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रिपोर्टर (सचिन शर्मा)
हरिद्वार सड़क दुर्घटनाओं को कम करने और आमजन को सुरक्षित यातायात व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए जिला प्रशासन ने सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है। कलेक्ट्रेट सभागार में मंगलवार को जिलाधिकारी मयूर दीक्षित की अध्यक्षता में सड़क सुरक्षा एवं दुर्घटना न्यूनीकरण अनुश्रवण समिति की बैठक संपन्न हुई। बैठक में जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिए कि अब यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी और नियम न मानने वालों के घर सीधे ई-चालान भेजे जाएंगे।
इस बैठक का उद्देश्य सिर्फ कानून का पालन सुनिश्चित करना ही नहीं था, बल्कि आम जनता में सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता भी बढ़ाना है। बैठक में पुलिस, परिवहन विभाग और एनएचएआई के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया और सड़क सुरक्षा को मजबूत बनाने पर विस्तृत चर्चा की।
तेज रफ्तार और ओवरलोडिंग पर कड़ी कार्यवाही
जिलाधिकारी ने कहा कि तेज रफ्तार वाहन चलाने वालों, ओवरलोडिंग करने वाले चालकों और बिना हेलमेट दोपहिया चलाने वालों पर सख्ती से कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जनपद में स्पीड गन की संख्या बढ़ाई जाए, ताकि रैश ड्राइविंग और दुर्घटनाओं पर रोक लगाई जा सके।

एआरटीओ को जिलाधिकारी ने आदेश दिए कि जिले में संचालित सभी स्कूल बसों की सख्ती से जांच की जाए। बसों में शीशे, ग्रिल, जीपीएस ट्रैकर और अन्य सुरक्षा इंतजाम दुरुस्त होने चाहिए। साथ ही, उन्होंने स्कूलों को महिला कंडक्टर नियुक्त करने के लिए प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए, जिससे बच्चों की सुरक्षा और अधिक सुनिश्चित हो सके।
ई-चालान प्रणाली होगी और मजबूत
बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि आधुनिक तकनीक का उपयोग करते हुए अधिक से अधिक ई-चालान काटे जाएं। अब जिले के प्रमुख चौराहों और हाईवे पर सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जा रही है। इससे न केवल यातायात की निगरानी आसान होगी बल्कि नियम तोड़ने वालों पर सीधा नजर रखी जा सकेगी। सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी निखिल शर्मा ने जानकारी दी कि नियम तोड़ने वाले वाहन चालकों को पहले से ही ई-चालान भेजे जा रहे हैं। आने वाले समय में यह व्यवस्था और सख्त की जाएगी।

बैठक के दौरान जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने सड़क दुर्घटनाओं में पीड़ितों की मदद करने वाले गुड सेमेरिटन शैलेश शर्मा को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। शैलेश शर्मा ने गत वर्ष पुहाना रोड, भगवानपुर में हुई सड़क दुर्घटना में घायल दो लोगों की समय रहते मदद की और उन्हें अस्पताल पहुंचाकर उनकी जान बचाई थी। इस सम्मान का उद्देश्य समाज में मानवता और जिम्मेदारी की भावना को प्रोत्साहित करना है।
जनजागरूकता अभियान होंगे आयोजित
जिलाधिकारी ने परिवहन विभाग को निर्देश दिए कि सड़क सुरक्षा नियमों के प्रति जनता को जागरूक करने के लिए समय-समय पर कार्यशालाएं और जागरूकता कैंप आयोजित किए जाएं। उन्होंने कहा कि विद्यालयों और कॉलेजों में भी विशेष कैंप चलाए जाएं, ताकि युवा वर्ग में यातायात नियमों के प्रति जिम्मेदारी विकसित हो सके। इसके अलावा, उन्होंने एनएचएआई अधिकारियों को निर्देश दिए कि हाइवे पर बने गड्ढों की मरम्मत तुरंत की जाए, ताकि दुर्घटनाओं को रोका जा सके।
इस महत्वपूर्ण बैठक में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रुड़की दीपक रामचंद सेठ, अधीक्षण अभियंता लोनिवि डीवी सिंह, एआरटीओ एल्विन रॉक्सी, एआरटीओ (ई) हरिद्वार नेहा झा, एआरटीओ (ए) हरिद्वार निखिल शर्मा, एआरटीओ (ए) कृष्ण चंद्र पलारिया, अधिशासी अभियंता लोनिवि दीपक कुमार, सीओ ट्रैफिक संजय चौहान और एनएचएआई के इंसीडेंट मैनेजर अतुल कुमार शर्मा सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

हरिद्वार जिला प्रशासन ने सड़क सुरक्षा को लेकर बेहद सख्त रुख अपनाया है। अब नियम तोड़ने वालों के लिए ढिलाई की कोई गुंजाइश नहीं होगी। ई-चालान व्यवस्था को और सुदृढ़ बनाया जा रहा है और यातायात नियमों का पालन न करने वालों को तुरंत कानूनी दायरे में लाया जाएगा। यह कदम न केवल सड़क दुर्घटनाओं को कम करेगा बल्कि हरिद्वार को एक सुरक्षित यातायात व्यवस्था वाला जिला बनाने में मददगार साबित होगा।
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