डेंट आए और कुछ दोपहिया वाहन पूरी तरह से नष्ट हो गए।

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कई महीनों से चल रहा था निर्माण कार्य, दीवार की हालत थी जर्जर

स्थानीय सूत्रों के अनुसार, जिस कंपनी की दीवार गिरी वह पिछले कुछ महीनों से निर्माणाधीन स्थिति में थी। बताया जा रहा है कि कंपनी में लगातार कार्य हो रहा था, लेकिन उस ओर ध्यान नहीं दिया गया कि दीवार बेहद पुरानी और कमजोर हो चुकी थी। भारी बारिश ने जैसे ही ज़ोर पकड़ा, दीवार की नींव जवाब दे गई।यह भी आरोप लगाए जा रहे हैं कि निर्माण कंपनी ने सुरक्षा मानकों की अनदेखी की, जिससे यह दुर्घटना हुई।

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गाड़ियां हुईं बर्बाद, कर्मचारी सदमे में

एंकर कंपनी के पार्किंग में खड़ी कर्मचारियों की निजी गाड़ियां इस हादसे का सबसे बड़ा शिकार बनीं। कई कारें बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गईं। कुछ कर्मचारियों ने कहा कि उन्होंने जीवनभर की कमाई लगाकर गाड़ी खरीदी थी और अब उनका भारी नुकसान हो गया है।

“हम तो सोच भी नहीं सकते थे कि ऐसा कुछ हो जाएगा। पार्किंग में गाड़ी खड़ी करके ऑफिस अंदर आए और बाहर मलबे का ढेर दिखा,” – एक कर्मचारी ने कहा।

स्थानीय नागरिकों का कहना है कि इस क्षेत्र में ऐसी कमजोर संरचनाएं और निर्माणाधीन साइट्स की नियमित जांच होनी चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं टाली जा सकें।

प्रबंधन की पहल: कर्मचारियों को दी गई दिलासा, नुकसान की भरपाई को तैयार

घटना के बाद जिस निर्माणाधीन कंपनी की दीवार गिरी, उसके प्रबंधन की ओर से कर्मचारियों से संपर्क किया गया। कंपनी अधिकारियों ने कर्मचारियों को नुकसान का मुआवजा देने की बात कही है और उन्हें यह भरोसा भी दिलाया कि उनकी क्षतिग्रस्त गाड़ियों का आकलन करके जल्द ही नुकसान की भरपाई की जाएगी।

कंपनी प्रबंधन की इस पहल से कर्मचारियों को कुछ राहत मिली है और लोगों ने इस कदम की सराहना भी की है।

क्यों है यह हादसा चिंताजनक?

यह सिर्फ एक दीवार गिरने की घटना नहीं, बल्कि सुरक्षा मानकों की खुलेआम धज्जियां उड़ाने का मामला है। ऐसे औद्योगिक क्षेत्रों में हज़ारों कर्मचारी हर रोज काम करने आते हैं। पार्किंग से लेकर ऑफिस बिल्डिंग तक हर जगह सुरक्षा एक गंभीर मसला है।

अगर उस समय कोई कर्मचारी पार्किंग में होता या गाड़ी में बैठा होता, तो यह हादसा जानलेवा हो सकता था।

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By ATHAR

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