हरिद्वार पुलिस द्वारा दून पब्लिक स्कूल रुड़की में छात्रों को नशामुक्त देवभूमि और साइबर अपराधों से बचाव पर जागरूक करती हुई गोष्ठी।हरिद्वार पुलिस द्वारा दून पब्लिक स्कूल रुड़की में छात्रों को नशामुक्त देवभूमि और साइबर अपराधों से बचाव पर जागरूक करती हुई गोष्ठी।

रिपोर्ट जतिन

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कोतवाली रुड़की पुलिस ने नशामुक्त देवभूमि और साइबर अपराधों के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने के लिए दून पब्लिक स्कूल रुड़की में विशेष गोष्ठी का आयोजन किया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरिद्वार के निर्देश पर आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं को नशे के दुष्प्रभावों से दूर रखना और उन्हें साइबर अपराधों के प्रति सजग बनाना था। गोष्ठी में प्रभारी निरीक्षक कोतवाली रुड़की मनीष उपाध्याय और चौकी प्रभारी उप निरीक्षक आनंद मेहरा ने छात्र-छात्राओं से संवाद करते हुए उन्हें महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान कीं।

कार्यक्रम के दौरान विद्यार्थियों को ड्रग्स फ्री देवभूमि अभियान के तहत नशे के खतरों के बारे में विस्तार से बताया गया। पुलिस अधिकारियों ने समझाया कि नशा न केवल शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है बल्कि परिवार और समाज पर भी इसका गहरा प्रभाव पड़ता है। युवाओं से अपील की गई कि वे नशे से दूर रहकर अपना भविष्य सुरक्षित बनाएं और अपने आस-पास के लोगों को भी नशामुक्त रहने के लिए प्रेरित करें।

साथ ही गोष्ठी में बढ़ते साइबर अपराधों के बारे में जानकारी देते हुए छात्रों को सतर्क रहने की सलाह दी गई। प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि साइबर अपराधी कई तरीकों से लोगों को धोखा देते हैं, जैसे कि फर्जी लॉटरी, इनाम, ऑनलाइन खरीद-बिक्री और बैंकिंग से जुड़ी धोखाधड़ी। छात्रों को विशेष रूप से चेतावनी दी गई कि वे किसी भी अनजान व्यक्ति के साथ अपना व्यक्तिगत डाटा जैसे आधार नंबर, पैन कार्ड, एटीएम कार्ड, ओटीपी, पासवर्ड और एटीएम पिन साझा न करें।

पुलिस अधिकारियों ने OLX और अन्य ऑनलाइन प्लेटफार्म पर गाड़ियों या अन्य वस्तुओं की खरीद-बिक्री करते समय सतर्क रहने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि बिना सत्यापन किए किसी भी लेनदेन में शामिल न हों और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना पुलिस को दें। इसके अलावा, छात्रों को बताया गया कि किसी भी प्रकार की आपत्तिजनक पोस्ट या वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर न करें क्योंकि यह साइबर कानून का उल्लंघन है और कानूनी कार्रवाई का कारण बन सकता है।

गोष्ठी में टोल-फ्री नंबर 1930 की भी जानकारी दी गई, जिसके माध्यम से साइबर धोखाधड़ी या ऑनलाइन ठगी की तुरंत शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। पुलिस अधिकारियों ने छात्रों से आग्रह किया कि यदि वे किसी भी तरह की ऑनलाइन ठगी का शिकार होते हैं तो तुरंत इस नंबर पर कॉल करें ताकि समय रहते उनकी शिकायत पर कार्रवाई की जा सके।

इस कार्यक्रम के जरिए हरिद्वार पुलिस ने युवाओं को न केवल नशामुक्त रहने का संदेश दिया बल्कि उन्हें डिजिटल युग में सुरक्षित रहने के लिए जागरूक भी किया। पुलिस ने स्पष्ट किया कि समाज के युवाओं की सक्रिय भागीदारी के बिना नशामुक्त देवभूमि का सपना साकार नहीं हो सकता। उन्होंने छात्रों से अपील की कि वे इस संदेश को अपने परिवार और समुदाय तक पहुंचाएं और एक जागरूक नागरिक के रूप में समाज को सुरक्षित बनाने में योगदान दें।

पुलिस की यह पहल हरिद्वार जिले में बढ़ते साइबर अपराधों पर रोक लगाने और नशे की लत को खत्म करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस तरह के कार्यक्रम न केवल छात्रों बल्कि पूरे समाज को जागरूक करने में मददगार साबित हो रहे हैं। अधिकारियों ने कहा कि भविष्य में भी ऐसे जागरूकता अभियान जारी रहेंगे ताकि देवभूमि को पूरी तरह ड्रग्स और साइबर अपराधों से मुक्त बनाया जा सके।

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By ATHAR

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