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हरिद्वार में साइबर सुरक्षा को लेकर पुलिस का जन-जागरूकता अभियान लगातार जारी है। इसी क्रम में पुलिस की साइबर सेल टीम ने BML Munjal Green Medows School, नवोदय नगर रोशनाबाद में छात्रों और शिक्षकों को साइबर अपराध से बचाव के उपाय बताए।
बढ़ते साइबर अपराधों पर अंकुश की दिशा में कदम
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरिद्वार के निर्देशन और पुलिस अधीक्षक (अपराध) के नेतृत्व में साइबर सेल की टीम ने 24 अक्टूबर 2025 को सिडकुल क्षेत्र स्थित BML Munjal Green Medows School में एक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया।
इस दौरान स्कूल के शिक्षकों और करीब 200 विद्यार्थियों को ऑनलाइन धोखाधड़ी, फिशिंग, फेक लिंक, साइबर बुलिंग और सोशल मीडिया फ्रॉड जैसे मामलों से बचाव की जानकारी दी गई।
क्यों जरूरी है साइबर जागरूकता अभियान?
डिजिटल युग में साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं। बैंकिंग फ्रॉड से लेकर सोशल मीडिया हैकिंग तक, अपराधी अब तकनीक का इस्तेमाल करके मासूम लोगों को निशाना बना रहे हैं।
हरिद्वार पुलिस ने हाल के महीनों में कई साइबर फ्रॉड मामलों का पर्दाफाश किया है, जिनमें लाखों रुपये की ठगी हुई थी। ऐसे में आम नागरिकों, खासतौर पर युवाओं और छात्रों को डिजिटल सुरक्षा के प्रति जागरूक करना बेहद जरूरी हो गया है।
जागरूकता के साथ दी गई व्यावहारिक जानकारी
कार्यक्रम में साइबर सेल टीम ने उदाहरणों के माध्यम से बताया कि कैसे अनजान लिंक, कॉल या ईमेल के जरिए साइबर ठग लोगों को फंसाते हैं।
छात्रों को अपने पासवर्ड सुरक्षित रखने, OTP किसी से साझा न करने, और संदिग्ध वेबसाइटों से दूर रहने की सलाह दी गई।
टीम ने जागरूकता बढ़ाने के लिए पंपलेट भी वितरित किए और स्कूल परिसर में साइबर सुरक्षा संबंधी पोस्टर चिपकाए ताकि संदेश ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचे।
(यहां पुलिस अधीक्षक या साइबर सेल प्रभारी का आधिकारिक बयान जोड़ा जा सकता है। जैसे: “साइबर अपराध को रोकने का सबसे प्रभावी तरीका है—जागरूकता। पुलिस का उद्देश्य हर नागरिक को डिजिटल सुरक्षा के प्रति सजग बनाना है।”)
बच्चों में बढ़ी डिजिटल सुरक्षा की समझ
कार्यक्रम का स्कूल स्टाफ और छात्रों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा। शिक्षकों ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों से बच्चों को डिजिटल प्लेटफॉर्म का जिम्मेदारी से उपयोग करने की प्रेरणा मिलती है।
स्थानीय स्तर पर भी लोग अब साइबर अपराधों की गंभीरता को समझने लगे हैं, जिससे भविष्य में ऐसे मामलों में कमी आने की संभावना है।
बढ़ते साइबर अपराधों का ग्राफ चिंताजनक
(उदाहरण के लिए: राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के अनुसार, पिछले एक वर्ष में उत्तराखंड में साइबर अपराध के मामलों में 25% की वृद्धि दर्ज की गई है। हरिद्वार जिले में अकेले 200 से अधिक शिकायतें दर्ज की गई हैं।)
जागरूकता ही बचाव का सबसे मजबूत हथियार
डिजिटल तकनीक ने जीवन आसान बनाया है, लेकिन इसके साथ खतरे भी बढ़े हैं।
हरिद्वार पुलिस की यह पहल सराहनीय है, क्योंकि साइबर सुरक्षा के प्रति शिक्षित समाज ही अपराधमुक्त डिजिटल भविष्य का निर्माण कर सकता है।
जनता से अपील है कि किसी भी संदिग्ध ऑनलाइन गतिविधि की सूचना तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर दें।
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